ETV Bharat / state

International Women's Day: छत्तीसगढ़ की वो महिलाएं जिनके आगे हार गईं परेशानियां

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है. इस मौके पर हम आपको छत्तीसगढ़ की उन महिला शक्तियों से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं, जिनके हौसले ने हर बाधा, हर परेशानी को भी हरा दिया. ये सचमुच में बनकर उभरीं अपराजिता...

International womens day today
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
author img

By

Published : Mar 8, 2021, 8:10 AM IST

Updated : Mar 8, 2021, 11:54 AM IST

रायपुर: आज हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं. इस साल इसकी थीम 'Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world' है. साल 1908 में पहली बार इस दिन को सेलिब्रेट किया गया था. छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने भी धरती को अपने शौर्य, कला और गुणों से सींचा है. ETV भारत उन्हीं महिलाओं को सलाम कर रहा है.


छत्तीसगढ़ की प्रथम नागरिक भी महिला हैं. अनुसुइया उइके प्रदेश की राज्यपाल हैं. कला, संस्कृति, खेल, प्रशासन में यहां की महिलाएं बड़ी जिम्मेदारी संभाल रही हैं. मिनीमाता, तीजनबाई, फुलबासन बाई, सबा अंजुम अनेक में से ये वो कुछ नाम हैं, जिन पर हर छत्तीसगढ़िया को फख्र है.

Women's day : ETV भारत की 'अपराजिताओं' के दिल की बात


इन पर भी है नाज

ETV भारत आपको उनके बारे में भी बता रहा है, जो न बहुत सुर्खियां बनीं, न चकाचौंध में हैं. बस वे अपने हिस्से का काम बेहतरीन तरीके से किए जा रही हैं.


सरगुजा की एएनएम रजनी को सलाम

सिजेरियन डिलीवरी के इस जमाने में दर्द से कराह रही प्रसूताओं के माथे पर ममता भरा हाथ रखकर रजनी सामान्य प्रसव कराने में मदद करती हैं. कम संसाधनों में जच्चा का ध्यान रखती हैं और बच्चे का दुनिया में स्वागत करती हैं. सेवाभाव और अपने मरीजों के प्रति रजनी का ऐसा लगाव है कि 4 गांव के अलावा दूर-दूर से महिला प्रसव कराने इनके पास आती हैं. यही कारण है कि मार्च 2020 में लॉकडाउन लगने के बाद से अब तक रजनी ने कुल 72 सुरक्षित प्रसव कराए हैं.

Rajni Kushwaha
एएनएम रजनी कुशवाहा

छत्तीसगढ़ में भी कई 'आयशा', हर महीने दहेज के सैकड़ों केस होते हैं दर्ज


गोल्डन गर्ल श्रुति को सैल्यूट

छत्तीसगढ़ की गोल्डन गर्ल के नाम से प्रसिद्ध कोरबा की श्रुति एक प्रोफेशनल शूटर हैं, जिन्होंने 2019 में इटली में आयोजित यूरोपियन मास्टर्स में दो स्वर्ण पदक जीते थे. सबसे बड़ी बात तो ये है कि उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी, फिर भी उन्होंने वापसी की. निशानेबाजी में आंखों का सबसे अहम रोल होता है. उनका ब्रिटिश संसद ने भी लोहा माना और उन्हें शी इंस्पायर अवार्ड से नवाजा. वे कहती हैं कि हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो ओलंपिक में खेले. मेरा भी ये सपना है कि मैं देश के लिए ओलंपिक में खेलूं और जीतूं.

Shruti Yadav, an international shooter known as Golden Girl
गोल्डन गर्ल कही जाने वाली इंटरनेशनल शूटर श्रुति यादव

Woman's Day: गोल्डन गर्ल ने आंखों की रोशनी खोई, लेकिन गोल्ड पर लगाया निशाना


बस्तर की 'पैडवुमन' से मिलिए

इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको बस्तर की आयरन लेडी से पहचान करवा रहे हैं. इनका नाम करमजीत कौर है. अगर हम इन्हें बस्तर की 'पैडवुमन' के नाम से पुकारें, तो गलत नहीं होगा. करमजीत कौर एक समाजसेवी हैं. पिछले 5 सालों से बस्तर के ग्रामीण और शहरी इलाकों में माहवारी के प्रति जागरूकता अभियान चला रही हैं. अपनी संस्था के माध्यम से महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध करवा रही हैं.

