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निर्वाचन प्रक्रिया को ठीक करने के लिए किया जा रहा EEPIC वोटर कार्ड का निर्माण: पी दयानंद

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Published : Jul 29, 2022, 10:56 PM IST

एक अगस्त से मतदाता परिचय पत्र में कई तरह के बदलाव किए जा रहे (Manufacture of EEPIC voter card) हैं. EEPIC वोटर कार्ड मतदाता परिचय पत्र का एक नया फीचर है. इसमें क्या खास होगा. इस पूरी प्रक्रिया पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी दयानंद (ETV bharat conversation with Chhattisgarh Chief Electoral Officer P Dayanand) से ईटीवी भारत ने खास बात की (P Dayanand on eEPIC voter card) है.

ETV bharat conversation with Chhattisgarh Chief Electoral Officer P Dayanand
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी दयानंद से खास बात

रायपुर: 1 अगस्त से मतदाता परिचय पत्र में कई तरह के संशोधन और बदलाव किए जा रहे (Manufacture of EEPIC voter card) हैं. इसमें किस तरह का संशोधन किया गया है. क्या नई व्यवस्था बनाई गई है. इपिक में किस तरह के बदलाव किए गए (ETV bharat conversation with Chhattisgarh Chief Electoral Officer P Dayanand) हैं. इन सारी बातों की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी दयानंद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान दी है. देखिए उन्होंने क्या कहा (P Dayanand on eEPIC voter card) है ?




सवाल : 1 अगस्त से मतदाता परिचय पत्र बनवाने को लेकर किस तरह के संशोधन किए गए हैं.
जवाब : भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा मतदाता परिचय पत्र को लेकर कुछ नए संशोधन किए गए हैं. जिसका क्रियान्वयन 1 अगस्त से होना है. सभी मतदाताओं के लिए एक प्रारूप पत्र नवीन फॉर्म 6 जारी किया गया है. जिसमें मतदाताओं को आधार संख्या की जानकारी देना है. इसका उद्देश्य निर्वाचन की प्रक्रिया को त्रुटिहीन करना है.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी दयानंद



सवाल : आधार की जानकारी देना मतदाता परिचय पत्र बनवाते समय जरूरी यानी की अनिवार्य नहीं किया गया है. तो आधार की जानकारी परिचय पत्र बनाते समय लोगों के द्वारा नहीं दी जाएगी. कई मतदाताओं के दो या दो से अधिक जगहों पर परिचय पत्र बने हुए हैं ऐसे में उन्हें ट्रेस करना मुश्किल होगा ?
जवाब : मतदाता परिचय पत्र बनवाते समय आधार नंबर की जानकारी देना अभी स्वैच्छिक किया गया है e-EPIC वोटर कार्ड के लिए भी कुछ चेंजिंग किए गए हैं. जहा पर e-EPIC वोटर कार्ड बनाए जाएंगे यह होलोग्राम युक्त बन रहा है. सिक्योरिटी फीचर्स इसके काफी स्ट्रिक्ट हैं. जहां तक मतदाता परिचय पत्र बनने की बात थी. यदि मतदाता आधार नंबर देता है तो उसके बाद जो e-EPIC वोटर कार्ड बनेंगे तो काफी हद तक जो शिकायतें होती हैं वह दूर हो जाएंगे.



सवाल : एमपी के लोग छत्तीसगढ़ में शिफ्ट हो गए. अन्य राज्यों के लोग भी यहां है. उनका भी मतदाता परिचय पत्र वहां ओर यहां दोनों जगह बना हुआ है. ऐसे लोगों को कैसे ट्रेस किया जाएगा. जिससे सही वोटरों की संख्या का पता लग सके.
जवाब : आधार नंबर लेने का मुख्य उद्देश्य यही है कि एक मतदाता का अन्य जगहों पर परिचय पत्र ना हो. यदि आधार नंबर दिया जाता है तो उससे यह प्रक्रिया सरल सुगम और त्रुटिहीन हो सकेगी . अभी निर्वाचन आयोग का आदेश स्वैच्छिक आधार नंबर देने का है और यह नंबर सिर्फ निर्वाचन कार्य के लिए उपयोग किया जाएगा. इसकी गोपनीयता बरकरार रहेगी.



