रायपुर: केंद्र सरकार के नए कृषि विधेयक को लेकर छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार यह विधेयक लाकर किसानों को कॉर्पोरेट और निजी कंपनियों का गुलाम बनाने की साजिश कर रही है. उन्होंने कहा कि 'मैं स्वयं किसान का बेटा हूं, कृषक पृष्टभूमि से आता हूं, इसीलिए यह कह सकता हूं की यह बिल पूरी तरह से किसान विरोधी है.
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों का शोषण करने के ध्येय से देश में नया किसान अध्यादेश लेकर आई है. वे खुद किसान के बेटे हैं. इसलिए इस देश के अन्य सभी किसान साथियों की तरह इस बिल का पुरजोर विरोध करते हैं.
उन्होंने अध्यादेश में किसान विरोधी कारणों को गिनवाते हुए कहा कि अगर मंडियां खत्म हो गई तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) नहीं मिल पाएगा. जिससे किसानों में अफरा तफरी और असंतोष का माहौल उत्पन्न होगा.
पढ़ें-बेमेतरा:रबी फसल की 102 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी, किसानों को मिलेगी राहत
इस विधेयक में कीमतों को तय करने का कोई तंत्र नहीं है. जायज है कि इस व्यवस्था से निजी कंपनियां किसानों का शोषण करेंगी और उन्हें उचित मूल्य प्राप्त नहीं होगा. किसानों की जमीन निजी कंपनियों और कॉर्पोरेट ग्रुप्स के हाथों में चली जाएगी.
कालाबाजारी बढ़ने की आशंका
व्यापारी इस जरिए फसलों की जमाखोरी करेंगे. इससे बाजार में अस्थिरता उत्पन्न होगी और महंगाई बढ़ेगी. ऐसें में इन्हें नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता है. जिसके बारे में इस बिल में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. अगर फसलों के उचित दाम नहीं दिए जाएंगे तो सभी राज्य सरकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इस अध्यादेश को लाने से उपज के स्टोरेज तक में कालाबाजारी बढ़ेगी. मंत्री साहू ने कहा कि किसान साथियों के साथ ये अन्याय हम सहन नहीं करेंगे. कांग्रेस पार्टी देश के सभी किसानों के साथ खड़ी है और इन सभी अध्यादेशों का पुरजोर विरोध करती है.