'Padwoman' Karamjit Kaur of Bastar
बस्तर की 'पैडवुमन' करमजीत कौर

महिला दिवस: छत्तीसगढ़ की तीनों राज्यसभा सांसदों ने उठाया सुरक्षा और आरक्षण का मुद्दा


करमजीत कौर ने बताया कि बस्तर के ग्रामीण अंचलों के साथ ही शहरी क्षेत्र की महिलाओं और किशोर बालिकाएं माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, इससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. वहीं बस्तर के ग्रामीण अंचलों की अधिकतर महिलाएं और किशोर बालिकाएं माहवारी से होने वाले रोगों से जूझ भी रही हैं. लगातार बढ़ती समस्या को देखते हुए उन्होंने 'एमएम फाइटर्स' और 'बस्तर फाउंडेशन केयर संस्था' का गठन किया. संस्था में अपने साथ ऐसी महिलाओं और युवतियों को शामिल किया, जो बस्तर की महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में जागरूक करने के लिए अच्छा काम कर रही हैं. उसके बाद उन्होंने 2015 से अपनी संस्था के माध्यम से लगातार इस क्षेत्र में काम करना शुरू किया.

हिम्मत की मिसाल सरोजिनी

भिलाई की रहने वाली सरोजिनी पाणिग्रही हिम्मत की मिसाल हैं. 2007 में जगन्नाथपुरी में सरोजिनी के पति की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसके बाद पति की मौत का सदमा और बच्चों की जिम्मेदारी सरोजिनी को अकेले उठानी थी. अचानक पड़े बोझ से विचलित हुए बिना सरोजिनी ने जिम्मेदारी संभाली और चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया. सरोजिनी की मेहनत के आगे तामम परेशानियों ने सरेंडर कर दिया. सरोजिनी ने सफलता की नई इमारत खड़ी कर दी. महज चार साल में सरोजिनी ने मेहनत और काबिलयत के दम पर कंपनी की दूसरी ब्रांच शुरू कर ली है. वर्तमान में दोनों कंपनी में करीब 45 कर्मचारी काम कर रहे हैं.

Sarojini Panigrahi opened the company on her own
सरोजिनी पाणिग्रही ने अपने दम पर खोली कंपनी

खतरनाक प्रशिक्षण लेकर नक्सलियों से लोहा ले रही 454 महिला कमांडो


नाजिमा पर नाज

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको महासमुंद के एक छोटे से गांव से निकलकर सालों से एक पूरा अस्पताल संभालने वाली महिला शक्ति से मिलवा रहे हैं. नाजिमा खान ने अपनी मेहनत के दम पर अलग मुकाम हासिल किया है. आज वह खुद महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत भी कर रही हैं. नाजिमा खान ने महासमुंद के एक छोटे से गांव से निकलकर सालों पहले पुणे और मुंबई में रहकर पढ़ाई की है. हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में पिछले 20 साल से काम कर रही हैं. 15 सालों से वे रायपुर के एक हॉस्पिटल के मैनेजमेंट को लीड कर रही हैं. नाजिमा खान की राह भी आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत, विश्वास और लगन के जरिए ये मुकाम हासिल किया है. नाजिमा खान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बेबाकी से अपनी बात रखी है. वो कहती हैं कि औरतों के प्रति सम्मान और प्यार प्रकट करना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है. महिलाओं को समाज आगे बढ़ने नहीं देता है, लेकिन उन्हें लगातार आगे बढ़ने की कोशिश करते रहनी चाहिए.

Nazim Khan of Mahasamund
महासमुंद की नाजिमा खान


वर्णिका ने बनाई अपनी राह

महासमुंद की रहने वाली वर्णिका की ग्रेजुएशन के बाद ही शादी हो गई. शादी के बाद रायपुर आई वर्णिका ने तमाम विरोधों के बाद भी डिफेंस में पोस्ट ग्रेजुएट करने की ठानी. उन्होंने इस गंभीर विषय की पढ़ाई की. पढ़ाई के दौरान उन्होंने ठान लिया कि वे सिर्फ डिग्री के लिए ही पढ़ाई नहीं करेंगी, बल्कि जमीनी स्तर पर भी वह काम करेंगी. एक छोटे से शहर में पली-बढ़ी वर्णिका शर्मा की पहचान आज सैन्य मनोवैज्ञानिक के तौर पर देशभर में बन गई है.