सवाल : अब 17 साल के लोग भी मतदाता परिचय पत्र बनाने के लिए अप्लाई कर सकेंगे?
जवाब : यह महत्वपूर्ण परिवर्तन निर्वाचन आयोग के द्वारा किया गया है. पहले क्वॉलिफाई तरीख एक होती थी. 1 जनवरी, अब 1 जनवरी के बाद तीन और नए डेट निर्धारित किए गए हैं. जो क्वार्टरली है. 1 जनवरी 1 अप्रैल 1 जुलाई और 1 अक्टूबर. इन चार तिथियों में जो 18 साल के लिए क्वालिफाई कर रहा होगा वह आवेदन कर सकता है. यदि किसी कारणवश किसी का नाम जनवरी के प्रकाशन में छूट गया है तो वह आगे अप्लाई कर सकता है.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल फेल, असम और बिहार के बाद अब यूपी की जनता भी इसे नकारेगी: धरमलाल कौशिक



सवाल: ऐसे कुछ जरूरी संशोधन जो आप दर्शकों को बताना चाहते हैं?
जवाब : जो EEPIC वोटर कार्ड की व्यवस्था की गई है जो नए मतदाता उनके लिए भी और जो प्रतिस्थापन करना चाहते हैं उनके लिए भी यह निशुल्क है. इसमें आधार कार्ड के तर्ज पर ही बैकग्राउंड है. मोनोग्राम, फीचर्स, क्यूआर कोड है जिस वजह से यह इतना स्ट्रांग हो गया है कि उसके साथ छेड़छाड़ करना मुश्किल है.



सवाल : अब तक क्षेत्र के पार्षद या फिर अन्य माध्यमों से मतदाता तक परिचय पत्र भेजा जाता था लेकिन अब पोस्ट ऑफिस के सहयोग से इसे स्पीड पोस्ट के जरिए मतदाताओं तक भेजा जाएगा. यह किस तरह की व्यवस्था है?
जवाब : पहले हमारे बीएलओ यह करते थे इसमें व्यवहारिक परेशानी होती थी पोस्टल डिपार्टमेंट से चर्चा की गई है. इसके बाद हमारे मतदाता परिचय पत्र की डिलीवरी स्पीड पोस्ट के माध्यम से होगी. यदि किसी कारणवश यह मतदाता तक नहीं पहुंचता है तो बीएलओ पता कर बताएंगे कि मतदाताओं को कैसे मिल सकेगा.



सवाल: मतदाता परिचय पत्र बनाने की प्रक्रिया कब तक समाप्त कर ली जाएगी?
जवाब : यह प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू हो रही है. उसके बाद आयोग के द्वारा प्रकाशन के लिए एक डिटेल कैलेंडर जारी किया गया है उसके अनुसार आगे काम किया जाएगा और अंतिम प्रकाशन 5 जनवरी 2023 को किया जाएगा यह अभी के लिए निर्धारित किया गया इसके अलावा चार क्वालिफाई डेट है जिसमे प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी.



सवाल : ईटीवी भारत के दर्शकों से आप क्या अपील करना चाहेंगे?
जवाब : ईटीवी भारत के दर्शकों से और सभी लोगों से अपील करता हूं कि भारत निर्वाचन आयोग की जो मंशा है. उसमें आप सहयोग करें और ईपिक कार्ड बनावाएं. प्रारूप 6ख में आधार नंबर देने के लिए स्वतः आगे आ कर दें. इससे जो निर्वाचन में समस्या होती है वह काफी हद तक दूर हो जाएंगी. e-EPIC वोटर कार्ड की जहां तक बात है. तो जो अभी युवा हैं जो 18 वर्ष के हैं वह अभी एडवांस में फॉर्म 1 अप्रैल या 1 अक्टूबर 1 जुलाई के लिए जमा कर सकते हैं.


