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जिससे झोले खरीदकर CM ने दिया था सहायता का भरोसा, मदद के लिए भटक रही है वही बच्ची

गांधी विचार यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने जिस बच्ची से मुलाकात कर उसकी जमकर तारीफ थी वो बच्ची मदद की आस लिए मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची.

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Published : Nov 7, 2019, 12:14 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 4:30 PM IST

मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा केसरी और उसका परिवार

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांधी विचार पदयात्रा के दौरान रास्ते में एक बच्ची से कपड़े का थैला खरीदा था. यह बच्ची कपड़े का थैला सिलकर जहां एक ओर अपने परिवार की जीविका चलाने में मदद करती है, वहीं दूसरी ओर राजधानी को पॉलिथीन मुक्त करने का भी संदेश देती है. बघेल ने इस बच्ची से मुलाकात के दौरान की तस्वीर अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी पोस्ट की थी और बच्ची को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था.

मदद की आस लिए मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा केसरी और उसका परिवार

हम जिस बच्ची की बात कर रहे हैं, उसका नाम केसरी देवांगन है. बृज नगर की रहने वाली ये बच्ची इतनी कम उम्र में ही अपने परिवार के साथ कपड़े का थैला सिलने में घरवालों की मदद करने के साथ ही लोगों को प्लास्टिक मुक्त राजधानी का संदेश भी दे रही है.

ETV भारत ने कराई मुख्यमंत्री से मुलाकात
मदद की आस लिए केसरी अपने माता-पिता के साथ जन चौपाल में मुख्यमंत्री निवास पहुंची. लेकिन यहां मौजूद कर्मियों ने उसे मुख्यमंत्री से मिलने से रोक दिया. उसका आवेदन लेकर केसरी को परिवार के साथ बाहर जाने के लिए कहा. जिसके बाद केसरी अपने परिजनों के साथ मायूस होकर मुख्यमंत्री निवास से बाहर की ओर जाने लगी. तभी उसकी नजर ETV भारत के संवाददाता पर पड़ी. बता दें कि ETV भारत ने केसरी की दुकान में जाकर बच्ची के काम की सराहना की थी और उसकी खबर को प्रमुखता से दिखाया था.

सीएम ने जाना बच्ची का हाल
इसके बाद केसरी ने ETV भारत की टीम से सीएम से मिलने की इच्छा जाहिर की. जिसके बाद हमने अपना सामाजिक सरोकार निभाते हुए केसरी और उसके परिवारवालों को मुख्यमंत्री से मिलवाया. इतना ही नहीं ETV भारत के संवाददाता ने मुख्यमंत्री को यह याद भी दिलाया कि गांधी पदयात्रा के दौरान उन्होंने इसी बच्ची से कपड़े का थैला खरीदा था और उसके काम की सराहना की थी. मुख्यमंत्री ने बड़े ही सहजता के साथ केसरी से हाथ मिलाया और मुलाकात की. उसका हालचाल जाना साथ ही बच्ची के परिजनों की तरफ से दिए गए आवेदन को स्वीकार किया.

'मदद के लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंचे है'
बच्ची के पिता रामखिलावान देवांगन ने कहा कि 'हम मदद की आस लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंचे हैं. पदयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने मुलाकात कर हमें मदद का आश्वासन दिया था'. आश्वासन दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री की ओर से कोई मदद नहीं की गई. जिसके चलते केसरी और उसका परिवार मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाने जन चौपाल में आए.

सीएम ने किया था पोस्ट
सोशल मीडिया प्रोफाइल में की गई पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा कि - गांधी विचार यात्रा के अंतिम पड़ाव के दौरान रायपुर में इस बच्ची से मिलकर मन अभिभूत हो गया. यह बिटिया अपने माता-पिता के साथ मिलकर कपड़े का थैला बनाती है ताकि शहर को प्लास्टिक से मुक्त रखा जा सके. मैंने भी इस बिटिया से मात्र 100 रुपए में 5 कपड़े के थैले लिए. आप सभी कपड़े से बने थैले का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें और सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करें.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांधी विचार पदयात्रा के दौरान रास्ते में एक बच्ची से कपड़े का थैला खरीदा था. यह बच्ची कपड़े का थैला सिलकर जहां एक ओर अपने परिवार की जीविका चलाने में मदद करती है, वहीं दूसरी ओर राजधानी को पॉलिथीन मुक्त करने का भी संदेश देती है. बघेल ने इस बच्ची से मुलाकात के दौरान की तस्वीर अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी पोस्ट की थी और बच्ची को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था.

