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रायपुर के कोतवाली थाने के लॉकअप में द्वापर युग के कृष्ण का जन्म

रायपुर के कोतवाली थाने में जन्माष्टमी पर्व मनाया जा रहा है. पिछले कई सालों से ये सिलसिला जारी है. कोतवाली थाने में द्वापर युग में कृष्ण के जन्म का नाट्य रूपांतरण किया जाता है. जिसमें वर्दीधारी भी इसमें अपना रोल निभाते हैं.

Krishna born in lockup of Kotwali police station
रायपुर के कोतवाली थाने में जन्माष्टमी का पर्व
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Published : Aug 18, 2022, 8:24 PM IST

Updated : Aug 18, 2022, 10:00 PM IST

रायपुर: कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा. कहीं केक काट कर कान्हा का जन्मदिन मनाया जाएगा तो कुछ जगहों पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति विराजित की जाएगी. लेकिन ETV भारत राजधानी रायपुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की एक अनोखी परंपरा के बारे में बताने जा रहा है. जहां द्वापर युग की तरह बालकृष्ण का जन्म भी कारागार में होता है. रायपुर के कोतवाली थाने में जन्माष्टमी का पर्व कुछ इसी तरह मनाया जाता है. भगवान कृष्ण का जन्म थाने के लॉकअप में होता है. यह परंपरा पिछले कुछ सालों से चली आ रही है.

रायपुर के कोतवाली थाने में जन्माष्टमी का पर्व

कान्हा को टोकरी में लेकर लॉकअप से निकलेंगे वासुदेव : जन्माष्टमी की रात ठीक 12 बजे कोतवाली थाने की लाइटें बंद कर दी जाती है. लॉकअप को पूरी तरह अंधेरा कर दिया जाता है. खाकी पहने दो वर्दीधारी कॉन्स्टेबल अचानक सो जाते हैं. ठीक वैसे ही जैसे कंस के प्रहरी भगवान के जन्म के बाद अचानक सो गए थे. इसके बाद द्वापर युग में जिस तरह वासुदेव भगवान कृष्ण के जन्म के बाद कारागार से अपने सिर पर उन्हें लेकर नंद के घर जाते हैं. ठीक उसी तरह यहां भी वासुदेव लॉकअप से श्री कृष्ण को लेकर सदर बाजार स्थित गोपाल मंदिर जाएंगे. जहां भक्त कृष्ण के बाल रूप के दर्शन देंगे.

जन्माष्टमी पर भारत की 7 प्रमुख नदियों से होगा भगवान श्रीकृष्ण का जलाभिषेक

बेड़ियों में जकड़े नजर आएंगे वासुदेव और देवकी : इस खास दिन पर कोतवाली थाने में जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म होगा तो वासुदेव और उनकी पत्नी ठीक वैसे ही बेड़ियों में जकड़े नजर आएंगे. जैसे द्वापर युग में हुआ था. यह पूरा आयोजन श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव समिति की ओर से किया जाता है. इसके लिए बाकायदा समिति के सदस्य वासुदेव और देवकी की भूमिका में नजर आते हैं. खास बात यह है कि इस बार कंस का भी पात्र दिखाई देगा. इससे पहले कंस का पात्र नहीं होता था.


कब और कैसे हुई शुरुआत: श्री कृष्ण जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष माधव लाल यादव ने बताया "लगभग 6 साल पहले हम लोग तत्कालीन गृहमंत्री और जेल विभाग गए थे. वहां जाकर आग्रह किया था. भगवान श्री कृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था उसी तर्ज पर कृष्ण का जन्मोत्सव मनाने के लिए हमारी समिति ने आग्रह किया. उसके बाद पुलिस विभाग से हमें सिटी कोतवाली में आयोजन की अनुमति मिली. समिति की सदस्य हेमलता देवकी और उनके पति सुनील, वासुदेव की भूमिका निभाएंगे. उन्हें बिल्कुल उसी तरह तैयार किया जाएगा. जिस तरह द्वापर युग में देवकी और वासुदेव वेशभूषा धारण किये हुए थे. उन्हें हथकड़ी भी लगाई जाएगी. बंदी गृह की लाइट बंद कर दी जाएगी. इस बार हम लोग कंस का पात्र भी प्ले करवा रहे हैं. दो सिपाही बेहोशी की एक्टिंग करेंगे और ठीक रात 12 बजे भगवान का जन्म होगा. यह सारा दृश्य देखने को मिलेगा. उसके बाद भगवान को टोकरी में रखकर वासुदेव सिटी कोतवाली थाने से निकलेंगे और प्रसिद्ध गोपाल मंदिर जाएंगे. जहां भक्तों को दर्शन देंगे. मेरी जानकारी में रायपुर के ही सिटी कोतवाली थाने में कृष्ण का जन्म होता है. किसी और थाने में इस तरह के कार्यक्रम की जानकारी नहीं है. "

रायपुर के जैतुसाव मठ में कृष्ण जन्माष्टमी पर मालपुआ का भोग

क्या कहते हैं अफसर: सिटी कोतवाली सीएसपी अविनाश मिश्रा ने बताया "पिछले कुछ सालों से थाना कोतवाली में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर रात में कृष्ण जन्म का मंचन किया जाता है. यह आयोजन एक समिति की तरफ से होता है. कृष्ण जी का जन्म जिस तरह कारागार में हुआ था. उसका ही एक नाट्य रूपांतरण किया जाता है. यह कृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात्रि 12 बजे होता है."

रायपुर: कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा. कहीं केक काट कर कान्हा का जन्मदिन मनाया जाएगा तो कुछ जगहों पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति विराजित की जाएगी. लेकिन ETV भारत राजधानी रायपुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की एक अनोखी परंपरा के बारे में बताने जा रहा है. जहां द्वापर युग की तरह बालकृष्ण का जन्म भी कारागार में होता है. रायपुर के कोतवाली थाने में जन्माष्टमी का पर्व कुछ इसी तरह मनाया जाता है. भगवान कृष्ण का जन्म थाने के लॉकअप में होता है. यह परंपरा पिछले कुछ सालों से चली आ रही है.

रायपुर के कोतवाली थाने में जन्माष्टमी का पर्व

कान्हा को टोकरी में लेकर लॉकअप से निकलेंगे वासुदेव : जन्माष्टमी की रात ठीक 12 बजे कोतवाली थाने की लाइटें बंद कर दी जाती है. लॉकअप को पूरी तरह अंधेरा कर दिया जाता है. खाकी पहने दो वर्दीधारी कॉन्स्टेबल अचानक सो जाते हैं. ठीक वैसे ही जैसे कंस के प्रहरी भगवान के जन्म के बाद अचानक सो गए थे. इसके बाद द्वापर युग में जिस तरह वासुदेव भगवान कृष्ण के जन्म के बाद कारागार से अपने सिर पर उन्हें लेकर नंद के घर जाते हैं. ठीक उसी तरह यहां भी वासुदेव लॉकअप से श्री कृष्ण को लेकर सदर बाजार स्थित गोपाल मंदिर जाएंगे. जहां भक्त कृष्ण के बाल रूप के दर्शन देंगे.

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बेड़ियों में जकड़े नजर आएंगे वासुदेव और देवकी : इस खास दिन पर कोतवाली थाने में जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म होगा तो वासुदेव और उनकी पत्नी ठीक वैसे ही बेड़ियों में जकड़े नजर आएंगे. जैसे द्वापर युग में हुआ था. यह पूरा आयोजन श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव समिति की ओर से किया जाता है. इसके लिए बाकायदा समिति के सदस्य वासुदेव और देवकी की भूमिका में नजर आते हैं. खास बात यह है कि इस बार कंस का भी पात्र दिखाई देगा. इससे पहले कंस का पात्र नहीं होता था.


कब और कैसे हुई शुरुआत: श्री कृष्ण जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष माधव लाल यादव ने बताया "लगभग 6 साल पहले हम लोग तत्कालीन गृहमंत्री और जेल विभाग गए थे. वहां जाकर आग्रह किया था. भगवान श्री कृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था उसी तर्ज पर कृष्ण का जन्मोत्सव मनाने के लिए हमारी समिति ने आग्रह किया. उसके बाद पुलिस विभाग से हमें सिटी कोतवाली में आयोजन की अनुमति मिली. समिति की सदस्य हेमलता देवकी और उनके पति सुनील, वासुदेव की भूमिका निभाएंगे. उन्हें बिल्कुल उसी तरह तैयार किया जाएगा. जिस तरह द्वापर युग में देवकी और वासुदेव वेशभूषा धारण किये हुए थे. उन्हें हथकड़ी भी लगाई जाएगी. बंदी गृह की लाइट बंद कर दी जाएगी. इस बार हम लोग कंस का पात्र भी प्ले करवा रहे हैं. दो सिपाही बेहोशी की एक्टिंग करेंगे और ठीक रात 12 बजे भगवान का जन्म होगा. यह सारा दृश्य देखने को मिलेगा. उसके बाद भगवान को टोकरी में रखकर वासुदेव सिटी कोतवाली थाने से निकलेंगे और प्रसिद्ध गोपाल मंदिर जाएंगे. जहां भक्तों को दर्शन देंगे. मेरी जानकारी में रायपुर के ही सिटी कोतवाली थाने में कृष्ण का जन्म होता है. किसी और थाने में इस तरह के कार्यक्रम की जानकारी नहीं है. "

रायपुर के जैतुसाव मठ में कृष्ण जन्माष्टमी पर मालपुआ का भोग

क्या कहते हैं अफसर: सिटी कोतवाली सीएसपी अविनाश मिश्रा ने बताया "पिछले कुछ सालों से थाना कोतवाली में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर रात में कृष्ण जन्म का मंचन किया जाता है. यह आयोजन एक समिति की तरफ से होता है. कृष्ण जी का जन्म जिस तरह कारागार में हुआ था. उसका ही एक नाट्य रूपांतरण किया जाता है. यह कृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात्रि 12 बजे होता है."

Last Updated : Aug 18, 2022, 10:00 PM IST
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