रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित सेंट्रल जेल में गुरुवार को कोरोना ब्लास्ट हुआ है. यहां एक साथ 41 कोरोना संक्रमित मिले हैं. इसमें 39 कैदी और दो जेल के अफसर शामिल हैं. कैदियों के कोरोना पॉजिटिव पाे जाने के बाद सभी कैदियों का कोरोना टेस्ट कराया गया है. शुक्रवार को विधायक विकास उपाध्याय भी जेल पहुंच वहां का निरीक्षण किया. इस दौरान जेल के डीआईजी केके गुप्ता भी मौजूद रहे.
जेल निरीक्षण के दौरान विकास ने कैदियों से बात की और उनसे जेल में उपलब्ध व्यवस्थाओ और सुविधाओं की जानकारी ली. इसके साथ ही कोराना संक्रमण से बचाव के लिए बंदियों से जेल प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करने अपील की. केके गुप्ता ने निरीक्षण के दौरान विकास को बताया कि बाहर से आने वाले बंदियों को जेल में प्रवेश करने के पहले जांच पड़ताल की जाती है और उन्हें 14-14 दिन अलग-अलग जगह पर क्योरिनटींन किया जाता है. इसके बाद उन्हें आम बंदियों के साथ जेल के अंदर बैरक में रखा जाता है. साथ ही जेल की अन्य व्यवस्थाओं की भी जानकारी जेल के डीआईजी ने विकास को दी.
जेल का निरीक्षण
बताया जा रहा है कि जेल निरिक्षण के बाद विकास एक रिपोर्ट तैयार कर जेल मंत्री ताम्रध्वज साहू को सौपेंगे ताकी इस बात का पता लगाया जा सके की इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के बाद भी जेल में इतने ज्यादा केस कैसे आए. इसके साथ ही यह भी पता लगाने की कोशीश की जाएगी की जेल विभाग से कहा चूक हुई है, जिसे दुरूस्त किया जाना है. ताकी ऐसी स्थिति दोबारा निर्मित न हो.
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39 बंदी कोरोना संक्रमित
रायपुर सेंट्रल जेल में गुरुवार को 39 बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जबकि दो प्रहरी भी इन बंदियों के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं. जेल सूत्रों का दावा है कि 100 से ज्यादा बंदी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, उनका कोरोना टेस्ट कराने के बजाय सभी को एक साथ बैरक रखा गया है. केवल गंभीर मरीजों की ही जांच की गई है.
संक्रमितों की संख्या बढ़ना चिंताजनक
कोरोना पॉजिटिव पाए गए सभी 41 लोगों को आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एहतियातन के तौर पर बैरक में रह रहे अन्य सभी बंदियों का कोरोना टेस्ट कराया गया है. साथ ही पूरे बैरक को सैनिटाइज कर अन्य सुरक्षा के उपाय अपनाए जा रहे हैं. बुधवार को 16 बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जबकि जेल के मुख्य गेट के सामने ड्यूटी कर रहे एक जवान सबसे पहले कोरोना संक्रमित निकला था. बता दें कि लॉकडाउन के कारण जेल में बंदियों की परिजनों से मुलाकात की व्यवस्था बंद है. इसके बावजूद कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ना चिंताजनक है.