Military Psychologist Varnika Sharma
सैन्य मनोवैज्ञानिक वर्णिका शर्मा

Woman's Day: गोबर के दिये और हर्बल गुलाल ने महिलाओं की जिंदगी में लाई रोशनी के साथ खुशियों के रंग


रायपुर एयरपोर्ट पर महिला शक्ति

राजधानी रायपुर के एयरपोर्ट से न तो विमान इनके इशारों के बिना उड़ सकते हैं और न ही उतर सकते हैं. इन महिलाओं में एटीएसईपी की वरिष्ठ प्रबंधक शोभा जोशी, एटीसी सहायक प्रबंधक अदिति अरोड़ा और आईटी की कनिष्ठ कार्यपालक पुलकिता अग्रवाल भी शामिल हैं. पुलकिता अग्रवाल ने बताया कि वे सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में हैं. उनका काम नेटवर्किंग का इंफ्रास्ट्रक्चर देखना है. साथ ही लोगों को वे बाहरी दुनिया से कनेक्ट करने में मदद करती हैं.

ATSEP Senior Manager Shobha Joshi
एटीएसईपी की वरिष्ठ प्रबंधक शोभा जोशी


अदिति अरोड़ा ने बताया कि वे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर विभाग में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही हैं. उन्होंने बताया कि पायलट के साथ कम्युनिकेशन कर फ्लाइट उड़ाने और उसे लैंड करने तक पूरा सहयोग करती हैं. शोभा जोशी भारतीय विमान प्राधिकरण में सीनियर मैनेजर इलेक्ट्रॉनिक्स के पद पर कार्यरत हैं, जिनका काम ऑपरेशन मेंटेनेंस के तहत सीएनएस एक्यूमेंट का मेंटेनेंस देखना है. संजुला जायसवाल पिछले 3 सालों से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के रायपुर हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के पद पर हैं. ETV भारत से खास बातचीत में महिलाओं ने मैसेज दिया है कि आज वे अपनी कड़ी मेहनत और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती हैं, बस जरूरत है तो पूरी इच्छाशक्ति के साथ काम करने की. इसके बाद उनके लिए कोई भी मंजिल दूर नहीं रहेगी.

Women power at Raipur Airport
रायपुर एयरपोर्ट पर महिला शक्ति


छत्तीसगढ़ की महिलाएं हर परिस्थिति से लड़कर आगे निकल पड़ी हैं. कोरोना महामारी के दौर में भी फ्रंटलाइन वॉरियर्स के रूप में महिलाओं ने कमान संभाल रखी थी. वैक्सीनेशन भी राज्य में महिलाओं के दम पर हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ईटीवी भारत की तरफ से सभी महिलाओं को सलाम.

रायपुर: आज हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं. इस साल इसकी थीम 'Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world' है. साल 1908 में पहली बार इस दिन को सेलिब्रेट किया गया था. छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने भी धरती को अपने शौर्य, कला और गुणों से सींचा है. ETV भारत उन्हीं महिलाओं को सलाम कर रहा है.


छत्तीसगढ़ की प्रथम नागरिक भी महिला हैं. अनुसुइया उइके प्रदेश की राज्यपाल हैं. कला, संस्कृति, खेल, प्रशासन में यहां की महिलाएं बड़ी जिम्मेदारी संभाल रही हैं. मिनीमाता, तीजनबाई, फुलबासन बाई, सबा अंजुम अनेक में से ये वो कुछ नाम हैं, जिन पर हर छत्तीसगढ़िया को फख्र है.

Women's day : ETV भारत की 'अपराजिताओं' के दिल की बात


इन पर भी है नाज

ETV भारत आपको उनके बारे में भी बता रहा है, जो न बहुत सुर्खियां बनीं, न चकाचौंध में हैं. बस वे अपने हिस्से का काम बेहतरीन तरीके से किए जा रही हैं.


सरगुजा की एएनएम रजनी को सलाम

सिजेरियन डिलीवरी के इस जमाने में दर्द से कराह रही प्रसूताओं के माथे पर ममता भरा हाथ रखकर रजनी सामान्य प्रसव कराने में मदद करती हैं. कम संसाधनों में जच्चा का ध्यान रखती हैं और बच्चे का दुनिया में स्वागत करती हैं. सेवाभाव और अपने मरीजों के प्रति रजनी का ऐसा लगाव है कि 4 गांव के अलावा दूर-दूर से महिला प्रसव कराने इनके पास आती हैं. यही कारण है कि मार्च 2020 में लॉकडाउन लगने के बाद से अब तक रजनी ने कुल 72 सुरक्षित प्रसव कराए हैं.

