रायपुर: छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा का बुरा हाल है. यहां कॉलेजों में प्रोफेसरों की स्वीकृत सभी 595 पद पर (Mismanagement in higher education department in Chhattisgarh) खाली हैं. इन पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया तो शुरू होती है. लेकिन नियमों में जाकर मामला अटक जाता है. इस बार भी यही हुआ है. लगभग 8 माह से भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है. प्राध्यापकों के पद खाली होने का सीधा असर शिक्षा गुणवत्ता के साथ ही नैक मूल्यांकन पर भी पड़ रहा है. इसके बाद भी जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी कराने पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से ध्यान नहीं (Professor posts vacant in Chhattisgarh colleges) दिया जा रहा है.
सीधी भर्ती वाले एक भी प्रध्यापक नहीं: उच्च शिक्षा विभाग की मानें तो नियम में संशोधन करके जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी. वहीं शिक्षाविदों का इस मामले में कहना है कि नैक मूल्यांकन जारी है. उसमें हो रहे नुकसान की भरपाई कैसे होगी? इस संबंध में जानकारी के अनुसार प्रदेश में 279 सरकारी कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में पदोन्नति प्राप्त प्राध्यापक तो हैं, लेकिन सीधी भर्ती वाले एक भी प्राध्यापक नहीं हैं. इस वजह से प्रदेश के कॉलेजों के लिए स्वीकृत पद अध्यापकों का 595 पद रिक्त दर्शाया जाता है. इन पदों को भरने के लिए 2 सितंबर 2021 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन जारी किया था. जानकारी के अनुसार कॉलेजों में 30 विषयों के अध्यापकों के पद रिक्त हैं. इसमें 75 पद राजनीति शास्त्र के, हिंदी के 64, वाणिज्य और समाजशास्त्र के 57-57, रसायन शास्त्र के 50, अर्थशास्त्र के 51 पद खाली हैं.
भर्ती में कई तरह की दिक्कतें : जब विज्ञापन जारी हुआ था, तब प्रदेश के कॉलेजों के सहायक अध्यापकों (Chhattisgarh colleges studies will interrupted) एवं पदोन्नत प्राध्यापकों ने भर्ती नियम स्पष्ट करने की मांग की थी. उनका कहना था कि विज्ञापन में भर्ती नियम स्पष्ट नहीं था. यह विज्ञापन संबंधित विभाग के भर्ती नियम के अनुरूप प्रकाशित किया जा रहा है. उम्र बंधन से जुड़ा सबसे बड़ा विरोध भी था.
आठ महीने में भी नहीं हुआ संशोधन: भर्ती नियम में संशोधन के चलते अक्टूबर महीने में भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया रोकी गई थी. लगभग 8 माह में उच्च शिक्षा विभाग जरूरी संशोधन नहीं करा सका. जानकारी के अनुसार 13 सितंबर 2021 से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. 12 अक्टूबर 2021 तक आवेदन किया जाना था. लेकिन 7 अक्टूबर 2021 को आवेदन की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई. आवेदन स्थगित करने के पीछे उच्च शिक्षा विभाग के 5 अक्टूबर 2021 के पत्र का हवाला दिया गया था. वहीं पीएससी के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक आगे की कार्रवाई के लिए उच्च शिक्षा विभाग से कोई पत्र नहीं आया है.
वहीं इस संबंध में उच्च शिक्षा सचिव उमेश यादव का कहना है कि "595 प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया नियम में संशोधन के चलते रुकी हुई है. जल्द नियम में संशोधन कराकर भर्ती प्रक्रिया को पूरी करेंगे. इसे लेकर काम भी शुरू हो गया है".