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श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई हलषष्ठी, महिलाओं ने मांगा वरदान

रायपुर में कमर छठ त्योहार काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दिन महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं. महिलाएं दोपहर में पूजा करके पसहर के चावल के अलावा लाई, चना और सात प्रकार की भाजी का भी सेवन करती हैं.

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Published : Aug 21, 2019, 11:32 PM IST

धूम-धाम से मनाई गई हलषष्ठी

रायपुर: राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में आज कमर छठ पूजा की गई. अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना लेकर माताओं ने यह व्रत किया.

धूम-धाम से मनाई गई हलषष्ठी

कमरछठ या हलषष्ठी भद्र मास कृष्ण पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं. महिलाएं दोपहर में पूजा करके पसहर के चावल के अलावा लाई, चना और सात प्रकार की भाजी का भी सेवन करती हैं. यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है.

  • इस व्रत में मिट्टी के गौरा गौरी, गाय-बछड़ा, शेर, पंडित पंडिताइन बनाकर उसे गड्ढे में स्थापित किया जाता है और सगरी को काशी कनेर के फूल से सजाया जाता है.
  • विशेषकर इस पूजा के लिए महिलाएं एक जगह चुनती हैं और वहीं पर सगरी बनाई जाती है. यहां महिलाएं इकट्ठा होकर कहानियां सुनती हैं.
  • इस व्रत से जुड़ी 6 कहानियां पंडित सुनाते हैं. हलषष्ठी के व्रत में पसहर चावल का महत्व सबसे अधिक होता है.
  • महिलाएं विशेषकर इस दिन पर तैयार होती हैं और पूजा करती हैं.
  • मां हलषष्ठी से महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और उनकी उन्नति की कामना करती हैं.

रायपुर: राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में आज कमर छठ पूजा की गई. अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना लेकर माताओं ने यह व्रत किया.

धूम-धाम से मनाई गई हलषष्ठी

कमरछठ या हलषष्ठी भद्र मास कृष्ण पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं. महिलाएं दोपहर में पूजा करके पसहर के चावल के अलावा लाई, चना और सात प्रकार की भाजी का भी सेवन करती हैं. यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है.

  • इस व्रत में मिट्टी के गौरा गौरी, गाय-बछड़ा, शेर, पंडित पंडिताइन बनाकर उसे गड्ढे में स्थापित किया जाता है और सगरी को काशी कनेर के फूल से सजाया जाता है.
  • विशेषकर इस पूजा के लिए महिलाएं एक जगह चुनती हैं और वहीं पर सगरी बनाई जाती है. यहां महिलाएं इकट्ठा होकर कहानियां सुनती हैं.
  • इस व्रत से जुड़ी 6 कहानियां पंडित सुनाते हैं. हलषष्ठी के व्रत में पसहर चावल का महत्व सबसे अधिक होता है.
  • महिलाएं विशेषकर इस दिन पर तैयार होती हैं और पूजा करती हैं.
  • मां हलषष्ठी से महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और उनकी उन्नति की कामना करती हैं.
Intro:रायपुर राजधानी रायपुर समेत पूरे देश भर में आज कमर छठ पूजा की गई अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना लेकर माताओं ने यह व्रत किया


Body:कमरछठ या हलषष्ठी भद्र मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है इस दिन महिलाएं दिनभर व्रत रखती है महिलाएं दोपहर में पूजा करके पसहर के चावल के अलावा लाई मामा चना और सात प्रकार की भाजी का भी सेवन करती है या व्रत बच्चे प्राप्ति की कामना को लेकर किया जाता है व्रत में मिट्टी के गौरा गौरी गाय बछड़ा शेर पंडित पंडिताइन बनाकर सगरी बनाकर उसे गड्ढे में स्थापित किया जाता है और सकरी को काशी कनेर के फूल से सजाया जाता है

विशेषकर इस पूजा के लिए महिलाएं एक जगह सुनिश्चित करते हैं वहीं पर सगरी बनाई जाती है जहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद होते हैं और पंडितों से इसकी कहानियां सुनती है इस व्रत से जुड़ी 6 कहानियां पंडित सुनाते हैं हलषष्ठी के व्रत में बसहर चावल का महत्व सबसे अधिक होता है


Conclusion:महिला है विशेषकर इस दिन तैयार होती है और पूजा करती है मां हलषष्ठी से महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और उनकी उन्नति की कामना करते हैं
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