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Mangal Effect In Life: लग्न में मंगल होने से ऐसा रहेगा जीवन, जानिए मंगल के शुभ अशुभ फल

Mangal Effect In Life मंगल ग्रह को पुरुषार्थ, वीरता, आत्मविश्वास, आत्मशक्ति का संवाहक माना जाता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल हो और उसका लग्न से संबंध हो इसका किसी के जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है जानते हैं.

Mangal Effect in Life
मंगल और लग्न के बीच संबंध
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 23, 2023, 5:21 AM IST

Updated : Sep 23, 2023, 6:18 AM IST

मंगल का लग्न से संबंध

रायपुर: मंगल ऊर्जा, साहस, सक्रियता और कर्मठता का प्रतीक माना जाता है. व्यक्ति को जीवन में ऊर्जावान बनाए रखने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है. यदि मंगल का संबंध लग्न से हो जाए अर्थात वह लग्न का स्वामी हो या लग्न में स्थित हो या वह कुंडली के छठे, सातवें या दसवें भाव में बैठा हो, तो इसकी आठवीं, सातवीं या चौथी दृष्टि लग्न पर पड़ती है. ऐसे जातक बहुत ही सक्रिय और ऊर्जावान होते हैं.

पारिवारिक जीवन को करता है प्रभावित: सप्तम भाव के मंगल से व्यक्ति का पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होता है. दशम भाव का मंगल कुलदीपक योग बनाता है और छठवें भाव का मंगल शत्रु को मारने वाला माना जाता है. ऐसे में ग्रह की स्थिति और राशि के अनुसार व्यक्ति प्रभावित होता है.

शुभ ग्रहों के प्रभाव से मंगल देता है अच्छा फल: चाहे शुभ हो या अशुभ, मंगल गति और युवापन का प्रतीक है. जिसके लग्न में मंगल हो, व्यक्ति जीवन भर युवा होने का भ्रम बनाए रखता है. मंगल पर अगर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ जाए, तो ग्रह की क्रूरता कम हो जाती है और शुभ ग्रहों के प्रभाव उसके शुभत्व में बढ़ोतरी कर देते हैं. पाप ग्रहों के प्रभाव से उसकी क्रूरता और बढ़ जाती है. मंगल ग्रह को बलशाली बनाए रखना जातक के लिए उत्तम है. यदि वह शुभ प्रभाव दे रहा हो, तो इससे उसकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती हैं.

सप्तम भाव का मंगल पारिवारिक जीवन को कलहपूर्ण बना देता है. लेकिन उसकी ऊर्जा बनी रहती है. उसके गुरु मजबूत हो, तो मंगल के कुप्रभाव में कमी आती है. शुक्र का लाभ भी मंगल को मिल जाता है. यदि मंगल सूर्य के साथ स्थित हो, तो व्यक्ति और अधिक पराक्रमी हो जाता है. उसका गुस्सा भी बहुत तेज होता है. उसके गुस्से का नियंत्रण नहीं हो पाता, ऐसी स्थिति में वह अपना विवेक भी खो देता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए व्यक्ति को पुखराज धारण करना चाहिए. यदि वह मंगल को प्रभावित कर रहा हो, इससे उसका क्रोध शांत होगा. वह विवेकपूर्ण निर्णय लेने में समर्थ होगा.

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मंगल का लाभ लेने इन उपायों को अपनाएं:हनुमान चालीसा का पाठ, बजरंग बाण का पाठ, हनुमान जी के मंत्रों का जाप भगवान राम की उपासना से मंगल का कुप्रभाव नहीं पड़ता है. मंगल लाभदायक हो जाता है. मंगल केंद्र में या चंद्रमा से केंद्र में स्थित हो और अपनी राशि में हो या अपनी उच्च राशि में हो, तो यह रूचक नामक पंच महापुरुष योग बनाता है. शुभ मंगल व्यक्ति के भवन निर्माण में रेस्टोरेंट के बिजनेस में काफी लाभदायक होता है. बिजली से संबंधित या इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के व्यापार में भी काफी लाभ मिलता है.

मंगल का लग्न से संबंध

रायपुर: मंगल ऊर्जा, साहस, सक्रियता और कर्मठता का प्रतीक माना जाता है. व्यक्ति को जीवन में ऊर्जावान बनाए रखने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है. यदि मंगल का संबंध लग्न से हो जाए अर्थात वह लग्न का स्वामी हो या लग्न में स्थित हो या वह कुंडली के छठे, सातवें या दसवें भाव में बैठा हो, तो इसकी आठवीं, सातवीं या चौथी दृष्टि लग्न पर पड़ती है. ऐसे जातक बहुत ही सक्रिय और ऊर्जावान होते हैं.

पारिवारिक जीवन को करता है प्रभावित: सप्तम भाव के मंगल से व्यक्ति का पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होता है. दशम भाव का मंगल कुलदीपक योग बनाता है और छठवें भाव का मंगल शत्रु को मारने वाला माना जाता है. ऐसे में ग्रह की स्थिति और राशि के अनुसार व्यक्ति प्रभावित होता है.

शुभ ग्रहों के प्रभाव से मंगल देता है अच्छा फल: चाहे शुभ हो या अशुभ, मंगल गति और युवापन का प्रतीक है. जिसके लग्न में मंगल हो, व्यक्ति जीवन भर युवा होने का भ्रम बनाए रखता है. मंगल पर अगर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ जाए, तो ग्रह की क्रूरता कम हो जाती है और शुभ ग्रहों के प्रभाव उसके शुभत्व में बढ़ोतरी कर देते हैं. पाप ग्रहों के प्रभाव से उसकी क्रूरता और बढ़ जाती है. मंगल ग्रह को बलशाली बनाए रखना जातक के लिए उत्तम है. यदि वह शुभ प्रभाव दे रहा हो, तो इससे उसकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती हैं.

सप्तम भाव का मंगल पारिवारिक जीवन को कलहपूर्ण बना देता है. लेकिन उसकी ऊर्जा बनी रहती है. उसके गुरु मजबूत हो, तो मंगल के कुप्रभाव में कमी आती है. शुक्र का लाभ भी मंगल को मिल जाता है. यदि मंगल सूर्य के साथ स्थित हो, तो व्यक्ति और अधिक पराक्रमी हो जाता है. उसका गुस्सा भी बहुत तेज होता है. उसके गुस्से का नियंत्रण नहीं हो पाता, ऐसी स्थिति में वह अपना विवेक भी खो देता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए व्यक्ति को पुखराज धारण करना चाहिए. यदि वह मंगल को प्रभावित कर रहा हो, इससे उसका क्रोध शांत होगा. वह विवेकपूर्ण निर्णय लेने में समर्थ होगा.

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मंगल का लाभ लेने इन उपायों को अपनाएं:हनुमान चालीसा का पाठ, बजरंग बाण का पाठ, हनुमान जी के मंत्रों का जाप भगवान राम की उपासना से मंगल का कुप्रभाव नहीं पड़ता है. मंगल लाभदायक हो जाता है. मंगल केंद्र में या चंद्रमा से केंद्र में स्थित हो और अपनी राशि में हो या अपनी उच्च राशि में हो, तो यह रूचक नामक पंच महापुरुष योग बनाता है. शुभ मंगल व्यक्ति के भवन निर्माण में रेस्टोरेंट के बिजनेस में काफी लाभदायक होता है. बिजली से संबंधित या इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के व्यापार में भी काफी लाभ मिलता है.

Last Updated : Sep 23, 2023, 6:18 AM IST
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