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ग्राम पटेल की हत्या पर गृहमंत्री का बयान, कहा: अपहरण के तुरंत बाद नहीं भेजी जाती फोर्स

सुकमा में ग्रामीण की हत्या पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जानकारी एकत्र कर जरूरत पड़ने पर जांच किए जाने का आश्वासन दिया है.

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू
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Published : Nov 11, 2019, 3:57 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 4:14 PM IST

रायपुर: नक्सलियों ने सुकमा में एक बार फिर कायराना हरकत को अंजाम दिया है. नक्सलियों ने यहां के जगरगुंडा के कामापारा में ग्राम पटेल का अपरहण कर उसकी हत्या कर दी. अपहरण के एक हफ्ते बाद नक्सलियों ने ग्राम पटेल को मौत के घाट उतार दिया. इस मामले में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का बयान सामने आया है. उन्होंने मामले में जरूरत के मुताबिक जांच की बात कही है.

ग्राम पटेल की हत्या पर गृहमंत्री का बयान

गृहमंत्री ने कहा कि नक्सलियों के ऐसे अपहरण के मामले में तुरंत फोर्स को नहीं भेजा जाता है. बल्कि पहले आसपास के लोगों की मदद से अपहृत व्यक्ति को छुड़ाने पहल की जाती है. पुलिस को कई बार इसमें सफलता भी मिली है, हालांकि हर बार सफलता मिले ऐसा जरूरी नहीं है.

गांव में दहशत का माहौल
बता दें कि नक्सलियों ने हफ्ते भर पहले सुदामा नाम के एक व्यक्ति का अपहरण कर लिया था. अपहरण के बाद नक्सलियों ने उसकी हत्या कर दी और शव को कामापारा के पास फेंक दिया. घटना के बाद से ही क्षेत्र में दहशत का माहौल है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब नक्सलियों ने ग्रामीण का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी हो. इससे पहले भी नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या की है. अब देखने वाली बात है कि इस घटना के बाद शासन प्रशासन क्या सीख लेता है और आगामी दिनों में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो उसके लिए क्या कदम उठाता है.

रायपुर: नक्सलियों ने सुकमा में एक बार फिर कायराना हरकत को अंजाम दिया है. नक्सलियों ने यहां के जगरगुंडा के कामापारा में ग्राम पटेल का अपरहण कर उसकी हत्या कर दी. अपहरण के एक हफ्ते बाद नक्सलियों ने ग्राम पटेल को मौत के घाट उतार दिया. इस मामले में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का बयान सामने आया है. उन्होंने मामले में जरूरत के मुताबिक जांच की बात कही है.

ग्राम पटेल की हत्या पर गृहमंत्री का बयान

गृहमंत्री ने कहा कि नक्सलियों के ऐसे अपहरण के मामले में तुरंत फोर्स को नहीं भेजा जाता है. बल्कि पहले आसपास के लोगों की मदद से अपहृत व्यक्ति को छुड़ाने पहल की जाती है. पुलिस को कई बार इसमें सफलता भी मिली है, हालांकि हर बार सफलता मिले ऐसा जरूरी नहीं है.

गांव में दहशत का माहौल
बता दें कि नक्सलियों ने हफ्ते भर पहले सुदामा नाम के एक व्यक्ति का अपहरण कर लिया था. अपहरण के बाद नक्सलियों ने उसकी हत्या कर दी और शव को कामापारा के पास फेंक दिया. घटना के बाद से ही क्षेत्र में दहशत का माहौल है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब नक्सलियों ने ग्रामीण का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी हो. इससे पहले भी नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या की है. अब देखने वाली बात है कि इस घटना के बाद शासन प्रशासन क्या सीख लेता है और आगामी दिनों में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो उसके लिए क्या कदम उठाता है.

Intro:नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों के अपहरण के तुरंत बाद उन्हें छुड़ाने नहीं भेजी जाती है फोर्स : गृह मंत्री

रायपुर एक बार फिर नक्सलियों के द्वारा एक ग्रामीण का अपहरण कर हफ्ते बाद उसकी हत्या कर दी गई इस मामले को लेकर गृहमंत्री का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने मामले की जानकारी एकत्र कर जरूरत पड़ने पर जांच किए जाने का आश्वासन दिया है




Body:घटना के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों के अपहरण करने के तुरंत बाद फोर्स को उन्हें छुड़ाने नहीं भेजा जाता है बल्कि आसपास के लोगों की मदद से ही उन अपहृत व्यक्तियों को छुड़ाने पहल की जाती है जिसमें एक कई बार सफलता भी मिली है हालांकि हर बार सफलता मिले ऐसा जरूरी नहीं है.

इसी परिपेक्ष में हाल ही में सुकमा में नक्सलियों द्वारा ग्रामीण की हत्या जा मामला देखने को मिला है मंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले की जानकारी उनके द्वारा मंगाई जा रही है और यदि आवश्यक हुआ तो मामले की जांच कर उचित कार्रवाई भी की जाएगी
बाइट ताम्रध्वज साहू मंत्री गृह विभाग




Conclusion:बता दें कि नक्सलियों के द्वारा सुकमा जिले के जगरगुंडा के कामापारा एक व्यक्ति का हफ्ते भर पहले अपहरण कर लिया गया था इस व्यक्ति का नाम सुदामा था जिसकी नक्सलियों ने अपहरण के बाद हत्या कर शव को कामा पारा के पास फेंक दिया ।घटना के बाद से ही क्षेत्र में दहशत का माहौल है

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब नक्सलियों द्वारा ग्रामीण का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई हो इसके पहले भी यह क्रम लगातार जारी रहा है यदि यह मामला हाईप्रोफाइल होता है तो शासन प्रशासन अपहृत व्यक्ति को छुड़ाने बड़े स्तर पर प्रयास करते हैं लेकिन नक्सलियों द्वारा अपहरण ग्रामीणों का किया गया था इसलिए शासन प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी जिसका खामियाजा एक ग्रामीण को अपनी जान को कर चुकाना पड़ा। नक्सली आए दिन पुलिस की मुखबिरी के नाम पर ग्रामीणों की हत्या करते आ रहे हैं अब देखने वाली बात है कि इस घटना के बाद शासन प्रशासन क्या सीख लेता है और आगामी दिनों में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो उसके लिए क्या कदम उठाता है
Last Updated : Nov 11, 2019, 4:14 PM IST
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