रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांधी विचार पदयात्रा के दौरान रास्ते में एक बच्ची से कपड़े का थैला खरीदा था. यह बच्ची कपड़े का थैला सिलकर जहां एक ओर अपने परिवार की जीविका चलाने में मदद करती है, वहीं दूसरी ओर राजधानी को पॉलिथीन मुक्त करने का भी संदेश देती है. बघेल ने इस बच्ची से मुलाकात के दौरान की तस्वीर अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर भी पोस्ट की थी और बच्ची को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था.
हम जिस बच्ची की बात कर रहे हैं, उसका नाम केसरी देवांगन है. बृज नगर की रहने वाली ये बच्ची इतनी कम उम्र में ही अपने परिवार के साथ कपड़े का थैला सिलने में घरवालों की मदद करने के साथ ही लोगों को प्लास्टिक मुक्त राजधानी का संदेश भी दे रही है.
ETV भारत ने कराई मुख्यमंत्री से मुलाकात
मदद की आस लिए केसरी अपने माता-पिता के साथ जन चौपाल में मुख्यमंत्री निवास पहुंची. लेकिन यहां मौजूद कर्मियों ने उसे मुख्यमंत्री से मिलने से रोक दिया. उसका आवेदन लेकर केसरी को परिवार के साथ बाहर जाने के लिए कहा. जिसके बाद केसरी अपने परिजनों के साथ मायूस होकर मुख्यमंत्री निवास से बाहर की ओर जाने लगी. तभी उसकी नजर ETV भारत के संवाददाता पर पड़ी. बता दें कि ETV भारत ने केसरी की दुकान में जाकर बच्ची के काम की सराहना की थी और उसकी खबर को प्रमुखता से दिखाया था.
सीएम ने जाना बच्ची का हाल
इसके बाद केसरी ने ETV भारत की टीम से सीएम से मिलने की इच्छा जाहिर की. जिसके बाद हमने अपना सामाजिक सरोकार निभाते हुए केसरी और उसके परिवारवालों को मुख्यमंत्री से मिलवाया. इतना ही नहीं ETV भारत के संवाददाता ने मुख्यमंत्री को यह याद भी दिलाया कि गांधी पदयात्रा के दौरान उन्होंने इसी बच्ची से कपड़े का थैला खरीदा था और उसके काम की सराहना की थी. मुख्यमंत्री ने बड़े ही सहजता के साथ केसरी से हाथ मिलाया और मुलाकात की. उसका हालचाल जाना साथ ही बच्ची के परिजनों की तरफ से दिए गए आवेदन को स्वीकार किया.
'मदद के लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंचे है'
बच्ची के पिता रामखिलावान देवांगन ने कहा कि 'हम मदद की आस लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंचे हैं. पदयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने मुलाकात कर हमें मदद का आश्वासन दिया था'. आश्वासन दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री की ओर से कोई मदद नहीं की गई. जिसके चलते केसरी और उसका परिवार मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाने जन चौपाल में आए.
सीएम ने किया था पोस्ट
सोशल मीडिया प्रोफाइल में की गई पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा कि - गांधी विचार यात्रा के अंतिम पड़ाव के दौरान रायपुर में इस बच्ची से मिलकर मन अभिभूत हो गया. यह बिटिया अपने माता-पिता के साथ मिलकर कपड़े का थैला बनाती है ताकि शहर को प्लास्टिक से मुक्त रखा जा सके. मैंने भी इस बिटिया से मात्र 100 रुपए में 5 कपड़े के थैले लिए. आप सभी कपड़े से बने थैले का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें और सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करें.