Rajni Kushwaha
एएनएम रजनी कुशवाहा

छत्तीसगढ़ में भी कई 'आयशा', हर महीने दहेज के सैकड़ों केस होते हैं दर्ज


गोल्डन गर्ल श्रुति को सैल्यूट

छत्तीसगढ़ की गोल्डन गर्ल के नाम से प्रसिद्ध कोरबा की श्रुति एक प्रोफेशनल शूटर हैं, जिन्होंने 2019 में इटली में आयोजित यूरोपियन मास्टर्स में दो स्वर्ण पदक जीते थे. सबसे बड़ी बात तो ये है कि उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी, फिर भी उन्होंने वापसी की. निशानेबाजी में आंखों का सबसे अहम रोल होता है. उनका ब्रिटिश संसद ने भी लोहा माना और उन्हें शी इंस्पायर अवार्ड से नवाजा. वे कहती हैं कि हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो ओलंपिक में खेले. मेरा भी ये सपना है कि मैं देश के लिए ओलंपिक में खेलूं और जीतूं.

Shruti Yadav, an international shooter known as Golden Girl
गोल्डन गर्ल कही जाने वाली इंटरनेशनल शूटर श्रुति यादव

Woman's Day: गोल्डन गर्ल ने आंखों की रोशनी खोई, लेकिन गोल्ड पर लगाया निशाना


बस्तर की 'पैडवुमन' से मिलिए

इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको बस्तर की आयरन लेडी से पहचान करवा रहे हैं. इनका नाम करमजीत कौर है. अगर हम इन्हें बस्तर की 'पैडवुमन' के नाम से पुकारें, तो गलत नहीं होगा. करमजीत कौर एक समाजसेवी हैं. पिछले 5 सालों से बस्तर के ग्रामीण और शहरी इलाकों में माहवारी के प्रति जागरूकता अभियान चला रही हैं. अपनी संस्था के माध्यम से महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध करवा रही हैं.

'Padwoman' Karamjit Kaur of Bastar
बस्तर की 'पैडवुमन' करमजीत कौर

महिला दिवस: छत्तीसगढ़ की तीनों राज्यसभा सांसदों ने उठाया सुरक्षा और आरक्षण का मुद्दा


करमजीत कौर ने बताया कि बस्तर के ग्रामीण अंचलों के साथ ही शहरी क्षेत्र की महिलाओं और किशोर बालिकाएं माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, इससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. वहीं बस्तर के ग्रामीण अंचलों की अधिकतर महिलाएं और किशोर बालिकाएं माहवारी से होने वाले रोगों से जूझ भी रही हैं. लगातार बढ़ती समस्या को देखते हुए उन्होंने 'एमएम फाइटर्स' और 'बस्तर फाउंडेशन केयर संस्था' का गठन किया. संस्था में अपने साथ ऐसी महिलाओं और युवतियों को शामिल किया, जो बस्तर की महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में जागरूक करने के लिए अच्छा काम कर रही हैं. उसके बाद उन्होंने 2015 से अपनी संस्था के माध्यम से लगातार इस क्षेत्र में काम करना शुरू किया.

हिम्मत की मिसाल सरोजिनी

भिलाई की रहने वाली सरोजिनी पाणिग्रही हिम्मत की मिसाल हैं. 2007 में जगन्नाथपुरी में सरोजिनी के पति की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसके बाद पति की मौत का सदमा और बच्चों की जिम्मेदारी सरोजिनी को अकेले उठानी थी. अचानक पड़े बोझ से विचलित हुए बिना सरोजिनी ने जिम्मेदारी संभाली और चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया. सरोजिनी की मेहनत के आगे तामम परेशानियों ने सरेंडर कर दिया. सरोजिनी ने सफलता की नई इमारत खड़ी कर दी. महज चार साल में सरोजिनी ने मेहनत और काबिलयत के दम पर कंपनी की दूसरी ब्रांच शुरू कर ली है. वर्तमान में दोनों कंपनी में करीब 45 कर्मचारी काम कर रहे हैं.

