रायपुर: रायपुर में रविवार को LGBTQ कम्युनिटी ने प्राइड मार्च निकाला (LGBTQ Pride March in Raipur). इस प्राइड मार्च को Queer pride march का नाम किया गया था. रायपुर के घड़ी चौक से यह प्राइड मार्च तेलीबांधा मरीन ड्राइव तक निकाला गया (Raipur LGBT rally ). इसमें करीब एक हजार से अधिक LGBTQ + समुदाय के लोग शामिल हुए. प्रमुख शहरों से आए लोगों LGBTQ (लैसबियन ,गे, बायसेक्सुअल, ट्रांससजेंडर ,क्वीर) कम्युनिटी लोगो ने सतरंगी इंद्रधनुष झंडे लेकर अपने हक और अधिकारों की मांग का संदेश दिया. इस मार्च में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी लोगों ने भाग लिया .प्राइड मार्च में लोगों ने रंग बिरंगे परिधान और हाथों में तख्तियां लेकर नारों के माध्यम से समाज में समानता और समावेश की मांग की (LGBTQ plus rally in marine drive raipur).
समलैंगिकों ने किया प्रदर्शन: तेलीबांधा मरीन ड्राइव में समाप्त हुई प्राइड मार्च में अलग अलग जगह से आए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी. इस दौरान सड़कों पर एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी के लोग डांस करते और थिरकते नजर आए. रायपुर में डांस कर रही पब्लिक के बीच में दो समलैंगिक युवाओं ने एक दूसरे को लिप किस कर अपने प्यार और इच्छा का इजहार किया.
जेंडर एक्सप्रेशन की वकालत : मितवा समिति की प्रमुख विद्या राजपूत ने बताया कि "इस यात्रा का उद्देश्य ये है कि जो सेक्सुअल माइनॉरिटी के लोग हैं. जो जेंडर एक्सप्रेशन के लोग हैं. उनकी समाज में ज्यादा से ज्यादा स्वीकार्यता बढ़े. लोग हमसे प्रेम करें और रिस्पेक्ट हो. इसलिए यह प्राइड मार्च आयोजित किया गया था. विद्या राजपूत ने बताया कि मैं बहुत खुश हूं कि मैं छत्तीसगढ़ से हूं. हमारे प्रदेश में ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं. हमारी कम्युनिटी के 23 ट्रांस जेंडर आज पुलिस विभाग में काम कर रहे हैं. इसके अलावा अलग-अलग सेक्टरों में भी यह काम कर रहे हैं. यह अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण है. जिस तरह सरकार हमारे कम्युनिटी के लिए संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ काम कर रही है. ऐसा ही काम बाकी राज्यों को भी करना चाहिए".
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समाज हमे भी स्वीकार करे: एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी से आने वाली श्रद्धा ने बताया कि "हमारी कम्युनिटी अभी माइनॉरिटी में चल रही है. अभी भी समाज में हमें एक इंसान की तरह नहीं समझा जाता. लोग हमेशा हमें सेक्स करने की मशीन समझते हैं. समाज के लिए हमें अभिशाप कहा जाता है. हम समाज को यह संदेश देना चाहते हैं हम भी एक आम इंसान हैं. हमें भी एक इंसानों के जैसे जीने का अधिकार है. हम भी अच्छी नौकरी डीजर्व करते हैं ताकि हम अपना परिवार चला सकें.इसलिए आज हमने प्राइड मार्च का आयोजन किया है".दिल्ली से पहुचे मनु ने बताया कि "एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी के लिए पिछले 12 साल से काम रहे हैं. इस प्राइड में भाग लेने के लिए वह दिल्ली से पहुंचे हुए हैं . सरकार ने कम्युनिटी को कानून तो दिए हैं. लेकिन जब तक समाज के अंदर स्वीकार्यता नहीं होगी और जब तक समाज लोगों को एक नजर से नहीं देखेगा. तब तक कानून का आना इतना महत्वपूर्ण नहीं होता है. कानून और समाज दोनों एक ही तराजू में होंगे तो हम आगे बढ़ पाएगे और समाज आगे बढ़ पाएगा".
Lgbtq प्लस समुदाय के अधिकारों के लिए प्राइड मार्च: प्राइड मार्च में कोलकाता से पहुंचे वेंकटेश ने बताया कि" मैं Lgbtq प्लस कम्युनिटी के अधिकार के लिए देश के सभी शहरों में ट्रैवल करता हूं. यह मेरी 59वीं प्राइड मार्च है. हमारी कम्युनिटी के अलावा हमारे साथ बहुत सारे यंगस्टर जुड़े हुए हैं. हम अपने अधिकारों के लिए यह प्राइड मार्च निकालते हैं हमें सेम सेक्स मैरिज के अधिकार नहीं, बच्चों को गोद लेने के अधिकार नहीं है. सरकार द्वारा हमारी कम्युनिटी के लिए बहुत सारे कानून बनाए जा रहे हैं. लेकिन वह अधिकार हमें वास्तव में नहीं मिल पा रहे हैं. सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर को लेकर बहुत से अधिकार दिए गए हैं. लेकिन अस्पतालों में भी महिला पुरुष वार्ड होते हैं. लेकिन ट्रांसजेंडर के लिए कोई अलग से वार्ड नहीं होता. मेडिकल फैसिलिटी एजुकेशन क्षेत्रों में भी हम लोगों को अधिकार नहीं मिल पाते हैं. इसे बदलने की जरूरत है."