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कोरोना से मौतों पर क्या बोले डेथ ऑडिट रिपोर्ट कमेटी के अध्यक्ष सुभाष पांडेय ?

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Published : Apr 10, 2021, 10:57 PM IST

छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस (Coronavirus in chhattisgarh) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में कोरोना से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. कई जिलों में वैक्सीन की कमी की भी खबर आ रही है. इन तमाम विषयों पर ईटीवी भारत ने प्रदेश डेथ ऑडिट रिपोर्ट कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सुभाष पांडेय से खास बातचीत की.

interview with Dr Subhash Pandey
डॉ सुभाष पांडेय

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. कोरोना की रोकथाम और इलाज के स्वास्थ्य विभाग किस तरह काम कर रहा है और विभाग की क्या तैयारी है ? इन तमाम विषयों पर ईटीवी भारत ने प्रदेश डेथ आर्डिट रिपोर्ट कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सुभाष पांडेय से खास बातचीत की.

डॉ. सुभाष पांडेय से खास बातचीत पार्ट-1

सवाल: कोरोना से निपटने स्वास्थ्य विभाग किस तरह काम कर रहा है ?

जवाब: डॉ. सुभाष पांडेय ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग कांट्रेक्ट ट्रेसिंग का काम कर रहा है. इसके साथ स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर घर जाकर कोविड के लक्षण की पहचान कर उनकी टेस्टिंग की कराई जा रही है. अभी प्रदेश में आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना संक्रमण की जांच कराई जा रही है. हर दिन 35 हजार से 40 हजार टेस्टिंग की जा रही है. प्रदेश के 28 जिलों में कम्यूनिटी ओरिएंटेड वर्क कोरोना के रोकथाम के लिए किया जा रहा है.डॉ. सुभाष पांडेय ने कहा कि जो मरीज पॉजिटिव आए हैं. उन्हें भी ट्रैक किया जाता है. मरीज की हालत देखने के बाद उनका किस तरह का इलाज दिया जाना है यह भी देखा जाता है.

डॉ. सुभाष पांडेय से खास बातचीत पार्ट-2

सवाल: राज्य में कोरोना मरीजों के लिए बैड की पर्याप्त व्यवस्था है ?

जवाब: प्रदेश के डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में कुल 4 हजार 204 बैड है. कोविड केयर सेंटर में कुल 17 हजार 534 बैड की व्यवस्था है. इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी इलाज चल रहा है. निजी अस्पतालों में 3134 बेड की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि कोविड के लिए सामान्य बैड 20 हजार से ज्यादा है.

कोरोना का कहर: राजधानी में पिछले 24 घंटे में दो पुलिसकर्मियों की मौत

सवाल: लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं इसे कंट्रोल करने स्वास्थ्य अमला कैसे काम कर रहा है ?

जवाब: डॉक्टर सुभाष ने बताया कि पिछले दिनों ऑडिट कमिटी की बैठक हुई थी. एल्डर पर्सन, गर्भवती महिलाएं, अन्य जो किसी बीमारी से पीड़ित है. ऐसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को विशेष ग्रुप में रखा गया है. ऐसे लोगों का परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जा रहा है. साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उन्हें कोविड-19 सेंटर या डेडीकेटेड कोविड सेंटर में रख कर इलाज किया जा रहा है.

सवाल: छोटे जिलों में कोविड सेंटर बढ़ाने को लेकर क्या व्यवस्था की जा रही है ?

जवाब: डॉक्टर ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल स्थापित हो चुके हैं. रायपुर में लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. इसका कारण है कि ज्यादातर मरीजों को गंभीर हालत में इलाज के लिए रायपुर लाया जा रहा. जिससे रायपुर में लोड बढ़ रहा है. ज्यादातर जिलों में कोविड सेंटर अच्छी तरह से चल रहे हैं. एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में कोविड केयर सेंटर की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.

कोरबा में वैक्सीन खत्म होने से नाराज घर वापस लौटे ग्रामीण

सवाल: वैक्सीनेशन को लेकर कई जगह समस्याएं आ रही है. वैक्सिंग खत्म होने की वजह से विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई है. अभी क्या स्थिति है ?

जवाब: पहले वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए थी. बाद में 45 से 60 वर्ष के लोग जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित है उन्हें लगनी थी, लेकिन अब 45 वर्ष के सामान्य लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है. कम समय में इतने लोगों की संख्या का पता करना मुश्किल होता है. ऐसे में कुल जनसंख्या का 45 से 60% लोगों का परसेंट निकालकर वैक्सीन की गणना की जा रही है. लॉजिस्टिक कैलकुलेशन करके वैक्सीनेशन रखा जाता है.जहां वैक्सीनेशन की कमी होती है, वहां एक केंद्र से दूसरे केंद्र वैक्सीन भेजा जाता है.

