रायपुर: सूबे के बहुचर्चित झीरम मामले की आज रायपुर हाई कोर्ट में अंतिम सुनवाई होगी. इस मामले पर सबकी निगाहें गड़ी हुई हैं. यहां बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASJ) कोर्ट नहीं पहुंच सके थे. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि सुनवाई के दौरान एनआईए और राज्य शासन के क्षेत्राधिकार पर भी लंबी बहस हो सकती है. बता दें कि एनआईए पर राजनीतिक षड्यंत्र के जांच न करने का आरोप लगाया गया था, जिस मामले काफी तूल भी पकड़ा था. गौरतलब है कि दरभा थाने में दर्ज आपराधिक प्रकरण को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.
कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने किया था बड़ा हमला
25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने बड़ा हमला किया था. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस घोर नक्सल प्रभावित इलाके में परिवर्तन यात्रा निकाल रही थी. उस हमले में प्रदेश कांग्रेस की टॉप लीडरशिप खत्म हो गई थी. तत्कालीन पीसीसी चीफ नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा को नक्सलियों ने मार दिया था. तब से लेकर आज तक झीरम हमले की जांच और उस पर सवाल खड़े होते रहे हैं. अब कोरोना से नक्सलियों की मौत ने इसे और हवा दे दी है.
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इस अटैक की जांच पर एक बार फिर से खड़े हो रहे सवाल
8 साल पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर 25 मई 2013 को हुए झीरम घाटी में नक्सली हमले की एनआईए (NIA) जांच कर रही है. घटना को लंबा समय बीत जाने के बाद भी इसकी जांच किसी नतीजे तक न पहुंचने के मद्देनजर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कई बार सवाल उठा चुके हैं. अब तक के सबसे बड़े नक्सली हमले के मास्टर माइंड हेमला विनोद की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है, जिससे इस अटैक की जांच पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं.
सीबीआई (CBI) जांच कराने की मांग कर रही राज्य सरकार
नक्सली विनोद हेमला की मौत पर कांग्रेस नेता राजीव नारंग ने कहा था कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि मामले पर सच जल्द से जल्द सामने आए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब प्रदेश अध्यक्ष थे तब से वह इस मामले की जांच के संबंध में आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन अभी तक एनआईए की जांच पूरी नहीं हुई है. राज्य सरकार मामले पर सीबीआई (CBI) से जांच कराने की मांग कर रही है, लेकिन इसे केंद्र सरकार पूरी नहीं कर रही है.