रायपुर: छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की भव्य तैयारी है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रमुख सार्वजनिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थानों पर लोगों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी के साथ सामूहिक योग अभ्यास होगा.
सभी विभागों में होंगे योग के कार्यक्रम: आंगनबाड़ी, बाल आश्रम, वृद्धाश्रम और सार्वजनिक उपक्रमों के अलावा छत्तीसगढ़ सरकार के सभी विभागों में भी योग के कार्यक्रम होंगे. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाएगा.
"जिला स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम होंगे. इन कार्यक्रमों के लिए कलेक्टर को नोडल अधिकारी बनाया गया है." - ज्ञानेश शर्मा, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ योग आयोग
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम: योग दिवस 2023 की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग' रखा गया है. वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है- धरती ही परिवार है. इस थीम का मतलब है कि धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है.
21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस? योग दिवस को मनाने के लिए 21 जून का दिन सुनिश्चित किया गया. क्योंकि 21 जून को ही उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है. जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है. भारतीय परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है. सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए असरदार माना जाता है. इसू वजह से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं.
योग दिवस का इतिहास: 27 सितंबर 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा. प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अधिकतर देशों की सहमति से स्वीकार किया. जिसके बाद महज तीन माह के अंदर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया गया. अगले साल 21 जून 2015 को पहली बार ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया.