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SPECIAL : कोरोना संकट से घरों में काम करने वाली मेड्स परेशान, रोजी रोटी चलाना मुश्किल - रायपुर न्यूज

लॉकडाउन का असर हर वर्ग पर पड़ा है चाहे वह अमीर हो या गरीब. एक मजदूर से लेकर उद्योगपति को भी इस लॉकडाउन के कारण नुकसान उठाना पड़ा. घरों में काम करने वाली मेड्स जो सोसाइटी और मोहल्ले के घरों में जाकर बर्तन, झाड़ू और खाना बनाने का काम करके अपना जीवन यापन करती है. उन्हें भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

maids are facing financial problem
परेशानी में मेड्स
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Published : Jun 21, 2020, 10:39 PM IST

रायपुर : कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया था इस लॉकडाउन का असर हर वर्ग पर पड़ा है चाहे वह अमीर हो या गरीब. एक मजदूर से लेकर उद्योगपति को भी इस लॉकडाउन के कारण नुकसान उठाना पड़ा. घरों में काम करने वाली मेड्स जो सोसाइटी और मोहल्ले के घरों में जाकर बर्तन, झाड़ू, पोछा कपड़ा धोने और खाना बनाने का काम को करके अपना जीवन यापन करती है और अपना परिवार चलाती है. उन्हें भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

कोरोना संकट और मेड्स के हालात

ढाई महीने के लॉकडाउन के दौरान कई घरों में मेड्स को कोरोना संक्रमण को देखते हुए काम करने के लिए मना कर दिया गया था जिसके कारण कॉलोनी और घरों में मेड्स का प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया था. इन ढाई महीने में मेड्स को अपना और अपने परिवार चलाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि अच्छी बात यह रही कि मकान मालिकों ने संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्हें काम पर आने से मना जरुर किया था लेकिन परिवारों ने मेड्स को रुपये भी दिए ताकि वे अपना घर चला सके.

maids are facing financial problem
साफ सफाई का ध्यान

ETV भारत ने घरों में काम करने वाले कुछ ऐसे ही नौकरानी से बात की, उनका कहना था कि दिन में तीन से चार घरों में साफ सफाई और खाना बनाने का काम करके वे परिवार का पालन पोषण करते हैं और महीने में बमुश्किल 5 से 7 हजार रुपए ही कमा पाते हैं. लेकिन काम छूट गया तबसे साफ सफाई का काम छोड़कर रोजी मजदूरी का काम करने को मजबूर है.

maids are facing financial problem
मजदूरी करने को मजबूर मेड्स

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हाउसवाइफ भी थी परेशान

हाउसवाइफ का मानना है कि मेड्स के नहीं आने से उन्हें कई तरह के दिक्कतें आई, अब मेड घर आ रही है तो सहूलियत है. बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं लेकिन उनको ऑनलाइन पढ़ाई के लिए समय निकालना मुश्किल हो रहा था. एक हाउसवाइफ ने बताया कि लॉकडाउन के समय उनकी बहू बाहर थी और लॉकडाउन के कारण मेड भी काम पर नहीं आ रही थी जिसके कारण बुजुर्ग अवस्था में भी उन्हें घर के सब काम करने पड़ रहे थे.

रखा जा रहा साफ-सफाई का ध्यान

1 जून से मेड्स ने घरों में काम आकर करना शुरू कर दिया है. घर के अंदर आने के पहले कोरोना संक्रमण से बचने के लिए साफ सफाई का ध्यान रखते हुए मेड्स को सैनिटाइजर या फिर साबुन से हाथ पैर धोने के लिए कहां जाता है. जिसके बाद ही उन्हें घर के अंदर प्रवेश करने की अनुमति होती है.

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मेड्स के आने-जाने पर भी पाबंदी

घरों में महिला और बुजुर्गों के अलावा छोटे-छोटे बच्चे भी होते हैं और उनको भी संक्रमण भय बना रहता है. कई मोहल्ले और कॉलोनियों में पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद उस इलाके को कंटेंटमेंट जोन बना दिया गया है. जिसके कारण घरों में काम करने वाली मेड्स के आने-जाने पर भी पाबंदी है.

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