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Kamika Ekadashi 2023: कृतिका नक्षत्र में मनाई जाएगी कामिका एकादशी, माता तुलसी की करें पूजा - Kritika Nakshatra

Kamika Ekadashi 2023 इस बार कृतिका नक्षत्र में कामिका एकादशी मनाई जाएगी. ये एकादशी काफी महत्वपूर्ण माना गया है. इस दिन माता तुलसी की खास विधि से पूजा करनी चाहिए.

Kamika Ekadashi
कामिका एकादशी
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Published : Jul 10, 2023, 5:46 PM IST

पंडित विनीत शर्मा

रायपुर: इस बार पुरुषोत्तम मास के कारण सावन दो माह तक है. पहले सावन माह में 13 जुलाई को कामिका एकादशी पड़ रहा है. कामिका एकादशी कृतिका नक्षत्र शूल योग बव और बालव करण लुम्बक योग वृषभ राशि के चंद्रमा में मनाया जाएगा. इस दिन यमघंट योग व्यतिपात योग का असर रहेगा. कामिका एकादशी में व्रत करना अश्वमेध यज्ञ करने जैसा माना गया है. कामिका एकादशी बहुत महत्वपूर्ण एकादशी है.

तुलसी पूजा करने का विधान: कामिका एकादशी के दिन माता तुलसी की पूजा करने का विधान है. भगवान कृष्ण को तुलसीदल, तुलसी मंजरी और तुलसी का पत्ता अर्पित करना चाहिए. इस दिन व्रत और अनुष्ठान करने पर सभी मनोरथ पूरे होते हैं.

कामिका एकादशी के दिन तुलसी चालीसा, तुलसीजी की आरती, विष्णु सहस्त्रनाम, कृष्ण सहस्त्रनाम, राम रक्षा स्त्रोत आदि का जाप-पाठ करने से सब मनोकामनाएं पूरी होती है. इस दिन उपवास करना बहुत शुभ माना गया है. शारीरिक सामर्थ्य के अनुसार उपवास करना चाहिए. -पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिषाचार्य

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ऐसे करें पूजा-अर्चना: इस दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. इस दिन रामरक्षा स्तोत्र, भगवद् गीता का वितरण करना भी शुभ माना गया है. स्नान करने के बाद शुद्ध मन और पवित्र भाव से भगवान कृष्ण जी की पूजा करनी चाहिए. भगवान कृष्ण को अच्छी तरह गंगाजल से विभूषित तुलसी के पत्र, तुलसी मंजरी और तुलसी की लताएं अर्पित की जाती है. यह ध्यान रखना है कि यह तुलसी साफ हो. इस दिन श्याम तुलसी भी भगवान कृष्ण को अर्पित की जाती है. पूर्ण मनोयोग से इस त्यौहार को मनाया जाता है.

इस मंत्र का करें पाठ: कामिका एकादशी समस्त बाधाओं को हरने वाला व्रत है. इस उपवास का पालन संकल्प लेकर करना चाहिए. यह एकादशी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. भगवान कृष्ण का विशेष आशीर्वाद इस एकादशी व्रत में मिलता है. यह एकादशी समस्त मनोरथ को पूर्ण करने वाला होता है. इस दिन भगवान विष्णु का मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का पाठ करना चाहिए. इस मंत्र के पाठ से बिगड़े हुए काम बनते हैं. ये दिन तुलसी की आराधना के लिए भी महत्वपूर्ण माना गया है. माता तुलसी की भी दीप अगरबत्ती आदि से पूजन की जाती है.

पंडित विनीत शर्मा

रायपुर: इस बार पुरुषोत्तम मास के कारण सावन दो माह तक है. पहले सावन माह में 13 जुलाई को कामिका एकादशी पड़ रहा है. कामिका एकादशी कृतिका नक्षत्र शूल योग बव और बालव करण लुम्बक योग वृषभ राशि के चंद्रमा में मनाया जाएगा. इस दिन यमघंट योग व्यतिपात योग का असर रहेगा. कामिका एकादशी में व्रत करना अश्वमेध यज्ञ करने जैसा माना गया है. कामिका एकादशी बहुत महत्वपूर्ण एकादशी है.

तुलसी पूजा करने का विधान: कामिका एकादशी के दिन माता तुलसी की पूजा करने का विधान है. भगवान कृष्ण को तुलसीदल, तुलसी मंजरी और तुलसी का पत्ता अर्पित करना चाहिए. इस दिन व्रत और अनुष्ठान करने पर सभी मनोरथ पूरे होते हैं.

कामिका एकादशी के दिन तुलसी चालीसा, तुलसीजी की आरती, विष्णु सहस्त्रनाम, कृष्ण सहस्त्रनाम, राम रक्षा स्त्रोत आदि का जाप-पाठ करने से सब मनोकामनाएं पूरी होती है. इस दिन उपवास करना बहुत शुभ माना गया है. शारीरिक सामर्थ्य के अनुसार उपवास करना चाहिए. -पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिषाचार्य

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ऐसे करें पूजा-अर्चना: इस दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. इस दिन रामरक्षा स्तोत्र, भगवद् गीता का वितरण करना भी शुभ माना गया है. स्नान करने के बाद शुद्ध मन और पवित्र भाव से भगवान कृष्ण जी की पूजा करनी चाहिए. भगवान कृष्ण को अच्छी तरह गंगाजल से विभूषित तुलसी के पत्र, तुलसी मंजरी और तुलसी की लताएं अर्पित की जाती है. यह ध्यान रखना है कि यह तुलसी साफ हो. इस दिन श्याम तुलसी भी भगवान कृष्ण को अर्पित की जाती है. पूर्ण मनोयोग से इस त्यौहार को मनाया जाता है.

इस मंत्र का करें पाठ: कामिका एकादशी समस्त बाधाओं को हरने वाला व्रत है. इस उपवास का पालन संकल्प लेकर करना चाहिए. यह एकादशी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. भगवान कृष्ण का विशेष आशीर्वाद इस एकादशी व्रत में मिलता है. यह एकादशी समस्त मनोरथ को पूर्ण करने वाला होता है. इस दिन भगवान विष्णु का मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का पाठ करना चाहिए. इस मंत्र के पाठ से बिगड़े हुए काम बनते हैं. ये दिन तुलसी की आराधना के लिए भी महत्वपूर्ण माना गया है. माता तुलसी की भी दीप अगरबत्ती आदि से पूजन की जाती है.

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