रायपुर: हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल कजरी तीज 14 अगस्त 2022 को मनाई जा रही है. कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन को सुखी रखने के लिए निर्जला व्रत रखकर शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं. कजरी तीज को कजली तीज या सातुड़ी तीज भी कहा जाता है.
कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं व्रत: इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और नीमड़ी माता की विधि विधान से पूजा की जाती है. अविवाहित लड़कियां भी अच्छा पति पाने के लिए यह व्रत रखती हैं. ऐसा मना जाता है कि इस व्रत को करने से कन्याओं को अच्छे वर की प्राप्ति होती है.
कजरी तीज की पूजा विधि: कजरी तीज के दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन नीमड़ी माता की भी पूजा की जाती है. पूजा के लिए तालाब जैसी आकृति बनाने के लिए मिट्टी से पाल बनाई जाती है. नीम की टहनी को तालाब के भी भीतर दीवार पर लगाया जाता है. तालाब में कच्चा दूध और जल डाला जाता है. एक दीया प्रज्ज्वलित किया जाता है. पूरे विधि विधान के साथ नीमड़ी माता को केला, सेब, सत्तू, नींबू, ककड़ी, रोली, मोली और अक्षत अर्पित किया जाता है. घी और मेवे से बना प्रसाद भी चढ़ाया जाता है. शाम को पूजा के बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर इस व्रत को खोला जाता है.
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कजरी तीज 2022 शुभ मुहूर्त: पंचांग के अनुसार कजरी तीज भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 13 अगस्त, शनिवार की देर रात 12 बजकर 53 मिनट से शुरू हो रही है. तृतीया तिथि की समाप्ति 14 अगस्त, रविवार को रात 10 बजकर 35 मिनट को होगी.