रायपुर: कोविड-19 महामारी रोज कमा कर खाने वालों के लिए काल बन गई है. सबसे ज्यादा संकट मजदूरों पर आ गया है. लॉक डाउन की वजह से छत्तीसगढ़ के करीब 90 हजार मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. अब इन मजदूरों के सामने पेट पालने की समस्या खड़ी हो गई है. इनके पास खाने को राशन तक नहीं हैं. अब ये मजदूर सरकार से प्रदेश वापस बुलाने की गुहार लगा रहे हैं.
राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर मजदूरों को वापस लाने का दावा कर रही है. बावजूद इसके अब तक इन मजदूरों की वापसी नहीं हो सकी है. हाल ही में कोटा में फंसे हजारों छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार ने वापस छत्तीसगढ़ बुलाया है, जिसके बाद अन्य राज्य में फंसे मजदूरों में भी उम्मीद की किरण जागी है.
आइए जानते हैं किस राज्य में छत्तीसगढ़ के कितने मजदूर फंसे हैं-
जम्मू कश्मीर में 22 हजार 944 मजदूर फंसे हैं.
महाराष्ट्र में 17 हजार 286 मजदूर फंसे हैं.
उत्तर प्रदेशम में 12 हजार 367 मजदूर फंसे हुए हैं.
तेलंगाना में 11 हजार 983 मजदूर फंसे हुए हैं.
गुजरात में 7 हजार 731 मजदूर फंसे हुए हैं.
कर्नाटक में 3 हजार 57 मजदूर फंसे हुए हैं.
मध्यप्रदेश में 2 हजार 441 मजदूर फंसे हुए हैं.
आंध्र प्रदेश में 2 हजार 274 मजदूर फंसे हैं.
दिल्ली में 1 हजार 790 मजदूर फंसे हुए हैं.
हिमाचल प्रदेश में 1 हजार 689 मजदूर फंसे हुए हैं.
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जाना हाल
अन्य राज्यों फंसे मजदूरों से लगातार मुख्यमंत्री ओर मंत्री संपर्क में बने हुए हैं. यहां तक कि कुछ दिन पहले खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जम्मू-कश्मीर में फंसे मजदूरों से वीडियो कॉलिंग कर बातचीत की. मंत्री ने उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था. साथ ही कुछ राशि उनके खातों में डालने की भी बात कही थी.
छत्तीसगढ़ के सभी मजदूरों को लाएंगे वापस
श्रम मंत्री शिव कुमार डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लगभग 90 हजार मजदूर देश के अन्य राज्यों में फंसे हैं, जिनको लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ में फंसे तकरीबन 26 हजार मजदूरों के लिए 400 शिविर लगाए गए हैं. मंत्री ने कहा कि जैसे ही केंद्र सरकार की अनुमति मिलेगी, मजदूरों को वापस छत्तीसगढ़ बुला लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मदद की दरकार
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉकडाउन को एक माह से ज्यादा का समय बीत चुका है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों के पास न तो रोजगार है और न ही खाने-पीने की व्यवस्था, जिससे परेशान होकर मजदूर सोशल मीडिया के जरिए राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. अब सरकार ने वापस लाने का वादा तो किया, लेकिन कब तक वापस आएंगे यह साफ नहीं किया.