मदद की आस लिए मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा केसरी और उसका परिवार

हम जिस बच्ची की बात कर रहे हैं, उसका नाम केसरी देवांगन है. बृज नगर की रहने वाली ये बच्ची इतनी कम उम्र में ही अपने परिवार के साथ कपड़े का थैला सिलने में घरवालों की मदद करने के साथ ही लोगों को प्लास्टिक मुक्त राजधानी का संदेश भी दे रही है.

ETV भारत ने कराई मुख्यमंत्री से मुलाकात
मदद की आस लिए केसरी अपने माता-पिता के साथ जन चौपाल में मुख्यमंत्री निवास पहुंची. लेकिन यहां मौजूद कर्मियों ने उसे मुख्यमंत्री से मिलने से रोक दिया. उसका आवेदन लेकर केसरी को परिवार के साथ बाहर जाने के लिए कहा. जिसके बाद केसरी अपने परिजनों के साथ मायूस होकर मुख्यमंत्री निवास से बाहर की ओर जाने लगी. तभी उसकी नजर ETV भारत के संवाददाता पर पड़ी. बता दें कि ETV भारत ने केसरी की दुकान में जाकर बच्ची के काम की सराहना की थी और उसकी खबर को प्रमुखता से दिखाया था.

सीएम ने जाना बच्ची का हाल
इसके बाद केसरी ने ETV भारत की टीम से सीएम से मिलने की इच्छा जाहिर की. जिसके बाद हमने अपना सामाजिक सरोकार निभाते हुए केसरी और उसके परिवारवालों को मुख्यमंत्री से मिलवाया. इतना ही नहीं ETV भारत के संवाददाता ने मुख्यमंत्री को यह याद भी दिलाया कि गांधी पदयात्रा के दौरान उन्होंने इसी बच्ची से कपड़े का थैला खरीदा था और उसके काम की सराहना की थी. मुख्यमंत्री ने बड़े ही सहजता के साथ केसरी से हाथ मिलाया और मुलाकात की. उसका हालचाल जाना साथ ही बच्ची के परिजनों की तरफ से दिए गए आवेदन को स्वीकार किया.

'मदद के लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंचे है'
बच्ची के पिता रामखिलावान देवांगन ने कहा कि 'हम मदद की आस लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंचे हैं. पदयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने मुलाकात कर हमें मदद का आश्वासन दिया था'. आश्वासन दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री की ओर से कोई मदद नहीं की गई. जिसके चलते केसरी और उसका परिवार मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाने जन चौपाल में आए.

सीएम ने किया था पोस्ट
सोशल मीडिया प्रोफाइल में की गई पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा कि - गांधी विचार यात्रा के अंतिम पड़ाव के दौरान रायपुर में इस बच्ची से मिलकर मन अभिभूत हो गया. यह बिटिया अपने माता-पिता के साथ मिलकर कपड़े का थैला बनाती है ताकि शहर को प्लास्टिक से मुक्त रखा जा सके. मैंने भी इस बिटिया से मात्र 100 रुपए में 5 कपड़े के थैले लिए. आप सभी कपड़े से बने थैले का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें और सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करें.

