रायपुर: आगामी मोहर्रम त्यौहार मनाये जाने के मद्देनजर सोमवार को पुलिस नियंत्रण कक्ष (सी-4) में बैठक आयोजित की गई. इस दौरान पुलिस अधिकारियों के साथ मुस्लिम समाज के लोग भी मौजूद थे. कोरोना वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए बैठक में आपसी सहमति से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
वर्तमान में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मोहर्रम त्यौहार मनाने के कार्यक्रम को सीमित रखने और सांकेतिक रूप से मनाए जाने के लिए चर्चा की गई. इस दौरान आपसी सहमति से निर्णय लिया गया है कि इस बार पूरे शहर में मोमिनपारा आजाद चौक और ईरानी डेरा सिविल लाइन से एक-एक ताजिया और काफी सीमित संख्या में सवारियां निकाली जाएगी.
2 व्यक्तियों को जाने की अनुमति दी गई
प्रत्येक ताजिया के साथ 4 व्यक्ति और प्रत्येक वाहन के साथ 2 व्यक्तियों को जाने की अनुमति दी गई है. ताजिया और सवारी एक साथ रैली के रूप में नहीं चलेगी. साथ ही एक-दूसरे के मध्य पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग रखना अनिवार्य होगा.
शस्त्र प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं
सभी ताजिया और सवारियां सूर्यास्त (मगरीब) के पूर्व करबला पहुंचाए जाने की जिम्मेदारी कमेटी की होगी. ताजिया अथवा सवारी के साथ ढोल, बाजा और किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति नहीं दी गई है. सांकेतिक रूप से भी शस्त्र प्रदर्शन और अखाड़ा करने की अनुमति नहीं दी है. भारत सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन के गाइडलाइन का पालन करते हुए मोहर्रम त्यौहार मनाने की अनुमति दी गई.
पुलिस विभाग के आला-अधिकारी रहे उपस्थित
इस बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर तारकेश्वर पटेल, अनुविभागीय दण्डाधिकारी प्रणव सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाइन नसर सिद्धकी, नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली डी सी पटेल, नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती मनोज ध्रुव और मुस्लिम समाज के करीब 30 लोग मौजूद थे.