रायपुर: कोरोना की दूसरी लहर कम होने के साथ ही छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है. भूपेश सरकार ने निगम, मंडल, आयोग, अभिकरण और प्राधिकरण में मनोनीत अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया है. मंगलवार को विभिन्न निगम-मंडलों में पदाधिकारी बनाए गए 16 नेताओं को मंत्री का दर्जा देने का आदेश मंत्रालय के सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी कर दिया. जिनमें से 4 विधायक भी है. हालांकि विभाग ने ये स्पष्ट कर दिया है कि शासन ने उन्हें कैबिनेट और राज्य मंत्री का दर्जा सिर्फ शिष्टाचार के लिए दिया है. उन्हें नियमानुसार सुविधाएं उपलब्ध कराने का उत्तरदायित्व संबंधित प्रशासकीय विभाग, निगम, मंडल, अभिकरण, आयोग और प्राधिकरण का ही होगा.
विभाग की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक रायपुर उत्तर के विधायक और छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, दुर्ग विधायक और राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष अरुण वोरा, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष और बसना विधायक देवेन्द्र बहादुर सिंह, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.
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पदाधिकारियों का बढ़ा कद
इसी तरह नान के अध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.
नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, मछुआ बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, अन्त्यवसायी सहकारी वित्त निगम के अध्यक्ष धनेश पाटिला, छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.
इसके अलावा हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष पद्मा मनहर और अन्त्यवसायी सहकारी वित्त निगम की उपाध्यक्ष नीता लोधी को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है.