रायपुर: अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पण निधि अभियान देशभर में चलाया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के लिए 15 जनवरी मकर संक्रांति से अभियान शुरू किया गया है. अभियान 27 फरवरी तक चलेगा. राम भक्त गांव-गांव में जाकर भगवान श्रीराम मंदिर के लिए समर्पण राशि जुटा रहे हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ में कई जगहों से फर्जी तरीके से समर्पण निधि जुटाने की शिकायत भी आई है. छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखा था. राम मंदिर के नाम पर चंदा मांगने वाली संस्थाओं की सूची भी मांगी थी. इन तमाम मसले को लेकर ETV भारत से श्रीराम मंदिर समर्पण निधि अभियान के प्रांत संयोजक घनश्याम चौधरी ने विशेष चर्चा की.
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सवाल- मंदिर के लिए जुटाए जा रहे समर्पण निधि राशि के लिए कितने कूपन का उपयोग किया जा रहा है ?
जवाब- बकायदा दी जाने वाली रकम की राशि प्रिंटेड है. इसे कोई एडिट नहीं कर सकता. रसीद बुक के लिए अलग-अलग नंबर भी हैं. सामने वाले को इसकी रसीद दी जा रही है. रसीद में दानकर्ताओं को अपने नाम के साथ पैन नंबर और अकाउंट की जानकारी भी देनी जरूरी की गई है. 10 रुपये, 100 रुपए और 1000 रुपये के प्रिंटेड कूपन के अलावा बड़ी राशि दान करने के लिए अलग से रसीद तैयार की गई है. दानदाताओं को टैक्स में भी छूट दी जा रही है.
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सवाल- समर्पण निधि अभियान में फर्जी वसूली की बात सामने आई है, इस पर आप क्या कहेंगे ?
जवाब- श्रीराम मंदिर समर्पण निधि अभियान देश का बहुत बड़ा अभियान है. इसे लेकर अयोध्या मंदिर समिति की ओर से अलग-अलग श्रेणी के कूपन जारी किए गए हैं. इसे लेकर कुछ जगहों से फर्जी तरीके से समर्पण निधि जुटाने की भी शिकायत आई थी. इसके लिए लोगों से आग्रह है कि वह खुद भी जागरूक हों.
सवाल- समर्पण निधि अभियान में बैंक अकाउंट को लेकर क्या सुविधाएं हैं ?
जवाब- इसके लिए पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है. देश के बड़े बैंकों के अकाउंट बनाए गए हैं. जो non-transferable है. यानी लोग जो पैसा दे रहे हैं. उसे कोई भी व्यक्ति निकाल नहीं पाएगा. यह मंदिर निर्माण के लिए ही उपयोग में आएगा. लोग सीधे श्रीराम मंदिर के लिए अकाउंट में भी समर्पण निधि दे सकते हैं. श्रीराम मंदिर निर्माण समिति की ओर से समर्पण निधि जुटाने के दौरान घर-घर पंपलेट दिए जा रहे हैं. इसमें मंदिर समर्पण निधि के लिए अकाउंट नंबर भी जारी किए गए हैं. लोग सीधा उसमें भी अपनी स्वेच्छा से समर्पण निधि समर्पित कर सकते हैं. घनश्याम चौधरी ने कहा कि श्रीरामचंद्र जन्मभूमि समर्पण निधि के लिए ही नाम इसे समर्पण निधि का ही नाम दिया गया है. यह किसी तरह का डोनेशन नहीं है बल्कि समर्पण है जिसे देश का हर व्यक्ति समर्पित भावना के साथ अपनी सुरक्षा अनुसार समर्पण निधि समर्पित कर रहा है.
सवाल- छत्तीसगढ़ में महाभियान के बीच कूपन खत्म होने की खबरें थीं, क्या दोबारा कूपन आए ?
जवाब- छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी को विश्व हिंदू परिषद ने एक ही दिन में एतिहासिक समर्पण अभियान चलाया है. छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता सुबह से लेकर रात तक टोलियों के साथ हर घर परिवार में जाकर श्रीराम निर्माण समर्पण निधि जुटाए हैं. शहरों से लेकर गांव कस्बों में समर्पण निधि के लिए महाभियान चलाया गया. लोगों ने भरपूर समर्थन दिया है. यह अपने आप में देश में अपनी तरह का अनूठा अभियान रहा. कूपन भी खत्म हो गए. बाद में फिर से और कूपन मंगाया गया है.
राम मन्दिर के लिए सालों से रहा इंतजार
घनश्याम चौधरी ने कहा, लंबे संघर्ष के बाद अब भगवान श्रीराम के अयोध्या के मंदिर को लेकर नवनिर्माण का कार्य शुरू हुआ है. राम मंदिर के निर्माण को लेकर देशभर में हर्ष और उत्साह का माहौल है. देशभर में समर्पण निधि अभियान चलाया जा रहा है. देश के सर्वोच्च पद पर बैठे सम्मानीय लोगों से लेकर आम गरीब किसान तक की भागीदारी है. घनश्याम चौधरी ने कहा कि 500 साल के संघर्ष के बाद सैकड़ों बलिदानों के बाद भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो पाया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को भगवान राम के मंदिर बनाने में हर व्यक्ति की भागीदारी होगी.
समर्पण निधि के लिए प्रदेशभर में निकाली गई प्रभात फेरी
छत्तीसगढ़ में श्री राम मंदिर निर्माण समिति के समर्पण निधि अभियान के लिए 15 दिन पहले से प्रभात फेरी निकाली गई है. प्रभात फेरी में हर गांव कस्बों में सामाजिक संस्थाओं से जुड़े तमाम पदाधिकारियों को समर्पण निधि जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में आम लोगों से भी आग्रह है कि वह अपने आसपास के परिचित लोगों को ही समर्पण निधि समर्पित करें. समर्पण निधि अभियान में जिस मोहल्ले या फिर कस्बों के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है, वे दूसरे क्षेत्र में जाकर राशि नहीं जुटाएंगे.