दंतेवाड़ा: लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान से प्रभावित होकर 02 महिला सहित 03 ईनाम नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. नक्सलियों की खोखली विचारधारा और उनके शोषण, अत्याचार और स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा, नक्सली संगठनों के भीतर आंतरिक मदभेद और जंगलों में रहने की कठिनाइयों से तंग आकर इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है.
तीन इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर
- राजू पदाम: यह नक्सली पालनर एलओएस सदस्य (szc चैतू दादा का गार्ड) है. उसके पिता का नाम
- हिड़मा पदाम है. उम्र लगभग 25 वर्ष है. इसकी जाति मुरिया है. वह गोंडेरास पटेलपारा का निवासी है, जो सुकमा जिले के थाना फुलबगड़ी क्षेत्र में आता है.
- हुर्रे कवासी: यह नक्सली पालनर एलओएस सदस्य (szc चैतू दादा का गार्ड) है. उम्र लगभग 23 वर्ष है. वह दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के कुंजेरास गांव का निवासी है.
- सुखमती उर्फ लक्ष्मी उर्फ कविता ओयाम: यह नक्सली सोनाबेड़ा एलओएस सदस्य है. उम्र लगभग 26 वर्ष है. वह बीजापुर जिले के मिरतुर थाना क्षेत्र के बेचपाल गायतापारा की निवासी है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूजा कुमारी ने बताया कि तीनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण की इच्छा जाहिर करते हुये लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान के तहत शनिवार को पुलिस अधीक्षक गौरव राय , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार बर्मन के समक्ष डीआरजी कार्यालय दन्तेवाड़ा में आत्मसमर्पण किया.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूजा कुमारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधायें जैसे 10,000 रुपये की मासिक आर्थिक सहायता, 3 वर्ष तक निःशुल्क आवास भोजन, स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रशिक्षण, कृषि भूमि मुहैया कराई जाएगी.
कितने नक्सलियों ने किया सरेंडर ?: लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 215 ईनामी सहित कुल 901 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके है.