रायपुर : मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को प्रदेश के एक-दो जगहों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. इस दौरान अधिकतम तापमान में विशेष बदलाव होने की संभावना नहीं है. मौसम विभाग का कहना है कि एक द्रोणिका मध्य पाकिस्तान से मध्य बिहार तक स्थित है. यह एक मानसून ब्रेक की स्थिति जैसी है, इसलिए छत्तीसगढ़ में बहुत ज्यादा बारिश होने की संभावना कम है.
बस्तर के रास्ते 11 जून को छत्तीसगढ़ में मानसून प्रवेश कर चुका है. मौसम विभाग के मुताबिक मानसून सामान्य तिथि से एक हफ्ते पहले ही प्रदेश में दस्तक दे चुका है. वहीं राजधानी सहित कई हिस्सों में भी मानसून पहुंच चुका है, जिसकी वजह से कई जगहों पर बारिश भी हुई. छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में 21 जून से 23 जून तक लगातार रुक-रुक कर बारिश हुई है. वहीं कई जिलों में भारी बारिश भी हुई.
मानसून ब्रेक की संभावना
राजधानी के मौसम में फिर से एक बार उमस और गर्मी का एहसास लोगों को होने लगा है. वहीं 23 जून के बाद से प्रदेश में बारिश लगभग थम सी गई है, जिसके कारण लोगों को फिर एक बार गर्मी और उमस का सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक इस स्थिति को मानसून ब्रेक की स्थिति बताया जा रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि एक द्रोणिका मध्य पाकिस्तान से मध्य बिहार तक स्थित है, जिसके कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हुई है.
पढ़ें: WEATHER UPDATE: छत्तीसगढ़ में चढ़ा पारा, हल्की बारिश की संभावना
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में 21 जून से 23 जून तक बारिश होने के कारण कई नदी-नाले उफान पर हैं. धमतरी में बारिश की वजह से कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया. साथ ही नाले के ऊपर से पानी बहने की वजह से आवाजाही भी थमी रही. सिहावा क्षेत्र के बालका नदी, महानदी, सीतानदी का पानी नदी-नालों पर बने छोटे-छोटे पुल से दो फीट ऊपर बह रहा है. इससे इलाके के लोगों को गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन उतनी ही परेशानी भी बढ़ गई है. इसी तरह बालोद, कांकेर, अंबिकापुर में भी भारी बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति बन गई. बालोद में भारी बारिश की वजह से टेंगना बरपारा के मुख्य मार्ग पर स्थित चोरहा नाला का पुल टूट गया था, जिससे आवागमन प्रभावित रहा.