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Parshuram Ashtami 2023: गुप्त नवरात्र के बीच इस दिन मनाई जाएगी परशुराम अष्टमी, जानें क्यों है खास

हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को परशुराम अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल 26 जून सोमवार को गुप्त नवरात्रि के साथ परशुराम अष्टमी मनाई जाएगी. Parshuram Ashtami 2023

Lord Parshuram Ashtami 2023
परशुराम अष्टमी 2023
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Published : Jun 22, 2023, 8:11 PM IST

आत्मशक्ति के विकास में अहम है परशुराम अष्टमी

रायपुर: श्री परशुराम भगवान शक्ति साहस पुरुषार्थ तेजस्विता और ओजस्विता के देवता माने जाते हैं. इस साल 26 जून सोमवार को परशुराम अष्टमी मनाई जाएगी. परशुराम भगवान तेज और बल के देवता माने गए हैं. ऐसे में आज के शुभ दिन योग, ध्यान, आसन से निवृत्त होकर भगवान श्री परशुराम जी की पूजा-आराधना और साधना करना फलदायी होता है.

श्रीहरि विष्णु के छठे अवतार हैं परशुराम: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "भगवान श्रीहरि विष्णु के छठे अवतार श्री परशुराम जी की पूजा महत्वपूर्ण है. आज के दिन परशुराम जी के नाम पर व्रत-उपवास या अनुष्ठान करना शुभ माना जाता है. 21 बार इस धरती से आदताई लोगों का नाश कर संपूर्ण पृथ्वी को उन्होंने नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाई थी. ऐसे भगवान परशुराम, जो की शक्ति, साहस, तेजस्विता और ओज के देने वाले हैं.

भगवान परशुराम को ऐसे करें प्रसन्न: शास्त्रों के अनुसार, श्री परशुराम जी की पूजा भगवान विष्णु जी के साथ पूरे हृदय से करनी चाहिए. परशुराम जी की आरती का गायन करना चाहिए. आज के शुभ दिन विष्णु सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत, राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का जाप करना श्रेष्ठ माना गया है.आज के शुभ दिन गुप्त नवरात्रि की अष्टमी भी है. इसलिए हवन में परशुराम जी के मंत्रों का जाप कर हवन करना श्रेष्ठ माना जाता है. श्री परशुराम भगवान जीवन में उच्च मनोबल का संचार करते हैं. भगवान परशुराम अत्यंत दानवीर, दयालु एवं समन्वयकारी माने जाते हैं.

इस महामंत्र के पाठ से बढ़ेगा आत्मविश्वास: परशुराम की पूजा के लिए गायत्री मंत्र का पाठ करना श्रेयस्कर माना गया है. आज के शुभ दिन इस मंत्र का यथा शक्ति कम से कम एक माला का पाठ अवश्य करना चाहिए. जिन बच्चों के अंदर आत्मविश्वास कम है और हीनता की भावना समाहित है. ऐसे बच्चों को निश्चित तौर पर इस महामंत्र का पाठ करना चाहिए.

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आठ चिरंजीवी में से एक हैं भगवान परशुराम: भगवान परशुराम को आज भी चिरंजीवी माना गया है. अर्थात अमरत्व को प्राप्त है. आज के शुभ दिन ऐसे जातक, जिनके स्वास्थ्य में खराबी हो. उन्हें परशुराम जी का ध्यान धरना चाहिए. भगवान परशुराम विनम्रता और अमरत्व प्रदान करने वाले देवता माने जाते हैं. इस ब्रह्मांड में 8 जनों को अमर माना गया है, उनमें से एक श्री परशुराम भगवान जी भी माने जाते हैं. इसलिए पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान परशुराम जी का स्मरण, पाठ और अनुष्ठान श्रद्धा भाव से करना चाहिए.

आत्मशक्ति के विकास में अहम है परशुराम अष्टमी

रायपुर: श्री परशुराम भगवान शक्ति साहस पुरुषार्थ तेजस्विता और ओजस्विता के देवता माने जाते हैं. इस साल 26 जून सोमवार को परशुराम अष्टमी मनाई जाएगी. परशुराम भगवान तेज और बल के देवता माने गए हैं. ऐसे में आज के शुभ दिन योग, ध्यान, आसन से निवृत्त होकर भगवान श्री परशुराम जी की पूजा-आराधना और साधना करना फलदायी होता है.

श्रीहरि विष्णु के छठे अवतार हैं परशुराम: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "भगवान श्रीहरि विष्णु के छठे अवतार श्री परशुराम जी की पूजा महत्वपूर्ण है. आज के दिन परशुराम जी के नाम पर व्रत-उपवास या अनुष्ठान करना शुभ माना जाता है. 21 बार इस धरती से आदताई लोगों का नाश कर संपूर्ण पृथ्वी को उन्होंने नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाई थी. ऐसे भगवान परशुराम, जो की शक्ति, साहस, तेजस्विता और ओज के देने वाले हैं.

भगवान परशुराम को ऐसे करें प्रसन्न: शास्त्रों के अनुसार, श्री परशुराम जी की पूजा भगवान विष्णु जी के साथ पूरे हृदय से करनी चाहिए. परशुराम जी की आरती का गायन करना चाहिए. आज के शुभ दिन विष्णु सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत, राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का जाप करना श्रेष्ठ माना गया है.आज के शुभ दिन गुप्त नवरात्रि की अष्टमी भी है. इसलिए हवन में परशुराम जी के मंत्रों का जाप कर हवन करना श्रेष्ठ माना जाता है. श्री परशुराम भगवान जीवन में उच्च मनोबल का संचार करते हैं. भगवान परशुराम अत्यंत दानवीर, दयालु एवं समन्वयकारी माने जाते हैं.

इस महामंत्र के पाठ से बढ़ेगा आत्मविश्वास: परशुराम की पूजा के लिए गायत्री मंत्र का पाठ करना श्रेयस्कर माना गया है. आज के शुभ दिन इस मंत्र का यथा शक्ति कम से कम एक माला का पाठ अवश्य करना चाहिए. जिन बच्चों के अंदर आत्मविश्वास कम है और हीनता की भावना समाहित है. ऐसे बच्चों को निश्चित तौर पर इस महामंत्र का पाठ करना चाहिए.

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