रायपुर : आरक्षण के मुद्दे को लेकर भूपेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और विधायकों ने छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल बिश्व भूषण हरिचंदन से मुलाकात की है. कांग्रेस की टीम ने राजभवन में लंबित आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करने का आग्रह राज्यपाल से किया है.आपको बता दें कि आरक्षण संशोधन विधेयक को पूर्व में तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया उईके के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था.लेकिन अनुसुइया उईके ने बिल पर साइन नहीं किया. अब एक बार फिर कांग्रेस ने नए राज्यपाल से बिल पर साइन करने का अनुरोध किया है.
''राजनीतिक दबाव में दिख रहे हैं राज्यपाल'' : मंत्री कवासी लखमा सहित कांग्रेस के विधायक राजभवन पहुंचे. जहां नए राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद उन्हें आरक्षण के मुद्दे से अवगत कराया. चर्चा करने के बाद मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि '' हमने पहले राज्यपाल से भी इस पर चर्चा की थी और अब नए राज्यपाल हैं उनसे काफी गंभीर चर्चा हुई है.हमें आश्वासन दिया गया. राज्यपाल भाजपा के दबाव में लग रहे हैं. क्योंकि राज्यपाल ने कहा कि देख लेंगे समीक्षा करेंगे.राज्यपाल ने अंग्रेजी में बात की, बाकी लोगों ने ज्यादा बात की मैं कम बात किया.'' लखमा ने कहा कि ''राज्यपाल उम्र के हिसाब से कम सुनते हैं, लेकिन उनकी बातों से लग रहा था कि वे राजनीतिक दबाव में हैं.''
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''राज्य सरकार के निर्देश पर नहीं चलते राज्यपाल'' : राज्यपाल से मुलाकात के बाद कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि '' राज्यपाल सर्वोच्च पद होता है, संवैधानिक पद होता है.राज्यपाल नियम कायदे कानून से काम करते हैं. राज्य सरकार के निर्देश पर नहीं. विधि विशेषज्ञों की राय लेकर वह अपनी बात करते हैं.इस प्रकार की राजनीतिक टिप्पणी राज्यपाल पर किया जाना छत्तीसगढ़ में ही देखने को मिलता है.राज्य सरकार की मंशा के तहत गवर्नर नहीं चलेंगे. सरकार दबाव डालेगी तो नहीं होगा.''