रायपुर: कोरोना संकट के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन का असर रायपुर के सराफा कारोबार पर भी दिखने लगा है. करीब एक महीने के लॉकडाउन में पूरे छत्तीसगढ़ में 1500 करोड़ रुपए का सराफा व्यापार प्रभावित हुआ है. पूरे प्रदेश में छोटे-बड़े मिलाकर 5 हजार 500 सराफा की दुकानें हैं. इन सभी दुकानों पर लॉकडाउन का बड़ा असर हुआ है.
सराफा कारोबार धनतेरस के समय जितना ज्यादा होता है, उससे ज्यादा अक्षय तृतीया के दिन होता है. इस साल अक्षय तृतीया 25 अप्रैल को है, लेकिन यह दिन भी ऐसे ही चला जाएगा, क्योंकि लॉकडाउन की तिथि को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है.
लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन आभूषण की बिक्री शुरू होने का विरोध सराफा एसोसिएशन ने भी किया है. सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू का कहना है कि 'कुछ ब्रांडेड कंपनियां केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन कर रही हैं, जो गलत है.' उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के सभी सराफा व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी हैं.
'सरकार के निर्देशों का पालन करें कंपनियां'
जिस तरह से अक्षय तृतीया पर ऑनलाइन आभूषण बेचने का विज्ञापन और समाचार प्रकाशित हुआ है, सराफा एसोसिएशन ने उसका विरोध किया है. सराफा एसोसिएशन का कहना है कि तत्काल इस पर रोक लगाई जाए. उन्होंने कहा कि देश में सभी लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं, तो इन ब्रांडेड कंपनियों को भी केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए.