रायपुर: विभाग की त्रुटि के कारण किसान के धान का आंकलन कम होने के कारण कोंडागांव के किसान धनीराम मरकाम ने दिसंबर 2020 में आत्महत्या कर ली (kondagaon farmer suicide case) थी. धनीराम ने बैंक से लोन भी लिया था. कर्ज माफी और अपने बच्चों को नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर आज मृत धनीराम के परिजन मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठे. पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री से मुलाकात करना चाहता था. सीएम के न मिलने पर मुख्यमंत्री निवास के अंदर जाकर पीड़ित परिवार ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और लौट गए.
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ये है पूरा मामला
दिसंबर 2020 में कोंडागांव के मारंगपुरी गांव के किसान धनीराम ने बड़ेराजपुर सहकारी समिति में अपना धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था. विभाग की त्रुटि के कारण तौल में 90 क्विंटल रहा उसके धान को विभाग ने 11 क्विंटल बताया. बताया जाता है कि धनीराम ने सहकारी समिति से 65 हजार रुपए लोन भी लिये थे. इन सबसे आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली. इसके बाद अब परिजनों पर सहकारी समिति कर्ज पटाने के लिए दबाव बना रही है. मृत किसान की पत्नी का कहना है कि सरकार इनका कर्ज माफ करे और इनकी बेटियों को नौकरी दे.
भाजपा पीड़ित के साथ पहुंचे सीएम आवास
मृत धनीराम के परिजन के साथ भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास और केशकाल के पूर्व विधायक सेवकराम नेताम भी सीएम आवास पहुंचे थे. उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार अपने आप को किसानों की हितैषी बताती है, लेकिन यहां किसान आत्महत्या कर रहे हैं. ऐसे में सरकार से कर्जमाफी और मृत किसान की बेटियों को सरकार द्वारा नौकरी दी जाए. जिससे उसके परिजन जीवन-यापन कर सकें. सरकार की ओर से कोई मुआवजा राशि भी नहीं दी गई है. न ही कर्जमाफी हो पाई है. इस कारण परिवार संकट के दौर से गुजर रहा है.