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लोगों की गुहार, कब्रिस्तान के लिए जमीन का इंतजाम कर दो सरकार

मुस्लिम और ईसाई समाज ने सरकार से कब्रिस्तान के लिए जमीन देने की गुहार लगाई है.

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Published : Aug 23, 2019, 1:47 PM IST

Updated : Aug 23, 2019, 2:34 PM IST

कब्रिस्तान

रायपुर: बढ़ती आबादी की वजह से लगातार जमीन की कमी महसूस की जा रही है. आलम यह है कि अब कब्रिस्तान में जगह कम पड़ने लगी है. ईसाई और मुस्लिम समाज के लोगों ने इस पर चिंता जताना शुरू कर दिया है.

तेजी से भर रहे कब्रिस्तान

शहर में मुस्लिम समाज के करीब आधा दर्जन और ईसाई समाज के 3-4 कब्रिस्तान मौजूद हैं, लेकिन इनमें दिनों दिन जगह की कमी होती जा रही है. ऐसे में ये समाज नई जगह की तलाश में है. शहर में इतनी बड़ी जगह का मिलना इतना आसान नहीं होगा. ऐसे में इन समाजों को सरकार से उम्मीद है कि वो पहल कर इस समस्या का हल निकाले.

आबादी का बढ़ना प्रमुख कारण
इन समाजों के लोगों का भी मानना है कि, समय रहते बढ़ती आबादी पर नियंत्रण नहीं लगाने और इस ओर समय रहते ध्यान नहीं देने की वजह से यह भीषण समस्या सामने आई है.

दो गज जमीन भी हो रही मुश्किल
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि, वो जीते जी किराए के मकान में रह सकते हैं, लेकिन मौत के बाद अपनी दो गज जमीन में चैन की नींद सोना चाहते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में 2 गज जमीन के भी लाले पड़ते नजर आ रहे हैं.

कई शहरों में है समस्या
यह समस्या न केवल रायपुर शहर की है, बल्कि पुराने कई शहरों में इसी तरह के हालात बन गए हैं. अब देखना यह होगा कि सोने से महंगी जमीन के इस मामले को लेकर सरकार क्या रुख अपनाती है.

रायपुर: बढ़ती आबादी की वजह से लगातार जमीन की कमी महसूस की जा रही है. आलम यह है कि अब कब्रिस्तान में जगह कम पड़ने लगी है. ईसाई और मुस्लिम समाज के लोगों ने इस पर चिंता जताना शुरू कर दिया है.

तेजी से भर रहे कब्रिस्तान

शहर में मुस्लिम समाज के करीब आधा दर्जन और ईसाई समाज के 3-4 कब्रिस्तान मौजूद हैं, लेकिन इनमें दिनों दिन जगह की कमी होती जा रही है. ऐसे में ये समाज नई जगह की तलाश में है. शहर में इतनी बड़ी जगह का मिलना इतना आसान नहीं होगा. ऐसे में इन समाजों को सरकार से उम्मीद है कि वो पहल कर इस समस्या का हल निकाले.

आबादी का बढ़ना प्रमुख कारण
इन समाजों के लोगों का भी मानना है कि, समय रहते बढ़ती आबादी पर नियंत्रण नहीं लगाने और इस ओर समय रहते ध्यान नहीं देने की वजह से यह भीषण समस्या सामने आई है.

दो गज जमीन भी हो रही मुश्किल
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि, वो जीते जी किराए के मकान में रह सकते हैं, लेकिन मौत के बाद अपनी दो गज जमीन में चैन की नींद सोना चाहते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में 2 गज जमीन के भी लाले पड़ते नजर आ रहे हैं.

कई शहरों में है समस्या
यह समस्या न केवल रायपुर शहर की है, बल्कि पुराने कई शहरों में इसी तरह के हालात बन गए हैं. अब देखना यह होगा कि सोने से महंगी जमीन के इस मामले को लेकर सरकार क्या रुख अपनाती है.

Intro:रायपुर।
"2 गज जमीन ही सही पर,
मेरी मिल्कियत तो है,
ऐ मौत,
तूने हमें ज़मीदार कर दिया,

मशहूर शायर राहत इंदौरी की यह लाइनें अगर देखा जाए तो रायपुर में इन दिनों इतनी सटीक नहीं बैठ रही है जैसे पहले मौजूद हुआ करती थी.

दरअसल रायपुर में बढ़ती आबादी के चलते जगह की कमी लगातार महसूस की जा रही है इसी कड़ी में कब्रिस्तान में जगह कम पड़ने लगी है इसको लेकर इसाई और मुस्लिम समाज के लोगों ने चिंता जताना भी शुरू कर दिया है



Body:शहर में मुस्लिम समाज के करीब आधा दर्जन कब्रिस्तान है,वही ईसाई समाज के 3-4 कब्रिस्तान मौजूद हैं लेकिन इनमें दिनोंदिन जगह की कमी होती जा रही है ऐसे में इन समाजों को नई जगह की तलाश है लेकिन शहर में इतनी बड़ी जगह का मिलना इतना आसान नहीं होगा ऐसे में इन समाजों को सरकार से उम्मीद है कि वह पहल कर इस समस्या का हल निकाले
बाइट सदस्य ईसाई समाज

इन समाजों के लोगों का भी मानना है कि बढ़ती आबादी की ओर समय रहते इस और ध्यान नहीं देने के चलते एकाएक यह भीषण समस्या के रूप में सामने आ गया है वही कुछ लोगों का कहना है जीते जी किराए के मकान में रह सकते हैं लेकिन मौत के बाद वह अपनी दो गज जमीन पर अनंत निद्रा में जाना चाहते हैं लेकिन मौजूद हालात के चलते 2 गज जमीन के भी लाले पड़ते नजर आ रहे हैं
बाइट मोहम्मद अयूब खान धर्मगुरु मुस्लिम समाज


Conclusion:यह समस्या ना केवल रायपुर शहर की है बल्कि पुराने कई शहरों में इसी तरह के हालात बन गए हैं देखने वाली बात होगी सोने से महंगी जमीन के इस मामले को लेकर सरकार क्या रुख अपनाती है।
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नोट श्मशान घाट के विजुअल, वाइट और पीटीसी लाइव व्यू से 2 गज जमीन नाम से भेजा गया ह
Last Updated : Aug 23, 2019, 2:34 PM IST
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