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ETV भारत पर जानिए क्या है अंडे का फंडा, शायद इसलिए सरकार ने बनाई ये स्कीम

अंडे को लेकर सियासत और बयानबाजी का दौर जारी है. कबीरपंथी समाज समेत सवर्ण समाज के लोगों ने इस आदेश का जमकर विरोध किया था.

अंडा वितरण करने का आदेश जारी
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Published : Jul 23, 2019, 10:46 AM IST

Updated : Jul 23, 2019, 7:21 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में अंडा वितरण करने का आदेश जारी किया है. इसे लेकर सियासत और बयानबाजी का दौर जारी है. कबीरपंथी समाज समेत जैन समाज के लोगों ने इस आदेश का जमकर विरोध किया था.

ETV भारत पर जानिए क्या है अंडे का फंडा

अंडा वितरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि कुपोषण दूर करने के लिए सोयाबीन, दूध और पनीर जैसे अन्य खाद्य भी बांटे जा सकते हैं, लेकिन सरकार केवल अंडा वितरण को लेकर ही अड़ी हुई है. कहीं न कहीं इस अंडे बांटने की स्कीम के पीछे कमीशन का बड़ा खेल है, क्योंकि अंडे में पर पीस के हिसाब से कमीशन का लेन-देन हो रहा है. यही वजह है कि सरकार लगातार इस योजना की तारीफ में जुटी हुई है.

आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
भारतीय जनता पार्टी के तमाम आरोपों को लेकर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा है कि 15 साल तक बीजेपी सरकार में रही. भाजपा के कार्यकाल में कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड रहा है. अब सरकार बदल जाने के बाद भाजपा पदाधिकारियों के पास सिर्फ आरोप लगाने का ही काम बचा है.

अंडा एक उत्तम पोषक आहार
ETV भारत ने पोल्ट्री कंसलटेंट डॉ मनोज शुक्ला से बात की तो उनका कहना था कि कुपोषण से लड़ने के लिए अंडा एक उत्तम पोषक आहार है. एनईसीसी के आंकड़ों पर नजर डालें तो दुनिया के प्रमुख देशों में प्रति व्यक्ति औसतन 1 साल में अंडा खाने के मामले में भारत देश बेहद पिछड़ा हुआ है. चीन में जहां साल भर में 349 अंडे, जापान में 346 अंडे, मैक्सिको में 345 अंडे, अमेरिका में 259 अंडे, डेनमार्क में 300 अंडे एक व्यक्ति प्रतिवर्ष खाता है वहीं भारत में ये आंकड़ा केवल 52 अंडों का है.

अंडे को लेकर कई भ्रांतियां
मनोज शुक्ला ने कहा कि मां के दूध के अलावा केवल अंडे में ही समुचित मात्रा में प्रोटीन व पोषक आहार होते हैं. अंडे को लेकर हमारे यहां कई तरह की भ्रांतियां है कि अंडा मांसाहारी होता है, मुर्गियों को इंजेक्शन लगाकर अंडा पैदा किया जाता है, अंडा गर्म होता है, अंडा खाने से गैस बनती है, नकली अंडे बना लिया जाते हैं, जबकि हकीकत कुछ और है. अंडे में किसी तरह की कोई मिलावट करना संभव नहीं है.

पोल्ट्री फॉर्म में अंडे अनफर्टिलाइज्ड होते हैं
इतना ही नहीं डॉक्टर शुक्ला ETV भारत से कहते हैं कि अंडे के शाकाहारी और मांसाहारी होने के पीछे कई कारण हैं, लेकिन व्यवसायिक पोल्ट्री फॉर्म में अंडे अनफर्टिलाइज्ड होते हैं. क्योंकि व्यवसायिक पॉल्ट्री फार्म में केवल मादा मुर्गी रखी जाती है मुर्गे नहीं होते हैं. जब तक अंडे अनफर्टिलाइज्ड होंगे तो इन्हें कितने भी समय रखा जाए उन से चूजे उत्पन्न नहीं हो सकते इस लिहाज से इसमें किसी तरह का कोई जीव नहीं होता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में अंडा वितरण करने का आदेश जारी किया है. इसे लेकर सियासत और बयानबाजी का दौर जारी है. कबीरपंथी समाज समेत जैन समाज के लोगों ने इस आदेश का जमकर विरोध किया था.