क्या है EEPIC वोटर कार्ड: भारत सरकार अब डिजिटल की ओर बढ़ रहा है इसलिए भारत के चुनाव आयोग ने ईपीआईसी, या इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो पहचान पत्र को पेश किया है. ये एक मतदाता पहचान पत्र का एक डिजिटल संस्करण है. e-EPIC वोटर कार्ड अनिवार्य रूप से वास्तविक मतदाता पहचान पत्र का एक गैर-संपादन यानी पीडीएफ फॉर्म है. ये एक सुरक्षित दस्तावेज है क्योंकि इसको कोई भी एडिट नहीं कर सकता है. इसको किसी तरह से हैक नहीं किया जा सकता है और इसके साथ छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती है. इससे उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए इसका फायदा नहीं उठाया जा सकता है.

रायपुर: 1 अगस्त से मतदाता परिचय पत्र में कई तरह के संशोधन और बदलाव किए जा रहे (Manufacture of EEPIC voter card) हैं. इसमें किस तरह का संशोधन किया गया है. क्या नई व्यवस्था बनाई गई है. इपिक में किस तरह के बदलाव किए गए (ETV bharat conversation with Chhattisgarh Chief Electoral Officer P Dayanand) हैं. इन सारी बातों की जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी दयानंद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान दी है. देखिए उन्होंने क्या कहा (P Dayanand on eEPIC voter card) है ?




सवाल : 1 अगस्त से मतदाता परिचय पत्र बनवाने को लेकर किस तरह के संशोधन किए गए हैं.
जवाब : भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा मतदाता परिचय पत्र को लेकर कुछ नए संशोधन किए गए हैं. जिसका क्रियान्वयन 1 अगस्त से होना है. सभी मतदाताओं के लिए एक प्रारूप पत्र नवीन फॉर्म 6 जारी किया गया है. जिसमें मतदाताओं को आधार संख्या की जानकारी देना है. इसका उद्देश्य निर्वाचन की प्रक्रिया को त्रुटिहीन करना है.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी दयानंद



सवाल : आधार की जानकारी देना मतदाता परिचय पत्र बनवाते समय जरूरी यानी की अनिवार्य नहीं किया गया है. तो आधार की जानकारी परिचय पत्र बनाते समय लोगों के द्वारा नहीं दी जाएगी. कई मतदाताओं के दो या दो से अधिक जगहों पर परिचय पत्र बने हुए हैं ऐसे में उन्हें ट्रेस करना मुश्किल होगा ?
जवाब : मतदाता परिचय पत्र बनवाते समय आधार नंबर की जानकारी देना अभी स्वैच्छिक किया गया है e-EPIC वोटर कार्ड के लिए भी कुछ चेंजिंग किए गए हैं. जहा पर e-EPIC वोटर कार्ड बनाए जाएंगे यह होलोग्राम युक्त बन रहा है. सिक्योरिटी फीचर्स इसके काफी स्ट्रिक्ट हैं. जहां तक मतदाता परिचय पत्र बनने की बात थी. यदि मतदाता आधार नंबर देता है तो उसके बाद जो e-EPIC वोटर कार्ड बनेंगे तो काफी हद तक जो शिकायतें होती हैं वह दूर हो जाएंगे.



सवाल : एमपी के लोग छत्तीसगढ़ में शिफ्ट हो गए. अन्य राज्यों के लोग भी यहां है. उनका भी मतदाता परिचय पत्र वहां ओर यहां दोनों जगह बना हुआ है. ऐसे लोगों को कैसे ट्रेस किया जाएगा. जिससे सही वोटरों की संख्या का पता लग सके.
जवाब : आधार नंबर लेने का मुख्य उद्देश्य यही है कि एक मतदाता का अन्य जगहों पर परिचय पत्र ना हो. यदि आधार नंबर दिया जाता है तो उससे यह प्रक्रिया सरल सुगम और त्रुटिहीन हो सकेगी . अभी निर्वाचन आयोग का आदेश स्वैच्छिक आधार नंबर देने का है और यह नंबर सिर्फ निर्वाचन कार्य के लिए उपयोग किया जाएगा. इसकी गोपनीयता बरकरार रहेगी.



सवाल : अब 17 साल के लोग भी मतदाता परिचय पत्र बनाने के लिए अप्लाई कर सकेंगे?
जवाब : यह महत्वपूर्ण परिवर्तन निर्वाचन आयोग के द्वारा किया गया है. पहले क्वॉलिफाई तरीख एक होती थी. 1 जनवरी, अब 1 जनवरी के बाद तीन और नए डेट निर्धारित किए गए हैं. जो क्वार्टरली है. 1 जनवरी 1 अप्रैल 1 जुलाई और 1 अक्टूबर. इन चार तिथियों में जो 18 साल के लिए क्वालिफाई कर रहा होगा वह आवेदन कर सकता है. यदि किसी कारणवश किसी का नाम जनवरी के प्रकाशन में छूट गया है तो वह आगे अप्लाई कर सकता है.

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सवाल: ऐसे कुछ जरूरी संशोधन जो आप दर्शकों को बताना चाहते हैं?
जवाब : जो EEPIC वोटर कार्ड की व्यवस्था की गई है जो नए मतदाता उनके लिए भी और जो प्रतिस्थापन करना चाहते हैं उनके लिए भी यह निशुल्क है. इसमें आधार कार्ड के तर्ज पर ही बैकग्राउंड है. मोनोग्राम, फीचर्स, क्यूआर कोड है जिस वजह से यह इतना स्ट्रांग हो गया है कि उसके साथ छेड़छाड़ करना मुश्किल है.



सवाल : अब तक क्षेत्र के पार्षद या फिर अन्य माध्यमों से मतदाता तक परिचय पत्र भेजा जाता था लेकिन अब पोस्ट ऑफिस के सहयोग से इसे स्पीड पोस्ट के जरिए मतदाताओं तक भेजा जाएगा. यह किस तरह की व्यवस्था है?
जवाब : पहले हमारे बीएलओ यह करते थे इसमें व्यवहारिक परेशानी होती थी पोस्टल डिपार्टमेंट से चर्चा की गई है. इसके बाद हमारे मतदाता परिचय पत्र की डिलीवरी स्पीड पोस्ट के माध्यम से होगी. यदि किसी कारणवश यह मतदाता तक नहीं पहुंचता है तो बीएलओ पता कर बताएंगे कि मतदाताओं को कैसे मिल सकेगा.



सवाल: मतदाता परिचय पत्र बनाने की प्रक्रिया कब तक समाप्त कर ली जाएगी?
जवाब : यह प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू हो रही है. उसके बाद आयोग के द्वारा प्रकाशन के लिए एक डिटेल कैलेंडर जारी किया गया है उसके अनुसार आगे काम किया जाएगा और अंतिम प्रकाशन 5 जनवरी 2023 को किया जाएगा यह अभी के लिए निर्धारित किया गया इसके अलावा चार क्वालिफाई डेट है जिसमे प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी.



सवाल : ईटीवी भारत के दर्शकों से आप क्या अपील करना चाहेंगे?
जवाब : ईटीवी भारत के दर्शकों से और सभी लोगों से अपील करता हूं कि भारत निर्वाचन आयोग की जो मंशा है. उसमें आप सहयोग करें और ईपिक कार्ड बनावाएं. प्रारूप 6ख में आधार नंबर देने के लिए स्वतः आगे आ कर दें. इससे जो निर्वाचन में समस्या होती है वह काफी हद तक दूर हो जाएंगी. e-EPIC वोटर कार्ड की जहां तक बात है. तो जो अभी युवा हैं जो 18 वर्ष के हैं वह अभी एडवांस में फॉर्म 1 अप्रैल या 1 अक्टूबर 1 जुलाई के लिए जमा कर सकते हैं.


क्या है EEPIC वोटर कार्ड: भारत सरकार अब डिजिटल की ओर बढ़ रहा है इसलिए भारत के चुनाव आयोग ने ईपीआईसी, या इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो पहचान पत्र को पेश किया है. ये एक मतदाता पहचान पत्र का एक डिजिटल संस्करण है. e-EPIC वोटर कार्ड अनिवार्य रूप से वास्तविक मतदाता पहचान पत्र का एक गैर-संपादन यानी पीडीएफ फॉर्म है. ये एक सुरक्षित दस्तावेज है क्योंकि इसको कोई भी एडिट नहीं कर सकता है. इसको किसी तरह से हैक नहीं किया जा सकता है और इसके साथ छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती है. इससे उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए इसका फायदा नहीं उठाया जा सकता है.

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