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छत्तीसगढ़ की लापता पूर्व महिला आरक्षक मथुरा में मिली, प्रताड़ित होकर दिया था इस्तीफा

छत्तीसगढ़ राज्य की लापता व पूर्व आरक्षी महिला (Missing and former constable) को पुलिस ने शुक्रवार को मथुरा जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र से हिरासत में लिया. पुलिस द्वारा हिरासत में ली गई महिला का आरोप है कि उसने उच्च अधिकारियों की प्रताड़ना (harassment of higher officials) से परेशान होकर छत्तीसगढ़ पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दिया था, पूरी खबर पढ़िए

पूर्व महिला आरक्षी मथुरा में मिली
पूर्व महिला आरक्षी मथुरा में मिली
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Published : Sep 3, 2021, 10:51 PM IST

मथुरा/रायपुर : शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना (mental torture) से परेशान होकर एक महिला मथुरा (Mathura) जिले के थाना कोतवाली क्षेत्र में लगभग 8 महीने से रह रही थी. पीड़िता वृंदावन में ठेला लगाकर मंदिरों के आस-पास छोटी-मोटी बस्तुएं बेंचकर गुजारा कर रही थी. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ राज्य की पुलिस (Chhattisgarh Police) ने मथुरा पहुंचकर पीड़ित महिला को हिरासत में ले लिया. छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) जब स्थानीय पुलिस के पास महिला को लेकर गई तो चौंकाने वाले राज खुले.

छत्तीसगढ़ की लापता पूर्व महिला आरक्षी मथुरा में मिली


दरअसल, मथुरा में मंदिरों के आस-पास कपड़े व छोटी-मोटी बस्तुएं बेंचकर गुजारा करने वाली महिला छत्तीसगढ़ पुलिस की पूर्व आरक्षी है. पीड़ित महिला का आरोप है कि उसने उच्च अधिकारियों (allegations against higher officials) के मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से परेशान होकर पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. पीड़िता ने बताया कि उसने शोषण के खिलाफ वर्ष 2007 व 2016 में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते उल्टा उसे ही साजिश में फंसाया जा रहा था. प्रताड़ना के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने से परेशान वह छत्तीसगढ़ से मथुरा आ गई.

पीड़िता ने बताया कि उसने छत्तीसगढ़ पुलिस में 14 साल तक नौकरी की है. वह मथुरा में 26 दिसंबर 2020 से रह रही थी और छोटे-मोटे सामान बेंचकर अपना गुजारा कर रही थी. पीड़िता ने अपनी मां पर भी आरोप लगाया है. उसने कहा कि मेरी मां ने मेरे खिलाफ शिकायत की है. इस संबंध में रायगढ़ के थाना राजेंद्र नगर के उपनिरीक्षक गुरविंदर सिंह संधू ने बताया कि पीड़िता की मां ने अपनी बेटी की गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. प्राप्त तहरीर के आधार पर 21 अगस्त को गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की पुलिस छानबीन कर रही थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए महिला को मथुरा के गौरीगोपाल आश्रम के समीप से सड़क किनारे पोशाक बेंचते समय हिरासत में लिया गया है.

मथुरा/रायपुर : शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना (mental torture) से परेशान होकर एक महिला मथुरा (Mathura) जिले के थाना कोतवाली क्षेत्र में लगभग 8 महीने से रह रही थी. पीड़िता वृंदावन में ठेला लगाकर मंदिरों के आस-पास छोटी-मोटी बस्तुएं बेंचकर गुजारा कर रही थी. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ राज्य की पुलिस (Chhattisgarh Police) ने मथुरा पहुंचकर पीड़ित महिला को हिरासत में ले लिया. छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) जब स्थानीय पुलिस के पास महिला को लेकर गई तो चौंकाने वाले राज खुले.

छत्तीसगढ़ की लापता पूर्व महिला आरक्षी मथुरा में मिली


दरअसल, मथुरा में मंदिरों के आस-पास कपड़े व छोटी-मोटी बस्तुएं बेंचकर गुजारा करने वाली महिला छत्तीसगढ़ पुलिस की पूर्व आरक्षी है. पीड़ित महिला का आरोप है कि उसने उच्च अधिकारियों (allegations against higher officials) के मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से परेशान होकर पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. पीड़िता ने बताया कि उसने शोषण के खिलाफ वर्ष 2007 व 2016 में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते उल्टा उसे ही साजिश में फंसाया जा रहा था. प्रताड़ना के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने से परेशान वह छत्तीसगढ़ से मथुरा आ गई.

पीड़िता ने बताया कि उसने छत्तीसगढ़ पुलिस में 14 साल तक नौकरी की है. वह मथुरा में 26 दिसंबर 2020 से रह रही थी और छोटे-मोटे सामान बेंचकर अपना गुजारा कर रही थी. पीड़िता ने अपनी मां पर भी आरोप लगाया है. उसने कहा कि मेरी मां ने मेरे खिलाफ शिकायत की है. इस संबंध में रायगढ़ के थाना राजेंद्र नगर के उपनिरीक्षक गुरविंदर सिंह संधू ने बताया कि पीड़िता की मां ने अपनी बेटी की गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. प्राप्त तहरीर के आधार पर 21 अगस्त को गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की पुलिस छानबीन कर रही थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए महिला को मथुरा के गौरीगोपाल आश्रम के समीप से सड़क किनारे पोशाक बेंचते समय हिरासत में लिया गया है.

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