रायपुर: दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है. पीसीसी चीफ दीपक बैज को उन्होंने अपना इस्तीफा भेजा है.
रामसुंदर दास का कांग्रेस से इस्तीफा: दीपक बैज को लिखे पत्र में रामसुंदर दास ने लिखा है "अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के समस्त वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बहुत ही विश्वास करके मुझे विधानसभा चुनाव 2023 में रायपुर शहर दक्षिण विधानसभा का प्रत्याशी बनाया. सभी कार्यकर्ताओं ने मनसा वाचा कर्मणा कार्य किया लेकिन परिणाम आशा के अनुरूप नहीं रहा. प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों के अन्तर से इस सीट पर हार हुई. इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं. कृपया स्वीकार करने का कष्ट करें."
बृजमोहन अग्रवाल से हारे महंत: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से महंत रामसुंदर दास को टिकट दिया था. टिकट मिलने के बाद महंत ने भी जीत का दावा किया और चुनाव जीतकर विधायक बनने के सपने देखे. यहां से भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल विधायक है. इस साल भी पार्टी ने उन्हीं को अपना प्रत्याशी बनाया था. जो पिछले 35 साल से इस सीट पर विधायक थे. इस सीट से महंत को टिकट देकर कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण में सेंधमारी की कोशिश की लेकिन कांग्रेस का विश्लेषण फेल साबित हुआ और रामसुंदर दास को छत्तीसगढ़ चुनाव में सबसे बड़ी हार मिली. बृजमोहन अग्रवाल ने 67851 वोटों से कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास को हराया. रामसुंदर दास को 41412 वोट मिले.बृजमोहन को 109263 वोट मिले.
महंत को मनाने पहुंचे महापौर ढेबर: महंत रामसुंदर दास के कांग्रेस से इस्तीफे के खबर लगते ही महापौर एजाज ढेबर दूधाधारी मठ पहुंचे. महापौर एजाज ने महंत से इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया है. उन्होंने एक डेढ़ साल आराम करने के बाद राजनीति में फिर से सक्रिय होने की बात कही है. मठ से बाहर आते समय एजाज ने बताया कि शादी का निमंत्रण देने वे यहां पहुंचे थे. उन्हें इस्तीफा की जानकारी मिली तो इस्तीफा पर पुनर्विचार का आग्रह किया है. क्योकि हार के बाद इस्तीफा कोई हल नहीं है. एक डेढ़ साल आराम करने के बाद वापस राजनीति में सक्रिय होने महंत से आग्रह किया गया है.
प्रदेश में सबसे बड़ी हार की ली नैतिक जिम्मेदारी: कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद महंत रामुसंदर दास से ETV भारत ने बात की. उन्होंने बताया कि इस्तीफा सौंपने के पीछ कोई कारण नहीं है. कांग्रेस ने उन पर काफी विश्वास कर रायपुर दक्षिण विधासभा से टिकट दिया. सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काफी मेहनत भी की, लेकिन प्रदेश में सबसे बड़ी हार मिली. इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए वह इस्तीफा दे रहे हैं.
हार के बाद भी आगे की रणनीति बनाने के सवाल पर महंत ने कहा "अब तक जितनी बार भी रायपुर दक्षिण विधानसभा चुनाव हुए हैं उसमें भाजपा ही जीती है. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में हार का अंतर काफी ज्यादा है. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है. कोई भी व्यक्ति जीतने के लिए चुनाव लड़ता है लेकिन इस बार कांग्रेस के पक्ष में फैसला नहीं आया. इसलिए वह इस्तीफा सौंप रहे हैं." बाकी हारे हुए प्रत्याशियों के कांग्रेस से इस्तीफा नहीं देने के सवाल पर राम सुंदर दास ने कहा "मैंने अपना कर्तव्य निभाया है."
राजनीति से संन्यास लेने के सवाल पर महंत रामसुंदर दास ने कहा "मैं सेवक हूं. दूधाधारी मठ के द्वारा जनहित के काम किए जा रहे हैं. इसे आगे बढ़ाते रहेंगे. जनता की सेवा करते रहेंगे." बीजेपी ज्वाइन करने के सवाल पर रामसुंदर दास ने गोलमोल जवाब देते नजर आए. उन्होंने कहा कांग्रेस के नेताओं के विश्वास पर वह खरे नहीं उतर पाए इसलिए वे पार्टी छोड़ रहे हैं.