रायपुर: जैन परंपरा में तीर्थंकरों का अति विशिष्ट महत्व है. प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ हुए, उनसे लेकर 24वें तीर्थंकर के रूप में श्री महावीर स्वामी जी हुए. समस्त तीर्थंकरों को देव स्वरूप माना जाता है. इस साल 4 अप्रैल 2023, मंगलवार को अनंग त्रयोदशी के पावन पर्व पर महावीर स्वामी की जयंती मनाई जाएगी. यह शुभ दिन मंगलवार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, वृद्धि योग, तैतिल और ववकरण के साथ ही सिंह और कन्या राशि के चंद्रमा में मनाया जाएगा.
बिहार के वैशाली में हुआ था महावीर स्वामी का जन्म: जैन धर्म के जानकारों ने बताया कि "मंगलवार के दिन रवि योग और विमुक्ता योग का शुभ संयोग पड़ रहा है. यह अपने आप में अद्वितीय हैं. ऐसी मान्यता है कि लगभग ईसा से 599 वर्ष पहले श्री महावीर स्वामी जी का बिहार के वैशाली प्रांत में जन्म हुआ था. महावीर स्वामी वीर, अतिवीर, वर्धमान आदि शुभ नामों से भी जाने जाते हैं. भगवान महावीर का चिन्ह सिंह माना गया है. श्री महावीर जयंती के उपलक्ष में अनेक तरह के आयोजन शोभायात्रा, व्रत, उत्सव, अनुष्ठान, सामाजिक और रचनात्मक कार्य किए जाते हैं."
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संकल्प करने का यह पवित्र अवसर: जानकारों के मुताबिक "यह जैन समाज के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. श्री महावीर जी के बताए हुए पद चिन्हों पर चलने का संकल्प करने का यह पवित्र अवसर माना जाता है. श्री महावीर स्वामी जी ने अपने जीवन में महान त्याग और बलिदान से इस उच्च शिखर को प्राप्त किया था. इस दिन अनेक रूपों में मानव कल्याण के लिए, लोगों के दुख, दर्द, पीड़ा और कष्ट को दूर करने के लिए अनेक तरह के रचनात्मक, सामाजिक और मानवतावादी कार्यक्रम किये जाते हैं."