रायपुर: मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल (junior doctors strike) के बाद छत्तीसगढ़ में भी हड़ताल की स्थिति बनते हुए नजर आ रही है. जूनियर डॉक्टर सरकार की बेरुखी से नाराज चल रहे हैं. जिसके चलते कभी भी जूनियर डॉक्टर हड़ताल का ऐलान कर सकते हैं. कुछ समय पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) से जूनियर डॉक्टरों की मीटिंग हुई थी. जिसमें जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को रखा था. डॉक्टर ने अपनी मांगों को स्वास्थ्य मंत्री के सामने रखा था जो अभी तक पूरा नहीं हो पाई है. जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि हमारी 4 मांगों को सरकार जल्द से जल्द पूरा करे, नहीं तो जूनियर डॉक्टर्स को मजबूरन स्ट्राइक करनी पड़ेगी.
जूनियर डॉक्टरों की मांग
- पिछले 2 साल से रुका हुआ वेतन बढ़ाया जाए.
- MBBS के बाद और पीजी के बाद मिलाकर सिर्फ 2 ही साल का ग्रामीण बॉन्ड करना होगा. जो कि अभी 2+2 साल का है.
- पिछले डेढ़ साल से कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में किसी तरह का सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है. जिससे आगे सरकारी नौकरी में हमें प्राथमिकता मिल सके. इसको जल्द पूरा किया जाए.
- पिछले डेढ़ साल से इंसेंटिव नहीं बढ़ाया गया है. जिसे जल्द बढ़ाया जाए.
एमपी में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का छत्तीसगढ़ जूडा ने किया समर्थन
हड़ताल की चेतावनी
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (Junior Doctor Association) के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर दीपक गुप्ता ने बताया कि पिछले डेढ़ सालों से हम लगातार कोविड ड्यूटी (covid duty) कर रहे हैं. इसके लिए बाकी राज्यों में डॉक्टर को इंसेंटिव दिए जा रहे हैं. लेकिन हमारे यहां कोरोना का पीक चल रहा था, इसलिए अपनी डिमांड नहीं रखी. हमने सोचा कि पहले कोरोना को सरकार के साथ मिलकर कंट्रोल करते हैं. उसके बाद हम अपनी डिमांड रखेंगे. स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर हमने पहले अपनी डिमांड रखी थी. जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया था कि हमारी मांगों को जल्द पूरा कर दिया जाएगा. लेकिन कोरोना का पीक प्रदेश में खत्म होने के बाद हम दोबारा स्वास्थ्य मंत्री से मिलना चाह रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के पास से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. तो हम उम्मीद करते हैं कि सरकार जल्दी हमारी मांगों को मानेगी और कुछ ऐसा कदम उठाने पर हमें मजबूर नहीं होना पड़ेगा. जिससे लोगों को नुकसान हो.