रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते केस को लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रायपुर के सर्किट हाउस में अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में कोरोना के बढ़ते खतरे और हॉस्पिटल में बेड की व्यवस्था पर चर्चा की गई. बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया से चर्चा की. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि ओवरऑल पोजीशन क्या है ? किस चीज की कमी है ? किसको प्राथमिकता देनी है? इन सभी विषयों पर बातचीत की गई है.
1 मई से 18 साल प्लस सभी के टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस फैसले का स्वागत है. 20 फीसदी आबादी को वैक्सीनेट करना है और तो ये होना ही था. इसकी घोषणा पहले हो जाती तो माहौल खराब नहीं होता. 1 मई से पहले ही इसकी घोषणा कर देनी चाहिए थी. वैक्सीन खरीदने की प्रक्रिया पर सिंहदेव ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर के लिए कितनी मारामारी है. आपने सभी कुछ मार्केट पर छोड़ दिया. जो जितना चाहे, जहां से चाहे खरीद सकते हैं. इसकी कालाबाजारी हो रही है. वैक्सीन की कमी है, प्रोडक्शन में इजाफा नहीं हुआ है. वैक्सीन का वितरण एक जगह से ही होना चाहिए था. केंद्र सरकार ने अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है. यह अफसोस की बात है.
रेलवे प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में मास्क नहीं पहनने पर लगेगा 500 रुपये तक का जुर्माना
मंत्री टीएस सिंहदेव से सवाल किया गया कि मुख्यमंत्री हमेशा कहते रहे हैं कि वैक्सीनेशन फ्री में होना चाहिए. इस स्थिति में क्या निर्णय लिया जा सकता है? टीएस सिंहदेव ने इस सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री जी इस पर निर्णय लेंगे. इसके बारे में घोषणा करेंगे. फिलहाल यह केंद्र सरकार के बजट में है. पब्लिक का पैसा सरकार के माध्यम से खर्च होता है.30 हजार करोड़ रुपये यदि वैक्सीनेशन के लिए रख लिए गए हैं. बजट पास हो गया है तो यह राशि उपलब्ध होनी चाहिए. यदि राज्य सरकार को भी वे वैक्सीन खरीदने के लिए कहते हैं तो केंद्र सरकार को ही रुपये देने चाहिए.
'एक साथ लॉकडाउन लगाया जाना आदर्श नीति'
टीएस सिंहदेव ने कहा कि आदर्श नीति यही थी कि लॉकडाउन एक साथ लगाया जाए. लेकिन कहीं ज्यादा संक्रमण था, कहीं कम संक्रमण था. उस कारण कलेक्टर्स ने अपने यहां की स्थिति को देखते हुए निर्णय लिया. लॉकडाउन की कठिनाइयां सहने के बाद भी नागरिकों ने जो योगदान दिया है, यह कोरोना के खिलाफ जंग में सकारात्मक दिशा में बड़ा कदम है.