Intro:रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांधी पदयात्रा के दौरान रास्ते में एक बच्ची से कपड़े का थैला खरीदा था यह बच्ची कपड़े का थैला सिलकर जहां एक और अपने परिवार की जीविका चलाने में सहायता करती है वहीं दूसरी ओर राजधानी को पॉलिथीन मुक्त करने का भी संदेश देती है ।




Body:बघेल ने इस बच्ची से मुलाकात के दौरान की तस्वीर अपनी सोशल साइट पर भी पोस्ट की थी और बच्ची को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था । पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा कि - गांधी विचार यात्रा के अंतिम पड़ाव के दौरान रायपुर में इस बच्ची से मिलकर मन अभिभूत हो गया यह बिटिया अपने माता-पिता के साथ मिलकर कपड़े का थैला बनाती है ताकि शहर को प्लास्टिक से मुक्त रखा जा सके मैंने भी इस बिटिया से मात्र ₹100 में 5 कपड़े के थैले लिए आप सभी कपड़े से बने थैले का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें और सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करें

हम जिस बच्ची की बात कर रहे हैं उसका नाम है कि केसरी देवांगन । जोकि बृज नगर की रहने वाली है इस बच्चे की उम्र महज 10-11 साल है । वह कक्षा पांचवी की छात्रा है। इतनी कम उम्र में ही वह अपने परिवार के साथ कपड़े का थैला सिलने के काम में हाथ बटाती है साथ ही लोगों को प्लास्टिक मुक्त राजधानी करने के लिए संदेश भी दे रही है।

लेकिन केसरी आर्थिक तंगी के चलते अपने व्यवसाय को आगे नहीं बढ़ा पा रही है वह आज अपने माता-पिता के साथ जन चौपाल में मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाने पहुंची थी। जंहा मौजूद कर्मियों ने उसे मुख्यमंत्री से मिलने रोक दिया और उसका आवेदन लेकर केसरी को परिवार के साथ बाहर जाने के लिए कहा जिसके बाद केसरी अपने परिजनों के साथ मायूस होकर मुख्यमंत्री निवास से बाहर की ओर रवाना हुई

तभी उसकी नजर ईटीवी भारत के संवाददाता पर पड़ी । क्योंकि पूर्व में ईटीवी भारत ने केसरी की दुकान में जाकर बच्ची के काम की सराहना की थी और उसकी खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था । अरे वजह है कि केसरी ईटीवी भारत की टीम को बखूबी जानती थी

संवाददाता को देखते हैं केसरी मैं एक बार फिर मुख्यमंत्री से मिलने की ललक जागी और उसने अपने परिजनों के साथ मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा ईटीवी भारत के संवाददाता के सामने प्रकट की ।

इसके बाद संवाददाता ने तत्काल केसरी को परिजनों सहित मुख्यमंत्री से मिलवाया। इतना ही नहीं संवाददाता ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया है कि गांधी पदयात्रा के दौरान उन्होंने इस बच्ची से ही कपड़े का थैला लिया था और उसके काम की सराहना की थी। परिचय के बाद मुख्यमंत्री ने बड़े ही सहजता के साथ केसरी से हाथ मिलाया और मुलाकात की । उसका हालचाल जाना साथ ही बच्ची के परिजनों द्वारा लाये गए आवेदन को स्वीकार कर अधिकारी को कार्रवाई के लिए दिया।

सीएम से मुलाकात के बाद केसरी ओर उनके परिजनों के खुशी का ठिकाना ही था बच्ची के पिता रामखिलावान देवांगन ने कहा कि हम आज मदद की आस लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंचे हैं क्योंकि गांधी पदयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री उनके दुकान आए थे और केसरी के हाथ से थैला लिया था और आश्वासन दिया था कि वह उनकी मदद करेंगे जिससे उनका कारोबार अच्छा चल सके । लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से कोई मदद नहीं की गई जिसके चलते आज वे मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लेकर जन चौपाल में आए हैं।
बाइट रामखिलावन देवांगन ,केसरी के पिता




Conclusion:अब देखने वाली बात है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केसरी की मदद के लिए क्या कदम उठाते हैं या फिर उनके द्वारा गांधी पदयात्रा के दौरान केसरी से थैला खरीदना और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना मात्र एक पब्लिसिटी स्टंट था या फिर इसके पीछे मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता थी।

नोट
13 अक्टूबर को इस नाम से खबर भेजी गई थी

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कपड़े की थैली सील मासूम दे रही है लोगों को प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने संदेश,सीएम ने की बच्ची की अनोखी पहल की सराहना
Last Updated : Nov 7, 2019, 4:30 PM IST
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