सवाल: स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी किस तरह लगाई जा रही है ?

जवाब: मितानिन लेकर डॉक्टर सभी की ड्यूटी लगाई जा रही है. सभी इस काम में जुटे हुए हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. कोरोना की रोकथाम और इलाज के स्वास्थ्य विभाग किस तरह काम कर रहा है और विभाग की क्या तैयारी है ? इन तमाम विषयों पर ईटीवी भारत ने प्रदेश डेथ आर्डिट रिपोर्ट कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सुभाष पांडेय से खास बातचीत की.

डॉ. सुभाष पांडेय से खास बातचीत पार्ट-1

सवाल: कोरोना से निपटने स्वास्थ्य विभाग किस तरह काम कर रहा है ?

जवाब: डॉ. सुभाष पांडेय ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग कांट्रेक्ट ट्रेसिंग का काम कर रहा है. इसके साथ स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर घर जाकर कोविड के लक्षण की पहचान कर उनकी टेस्टिंग की कराई जा रही है. अभी प्रदेश में आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना संक्रमण की जांच कराई जा रही है. हर दिन 35 हजार से 40 हजार टेस्टिंग की जा रही है. प्रदेश के 28 जिलों में कम्यूनिटी ओरिएंटेड वर्क कोरोना के रोकथाम के लिए किया जा रहा है.डॉ. सुभाष पांडेय ने कहा कि जो मरीज पॉजिटिव आए हैं. उन्हें भी ट्रैक किया जाता है. मरीज की हालत देखने के बाद उनका किस तरह का इलाज दिया जाना है यह भी देखा जाता है.

डॉ. सुभाष पांडेय से खास बातचीत पार्ट-2

सवाल: राज्य में कोरोना मरीजों के लिए बैड की पर्याप्त व्यवस्था है ?

जवाब: प्रदेश के डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में कुल 4 हजार 204 बैड है. कोविड केयर सेंटर में कुल 17 हजार 534 बैड की व्यवस्था है. इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी इलाज चल रहा है. निजी अस्पतालों में 3134 बेड की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि कोविड के लिए सामान्य बैड 20 हजार से ज्यादा है.

कोरोना का कहर: राजधानी में पिछले 24 घंटे में दो पुलिसकर्मियों की मौत

सवाल: लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं इसे कंट्रोल करने स्वास्थ्य अमला कैसे काम कर रहा है ?

जवाब: डॉक्टर सुभाष ने बताया कि पिछले दिनों ऑडिट कमिटी की बैठक हुई थी. एल्डर पर्सन, गर्भवती महिलाएं, अन्य जो किसी बीमारी से पीड़ित है. ऐसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को विशेष ग्रुप में रखा गया है. ऐसे लोगों का परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जा रहा है. साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उन्हें कोविड-19 सेंटर या डेडीकेटेड कोविड सेंटर में रख कर इलाज किया जा रहा है.

सवाल: छोटे जिलों में कोविड सेंटर बढ़ाने को लेकर क्या व्यवस्था की जा रही है ?

जवाब: डॉक्टर ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल स्थापित हो चुके हैं. रायपुर में लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. इसका कारण है कि ज्यादातर मरीजों को गंभीर हालत में इलाज के लिए रायपुर लाया जा रहा. जिससे रायपुर में लोड बढ़ रहा है. ज्यादातर जिलों में कोविड सेंटर अच्छी तरह से चल रहे हैं. एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में कोविड केयर सेंटर की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.

कोरबा में वैक्सीन खत्म होने से नाराज घर वापस लौटे ग्रामीण

सवाल: वैक्सीनेशन को लेकर कई जगह समस्याएं आ रही है. वैक्सिंग खत्म होने की वजह से विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई है. अभी क्या स्थिति है ?

जवाब: पहले वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए थी. बाद में 45 से 60 वर्ष के लोग जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित है उन्हें लगनी थी, लेकिन अब 45 वर्ष के सामान्य लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है. कम समय में इतने लोगों की संख्या का पता करना मुश्किल होता है. ऐसे में कुल जनसंख्या का 45 से 60% लोगों का परसेंट निकालकर वैक्सीन की गणना की जा रही है. लॉजिस्टिक कैलकुलेशन करके वैक्सीनेशन रखा जाता है.जहां वैक्सीनेशन की कमी होती है, वहां एक केंद्र से दूसरे केंद्र वैक्सीन भेजा जाता है.

सवाल: स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी किस तरह लगाई जा रही है ?

जवाब: मितानिन लेकर डॉक्टर सभी की ड्यूटी लगाई जा रही है. सभी इस काम में जुटे हुए हैं.

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