रायपुर: भीमा मंडावी हत्याकांड में न्यायिक आयोग का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे पहले भी न्यायिक आयोग का कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ाया गया था. वहीं दूसरी बार कार्यकाल बढ़ाने से जांच रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे हैं.
भीमा मंडावी हत्याकांड में जांच को लेकर लागातार सवाल उठ रहे हैं. वहीं राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश के बाद एक बार फिर विरोध के शुर तेज हो गए हैं. IED की चपेट में आने से दंतेवाड़ा के विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई थी.
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न्यायिक जांच आयोग ने अपने दूसरे कार्यकाल में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें एक तरह से पुलिस को क्लीनचिट दे दी गई थी. आयोग ने तब रिपोर्ट में लिखा था कि भीमा मंडावी की मौत न तो किसी साजिश का हिस्सा था और न ही विधायक की सुरक्षा में कोई लापरवाही की गई थी. इसके साथ ही रिपोर्ट में करीब आधा दर्जन बातों का उल्लेख किया गया था. जिसमें किसी भी तरह की साजिश से इंकार किया गया था.