ETV भारत पर जानिए क्या है अंडे का फंडा

अंडा वितरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि कुपोषण दूर करने के लिए सोयाबीन, दूध और पनीर जैसे अन्य खाद्य भी बांटे जा सकते हैं, लेकिन सरकार केवल अंडा वितरण को लेकर ही अड़ी हुई है. कहीं न कहीं इस अंडे बांटने की स्कीम के पीछे कमीशन का बड़ा खेल है, क्योंकि अंडे में पर पीस के हिसाब से कमीशन का लेन-देन हो रहा है. यही वजह है कि सरकार लगातार इस योजना की तारीफ में जुटी हुई है.

आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
भारतीय जनता पार्टी के तमाम आरोपों को लेकर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा है कि 15 साल तक बीजेपी सरकार में रही. भाजपा के कार्यकाल में कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड रहा है. अब सरकार बदल जाने के बाद भाजपा पदाधिकारियों के पास सिर्फ आरोप लगाने का ही काम बचा है.

अंडा एक उत्तम पोषक आहार
ETV भारत ने पोल्ट्री कंसलटेंट डॉ मनोज शुक्ला से बात की तो उनका कहना था कि कुपोषण से लड़ने के लिए अंडा एक उत्तम पोषक आहार है. एनईसीसी के आंकड़ों पर नजर डालें तो दुनिया के प्रमुख देशों में प्रति व्यक्ति औसतन 1 साल में अंडा खाने के मामले में भारत देश बेहद पिछड़ा हुआ है. चीन में जहां साल भर में 349 अंडे, जापान में 346 अंडे, मैक्सिको में 345 अंडे, अमेरिका में 259 अंडे, डेनमार्क में 300 अंडे एक व्यक्ति प्रतिवर्ष खाता है वहीं भारत में ये आंकड़ा केवल 52 अंडों का है.

अंडे को लेकर कई भ्रांतियां
मनोज शुक्ला ने कहा कि मां के दूध के अलावा केवल अंडे में ही समुचित मात्रा में प्रोटीन व पोषक आहार होते हैं. अंडे को लेकर हमारे यहां कई तरह की भ्रांतियां है कि अंडा मांसाहारी होता है, मुर्गियों को इंजेक्शन लगाकर अंडा पैदा किया जाता है, अंडा गर्म होता है, अंडा खाने से गैस बनती है, नकली अंडे बना लिया जाते हैं, जबकि हकीकत कुछ और है. अंडे में किसी तरह की कोई मिलावट करना संभव नहीं है.

पोल्ट्री फॉर्म में अंडे अनफर्टिलाइज्ड होते हैं
इतना ही नहीं डॉक्टर शुक्ला ETV भारत से कहते हैं कि अंडे के शाकाहारी और मांसाहारी होने के पीछे कई कारण हैं, लेकिन व्यवसायिक पोल्ट्री फॉर्म में अंडे अनफर्टिलाइज्ड होते हैं. क्योंकि व्यवसायिक पॉल्ट्री फार्म में केवल मादा मुर्गी रखी जाती है मुर्गे नहीं होते हैं. जब तक अंडे अनफर्टिलाइज्ड होंगे तो इन्हें कितने भी समय रखा जाए उन से चूजे उत्पन्न नहीं हो सकते इस लिहाज से इसमें किसी तरह का कोई जीव नहीं होता है.

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(फीड लाइव यू से भेजी गई है)

छत्तीसगढ़ में कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में अंडा वितरण करने का आदेश जारी किया है। इसे लेकर लगातार सियासत और बयानबाजी का दौर गर्म चल रहा है। कबीरपंथी समाज समेत सवर्ण समाज के लोगों ने इस आदेश का जमकर विरोध किया था । अब सरकार ने आदेश पर जरूर संशोधन किया है कि जो मांसाहार नहीं करते हैं उन बच्चों को अलग से दूसरा आहार दिया जाएगा, लेकिन प्रदेश में विपक्ष में बैठी भाजपा ने अंडे की तरफदारी कर रहे सरकार के पदाधिकारियों को कम कमीशन खोरी का आरोप लगाया है। हमने आरोप प्रत्यारोप के साथ ही एक्सपर्ट से बात कर यह जानने की कोशिश की है कि अंडा कितना फायदेमंद हो सकता है।
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छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां पर बड़े पैमाने पर आदिवासी और पिछड़ा अंचल में लोग निवास करते हैं इन इलाकों पर खास कर छोटे बच्चों में कुपोषण के लक्षण बड़े पैमाने पर देखे गए हैं। अब राज्य सरकार ने कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से ही प्रदेश के तमाम सरकारी स्कूलों में अंडा वितरण करने की योजना बनाई है और इसके लिए आदेश भी जारी कर दिए गए, लेकिन इस आदेश के जारी करने के साथ हैं बयानबाजी और सियासत का बाजार गर्म है । लगातार तमाम सामाजिक संगठनों के साथ ही विपक्ष भी अंडे वितरण को लेकर सरकार को कटघरे में खड़े कर रहा है । अंडा वितरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि कुपोषण दूर करने के लिए सोयाबीन, दूध, पनीर व अन्य उपाय भी किए जा सकते हैं, लेकिन सरकार केवल अंडे वितरण को लेकर ही अड़ी हुई हौ। कबीर पंथ समुदाय के गुरुओं के विरोध के बाद भी राज्य सरकार ने इस अंडे वितरण योजना की पक्षदारी करने में लगा हुआ है । कहीं ना कहीं इस अंडे बांटने की स्कीम के पीछे कमीशन का बड़ा खेल है क्योंकि अंडे में प्रति नग के हिसाब से कमीशन का लेन-देन हो रहा है यही वजह है कि सरकार के द्वारा लगातार इस योजना के तारीफ में जुटे हुए हैं ।