Sarojini Panigrahi opened the company on her own
सरोजिनी पाणिग्रही ने अपने दम पर खोली कंपनी

खतरनाक प्रशिक्षण लेकर नक्सलियों से लोहा ले रही 454 महिला कमांडो


नाजिमा पर नाज

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको महासमुंद के एक छोटे से गांव से निकलकर सालों से एक पूरा अस्पताल संभालने वाली महिला शक्ति से मिलवा रहे हैं. नाजिमा खान ने अपनी मेहनत के दम पर अलग मुकाम हासिल किया है. आज वह खुद महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत भी कर रही हैं. नाजिमा खान ने महासमुंद के एक छोटे से गांव से निकलकर सालों पहले पुणे और मुंबई में रहकर पढ़ाई की है. हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में पिछले 20 साल से काम कर रही हैं. 15 सालों से वे रायपुर के एक हॉस्पिटल के मैनेजमेंट को लीड कर रही हैं. नाजिमा खान की राह भी आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत, विश्वास और लगन के जरिए ये मुकाम हासिल किया है. नाजिमा खान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बेबाकी से अपनी बात रखी है. वो कहती हैं कि औरतों के प्रति सम्मान और प्यार प्रकट करना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है. महिलाओं को समाज आगे बढ़ने नहीं देता है, लेकिन उन्हें लगातार आगे बढ़ने की कोशिश करते रहनी चाहिए.

Nazim Khan of Mahasamund
महासमुंद की नाजिमा खान


वर्णिका ने बनाई अपनी राह

महासमुंद की रहने वाली वर्णिका की ग्रेजुएशन के बाद ही शादी हो गई. शादी के बाद रायपुर आई वर्णिका ने तमाम विरोधों के बाद भी डिफेंस में पोस्ट ग्रेजुएट करने की ठानी. उन्होंने इस गंभीर विषय की पढ़ाई की. पढ़ाई के दौरान उन्होंने ठान लिया कि वे सिर्फ डिग्री के लिए ही पढ़ाई नहीं करेंगी, बल्कि जमीनी स्तर पर भी वह काम करेंगी. एक छोटे से शहर में पली-बढ़ी वर्णिका शर्मा की पहचान आज सैन्य मनोवैज्ञानिक के तौर पर देशभर में बन गई है.

Military Psychologist Varnika Sharma
सैन्य मनोवैज्ञानिक वर्णिका शर्मा

Woman's Day: गोबर के दिये और हर्बल गुलाल ने महिलाओं की जिंदगी में लाई रोशनी के साथ खुशियों के रंग


रायपुर एयरपोर्ट पर महिला शक्ति

राजधानी रायपुर के एयरपोर्ट से न तो विमान इनके इशारों के बिना उड़ सकते हैं और न ही उतर सकते हैं. इन महिलाओं में एटीएसईपी की वरिष्ठ प्रबंधक शोभा जोशी, एटीसी सहायक प्रबंधक अदिति अरोड़ा और आईटी की कनिष्ठ कार्यपालक पुलकिता अग्रवाल भी शामिल हैं. पुलकिता अग्रवाल ने बताया कि वे सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में हैं. उनका काम नेटवर्किंग का इंफ्रास्ट्रक्चर देखना है. साथ ही लोगों को वे बाहरी दुनिया से कनेक्ट करने में मदद करती हैं.

ATSEP Senior Manager Shobha Joshi
एटीएसईपी की वरिष्ठ प्रबंधक शोभा जोशी


अदिति अरोड़ा ने बताया कि वे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर विभाग में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही हैं. उन्होंने बताया कि पायलट के साथ कम्युनिकेशन कर फ्लाइट उड़ाने और उसे लैंड करने तक पूरा सहयोग करती हैं. शोभा जोशी भारतीय विमान प्राधिकरण में सीनियर मैनेजर इलेक्ट्रॉनिक्स के पद पर कार्यरत हैं, जिनका काम ऑपरेशन मेंटेनेंस के तहत सीएनएस एक्यूमेंट का मेंटेनेंस देखना है. संजुला जायसवाल पिछले 3 सालों से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के रायपुर हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के पद पर हैं. ETV भारत से खास बातचीत में महिलाओं ने मैसेज दिया है कि आज वे अपनी कड़ी मेहनत और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती हैं, बस जरूरत है तो पूरी इच्छाशक्ति के साथ काम करने की. इसके बाद उनके लिए कोई भी मंजिल दूर नहीं रहेगी.

Women power at Raipur Airport
रायपुर एयरपोर्ट पर महिला शक्ति


छत्तीसगढ़ की महिलाएं हर परिस्थिति से लड़कर आगे निकल पड़ी हैं. कोरोना महामारी के दौर में भी फ्रंटलाइन वॉरियर्स के रूप में महिलाओं ने कमान संभाल रखी थी. वैक्सीनेशन भी राज्य में महिलाओं के दम पर हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ईटीवी भारत की तरफ से सभी महिलाओं को सलाम.

Last Updated : Mar 8, 2021, 11:54 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.