रायपुर : छत्तीसगढ़ में पुलिस नक्सलियों को बैकफुट में धकेलने का दावा करती है. लेकिन हर बार नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर अपनी मौजूदगी का प्रमाण देते हैं. छत्तीसगढ़ में ऐसे कई मौके आए जब बस्तर की धरती खून से लाल हुई. इन हमलों में पुलिस जवान, अर्धसैनिक बलों की टुकड़ी समेत कई जनप्रतिनिधि नक्सलियों का निशाना बने.आज हम आपको बताने जा रहे हैं छत्तीसगढ़ के उन बड़े नक्सली हमलों के बारे में जिनमें जवानों के साथ साथ जन प्रतिनिधि भी खोए हैं.
बीजापुर में नक्सली हमला : 04.11.2007 को छत्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के पमेदु पुलिस स्टेशन के पास 100 नक्सलियों ने एक पुलिस पार्टी पर घात लगाकर हमला किया.जिसमें सीआरपीएफ के छह जवानों सहित 16 पुलिसकर्मी शहीद हुए. नक्सलियों ने पहले बारूदी सुरंग विस्फोट किया.फिर अंधाधुंध फायरिंग कर 16 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी.
सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हमला : 20.10.2008 को छत्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के मोदुपाल और कोमपल्ली के बीच एक वन गांव के पास सीआरपीएफ के 12 अर्धसैनिक बल के जवान मारे गए और छह अन्य घायल हुए थे. ये घटना दोपहर करीब 1.30 बजे हुई थी जब इलाके में गश्त कर रहे सीआरपीएफ के जवान मोदुपाल बेस कैंप की ओर जा रहे थे. उन पर 100 से अधिक नक्सलियों ने हमला किया. जिन्होंने पहले विस्फोट किया और फिर गोलियां चला दीं.
एसपी समेत जवान हुए शहीद : 12.07.2009 में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में दो घटनाओं में नक्सलियों ने एसपी विनोद चौबे सहित 30 पुलिस कर्मियों की हत्या की थी. इस हमले में करीब 200 नक्सलियों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी.
सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद : साल 2010 में ऑपरेशन ग्रीनहंट का रंग सीआरपीएफ के जवानों के खून से लाल हुआ था. सुकमा जिले के ताड़मेटला में 6 अप्रैल 2010 को बड़ा नक्सली अटैक हुआ. इस हमले में 76 जवानों की शहादत हुई थी . तकरीबन 1 हजार से ज्यादा नक्सलियों ने घात लगाकर 150 जवानों को घेरा.इस एंबुश में जवानों के पास बचने का कोई रास्ता नहीं बचा था.
2013 में झीरम की धरती हुई थी लाल : सुकमा जिले की दरभा घाटी में 25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने हमला किया था. इस हमले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को गहरा आघात पहुंचा था. राज्य के पूर्व मंत्री नंद कुमार पटेल, वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा और विद्याचरण शुक्ल सहित कुल 32 लोग शहीद हुए थे.
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लहेरी पुलिस चौकी में हमला : 08.10.2009 में राजनांदगांव की लहेरी पुलिस चौकी में नक्सलियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में 17 पुलिसकर्मी शहीद हो गये. 100 से अधिक नक्सलियों ने एक विशिष्ट पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया, जो छत्तीसगढ़ सीमा चौकी के पास नियमित अभ्यास कर रहा था. इस हमले में किसी भी नक्सली के मारे जाने की सूचना नहीं मिली थी.