बाइट- सच्चिदानंद उपासने, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

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भारतीय जनता पार्टी के तमाम आरोपों को लेकर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा है कि 15 साल से सत्ता सरकार में रही भाजपा के कार्यकाल में कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड रहा है । अब सरकार बदल जाने के बाद भाजपा पदाधिकारियों के पास इस तरह के अनर्गल आरोप लगाने का ही काम बचा है । वे कहते हैं कि कांग्रेस सरकार ने बीते 6 महीनों में ही किसानों महिलाओं व बच्चों की चिंता की है। यही वजह है कि भाजपा की खीज निकल रही है।

बाईट- धनंजय ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, पीसीसी

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अंडे की राजनीतिक बयानबाजी और सियासत क्यों दरकिनार करते हुए हमने पोल्ट्री कंसलटेंट डॉ मनोज शुक्ला से बात की है। ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉक्टर शुक्ला ने कहा है कि कुपोषण से लड़ने के लिए अंडा एक उत्तम पोषक आहार है। एनईसीसी के आंकड़ों पर ही नजर डाले तो दुनिया की प्रमुख देशों में प्रति व्यक्ति औसतन 1 साल में अंडा खाने के मामले में भारत देश बेहद पिछड़ा हुआ है । चीन में जहां साल भर में 349 अंडे, जापान में 346अंडे, मैक्सिको में 345 अंडे, अमेरिका में 259 अंडे, डेनमार्क में 300 अंडे लोग प्रतिवर्ष खाते हैं वहीं भारत में केवल 52 अंडे ही प्रति व्यक्ति औसतन खाता है। वे कहते हैं कि मां के दूध के अलावा केवल अंडे में ही समुचित मात्रा में प्रोटीन व पोषक आहार होता है। अंडे को लेकर हमारे यहां कई तरह की भ्रांतियां है कि अंडा मांसाहारी होता है,मुर्गियों को इंजेक्शन लगाकर अंडा पैदा किया जाता है, अंडा गर्म होता है, अंडा खाने से गैस बनती है, नकली अंडे बना लिया जाते हैं। जबकि हकीकत कुछ और है अंडे में किसी तरह की कोई मिलावट करना संभव नहीं है। इतना ही नहीं डॉक्टर शुक्ला ईटीवी भारत से कहते हैं कि अंडे के शाकाहारी और मांसाहारी होने की कई तरह के हो सकते हैं लेकिन व्यवसायिक पोल्ट्री फॉर्म में अंडे अनफर्टिलाइज्ड होते हैं। क्योंकि व्यवसायिक पॉल्ट्री फार्म में केवल मादा मुर्गी रखी जाती है मुर्गे नहीं होते हैं। जब तक अंडे अनफर्टिलाइज्ड होंगे तो इन्हें कितने ही समय रखा जाए उन से चूजे उत्पन्न नहीं हो सकते इस लिहाज से इसमें किसी तरह की कोई जीव नहीं होता है।

बाईट- डॉ मनोज शुक्ला, पोल्ट्री कंसल्टेंट
Conclusion:
फाइनल वीओ

अंडे इस लिहाज से हम तमाम एक्सपोर्ट के साथ बात करने के बाद इतना कह सकते हैं कि भले ही राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप अपनी जगह है । लेकिन विषय विशेषज्ञों की मानें तो अंडे में पोषक आहार का खजाना छुपा है यदि इस योजना को लेकर कई तरह की विसंगतियां भी आ रही हो तो अंडे वितरण के फायदे भी कई तरह के हो सकते हैं।

पीटीसी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
Last Updated : Jul 23, 2019, 7:21 PM IST
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