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रायपुर में अनियमित कर्मचारियों की बढ़ी मुसीबत, धरना स्थल पर चोरी की घटनाएं

रायपुर में वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी पिछले 25 दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है.लेकिन इन 25 दिनों में मौसम, अव्यवस्था के साथ-साथ अब इन्हें चोरों का भी सामना करना पड़ रहा है. धरना स्थल पर चोरों ने परेशान कर्मचारियों का सामान और मोबाइल चोरी करके इन्हें और परेशानी में डाल दिया है. raipur crime news

रायपुर में अनियमित कर्मचारियों की बढ़ी मुसीबत, धरना स्थल पर चोरी की घटनाएं
रायपुर में अनियमित कर्मचारियों की बढ़ी मुसीबत, धरना स्थल पर चोरी की घटनाएं
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Published : Sep 14, 2022, 6:52 PM IST

रायपुर : प्रदेश की राजधानी रायपुर में पिछले 25 दिनों से वन विभाग में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन पर (Irregular employees are facing thieves in raipur ) हैं. प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों से दैनिक वेतनभोगी राजधानी में पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं.बूढ़ातालाब धरना स्थल पर लगभग 50 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी पिछले 25 दिनों से सांप बिच्छू गंदगी और बेमौसम बारिश की मार झेलने को मजबूर हैं. प्रदर्शन स्थल पर ही दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपना डेरा डालकर गुजर बसर कर रहे हैं. कई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मोबाइल और बैग भी अब तक चोरी हो चुके (Irregular employees problems in raipur) हैं.

रायपुर में अनियमित कर्मचारियों की बढ़ी मुसीबत, धरना स्थल पर चोरी की घटनाएं
धरना स्थल में ही आश्रय : बूढ़ातालाब प्रदर्शन स्थल पर रात गुजारने वाले दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि ''पिछले 25 दिनों से अपनी 2 सूत्रीय मांग स्थायीकरण और नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं ऐसे में वन विभाग के कई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी शहर के अलग-अलग जगहों पर किराए के मकान में रहकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं और बचे लगभग 50 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी प्रदर्शन स्थल को ही अपना आश्रय स्थल बना कर चौबीसों घंटे इसी स्थान पर रहने को मजबूर है जहां खाने पीने से लेकर तमाम तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है." धरना स्थल में चोर सक्रिय : दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ने बताया कि "प्रदेश सरकार सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की मांग पूरी कर सकती है तो हमारी मांग को सरकार क्यों पूरी नहीं करती क्या हम कर्मचारी नहीं हैं. प्रदर्शन स्थल पर पिछले 25 दिनों से एक टाइम खाना खाकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन स्थल पर डटे हुए हैं. जहां पर सांप बिच्छू का डर और बेमौसम बारिश के साथ ही कई दैनिक वेतन भोगी साथियों के मोबाइल फोन और बैग भी अब तक चोरी हो चुके है. प्रदर्शन स्थल पर किसी तरह की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मोबाइल फोन और बैग भी चोरी हो जा रहे हैं."

क्या है वनकर्मियों की मांग : वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग जिसमें पहला मांग स्थायीकरण और दूसरा मांग नियमितीकरण का है. इन कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूर्ण कर लिए हैं उन्हें स्थाई किया जाए और जो दैनिक वेतन भोगी 10 वर्ष की सेवा पूरा कर चुके हैं उन्हें नियमित किया जाए.पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 हैं.इन कर्मचारियों को वेतन के रूप में प्रतिमाह महज 9 हजार रुपये ही वेतन मिलता है. जो वन विभाग में वाहन चालक कंप्युटर ऑपरेटर रसोईया और बेरियर का काम करने के साथ ही जंगल का काम देखते हैं. raipur crime news



रायपुर : प्रदेश की राजधानी रायपुर में पिछले 25 दिनों से वन विभाग में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी 2 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन पर (Irregular employees are facing thieves in raipur ) हैं. प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों से दैनिक वेतनभोगी राजधानी में पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं.बूढ़ातालाब धरना स्थल पर लगभग 50 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी पिछले 25 दिनों से सांप बिच्छू गंदगी और बेमौसम बारिश की मार झेलने को मजबूर हैं. प्रदर्शन स्थल पर ही दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपना डेरा डालकर गुजर बसर कर रहे हैं. कई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मोबाइल और बैग भी अब तक चोरी हो चुके (Irregular employees problems in raipur) हैं.

रायपुर में अनियमित कर्मचारियों की बढ़ी मुसीबत, धरना स्थल पर चोरी की घटनाएं
धरना स्थल में ही आश्रय : बूढ़ातालाब प्रदर्शन स्थल पर रात गुजारने वाले दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि ''पिछले 25 दिनों से अपनी 2 सूत्रीय मांग स्थायीकरण और नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं ऐसे में वन विभाग के कई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी शहर के अलग-अलग जगहों पर किराए के मकान में रहकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं और बचे लगभग 50 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी प्रदर्शन स्थल को ही अपना आश्रय स्थल बना कर चौबीसों घंटे इसी स्थान पर रहने को मजबूर है जहां खाने पीने से लेकर तमाम तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है." धरना स्थल में चोर सक्रिय : दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ने बताया कि "प्रदेश सरकार सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की मांग पूरी कर सकती है तो हमारी मांग को सरकार क्यों पूरी नहीं करती क्या हम कर्मचारी नहीं हैं. प्रदर्शन स्थल पर पिछले 25 दिनों से एक टाइम खाना खाकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन स्थल पर डटे हुए हैं. जहां पर सांप बिच्छू का डर और बेमौसम बारिश के साथ ही कई दैनिक वेतन भोगी साथियों के मोबाइल फोन और बैग भी अब तक चोरी हो चुके है. प्रदर्शन स्थल पर किसी तरह की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मोबाइल फोन और बैग भी चोरी हो जा रहे हैं."

क्या है वनकर्मियों की मांग : वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग जिसमें पहला मांग स्थायीकरण और दूसरा मांग नियमितीकरण का है. इन कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूर्ण कर लिए हैं उन्हें स्थाई किया जाए और जो दैनिक वेतन भोगी 10 वर्ष की सेवा पूरा कर चुके हैं उन्हें नियमित किया जाए.पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 हैं.इन कर्मचारियों को वेतन के रूप में प्रतिमाह महज 9 हजार रुपये ही वेतन मिलता है. जो वन विभाग में वाहन चालक कंप्युटर ऑपरेटर रसोईया और बेरियर का काम करने के साथ ही जंगल का काम देखते हैं. raipur crime news



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