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EXCLUSIVE: सुनिए, शराबबंदी होने पर सरकार किस विकल्प पर करेगी गौर

मंत्री कवासी लखमा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए में सल्फी को शराब के विकल्प के तौर पर आजमाने की बात कही है.

कवासी लखमा
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Published : Mar 3, 2019, 7:21 PM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कांग्रेस का कहना है कि इस पर एकदम से फैसला नहीं लिया जा सकता है. इधर प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सल्फी को शराब का विकल्प बताया है.

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बस्तर बीयर के नाम से मशहूर सल्फी को सरकार अब शहरों में उपलब्ध कराने की तैयारी में है. मंत्री कवासी लखमा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए में सल्फी को शराब के विकल्प के तौर पर आजमाने की बात कही. एकदम से शराबंदी करने से लोगों पर पड़ने वाले इसके असर पर लखमा ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए सल्फी की व्यवस्था की जाएगी.क्या है सल्फीसल्फी ताड़ परिवार का एक पुष्पधारी वृक्ष है. यह दक्षिण पूर्व एशिया में बहुतायत में पाया जाता है. मादक रस देने वाले इस वृक्ष को गोंडी में 'गोरगा' कहा जाता है. वहीं बस्तर के कुछ इलाकों में 'आकाश पानी' के नाम से जाना जाता है. एक दिन में करीब 20 लीटर तक मादक रस देने वाले इस पेड़ की बस्तर के ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है. इसके एक पेड़ से साल में 6 से 7 माह तक मादक रस निकलता है.

रायपुरः छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कांग्रेस का कहना है कि इस पर एकदम से फैसला नहीं लिया जा सकता है. इधर प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सल्फी को शराब का विकल्प बताया है.

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बस्तर बीयर के नाम से मशहूर सल्फी को सरकार अब शहरों में उपलब्ध कराने की तैयारी में है. मंत्री कवासी लखमा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए में सल्फी को शराब के विकल्प के तौर पर आजमाने की बात कही. एकदम से शराबंदी करने से लोगों पर पड़ने वाले इसके असर पर लखमा ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए सल्फी की व्यवस्था की जाएगी.क्या है सल्फीसल्फी ताड़ परिवार का एक पुष्पधारी वृक्ष है. यह दक्षिण पूर्व एशिया में बहुतायत में पाया जाता है. मादक रस देने वाले इस वृक्ष को गोंडी में 'गोरगा' कहा जाता है. वहीं बस्तर के कुछ इलाकों में 'आकाश पानी' के नाम से जाना जाता है. एक दिन में करीब 20 लीटर तक मादक रस देने वाले इस पेड़ की बस्तर के ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है. इसके एक पेड़ से साल में 6 से 7 माह तक मादक रस निकलता है.
Intro:रायपुर। बस्तर बीयर के नाम से मशहूर सल्फी को सरकार अब शहरों में उपलब्ध कराने की तैयारी में है प्रदेश के आबकारी मंत्री कावासी लखमा ईटीवी भारत से बातचीत में शराब के विकल्प के तौर पर सल्फी को आजमाने की बात कह चुके हैं हमने उनसे एकदम से शराब बंद करने से लोगों पर इसके असर के बारे में पूछा तो लखमा ने कहा कि सल्फी है ना उसे शहर तक लाएंगे।

कांग्रेस ने किया था शराबबंदी का वादा
चुनाव के पहले कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा किया था लेकिन उस वादे को पूरा करने में भूपेश सरकार को वक्त चाहिए सरकार की ओर से कहा जा रहा है इस पर एकदम से फैसला नहीं लिया जा सकता अब अगर शराब की जगह पर सल्फी को उतारने की बात हो रही है तो इसके भी सभी पहलू का ध्यान कर लेना जरूरी है कि इस मादक रस का स्वास्थ्य पर कैसा असर पड़ेगा इसे कैसे स्टोर किया जाएगा कहीं ऐसा तो नहीं होगा कि एक बुराई को दूर करने की कोशिश में नई बुराई को न्योता दे दिया जाए अंत शराब भी बंद ना हो पाए और नशे के लिए एक और द्रव्य बाजार में उपलब्ध हो जाए

क्या है सल्फी
सल्फी ताड़ परिवार का एक पुष्पधारी वृक्ष है यह दक्षिण पूर्व एशिया में बहुतायत में पाया जाता है मादक रस देने वाले इस वृक्ष को गोंडी में 'गोरगा' कहा जाता है तो बस्तर के कुछ इलाकों में 'आकाश पानी' के नाम से जाना जाता है। एक दिन में करीब 20 लीटर तक मादक रस देने वाले इस पेड़ की बस्तर की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है एक पेड़ से साल में 6 से 7 माह तक मादक रस निकलता है


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