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अंतरराष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस: योगाभ्यास और कसरत दिलाएगा नशे से मुक्ति ! - योग का सहारा लेकर युवा नशे से मुक्त रह सकते हैं

अंतरराष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है. इस दिवस पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे योग का सहारा लेकर युवा नशे से मुक्त रह सकते हैं. ईटीवी भारत ने योग गुरु विनीत शर्मा से इस बारे में बात की है.

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अंतरराष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस
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Published : May 30, 2022, 7:24 PM IST

Updated : May 30, 2022, 11:35 PM IST

रायपुर: आजकल के युग में नशा एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है. इसके विकराल रूप से समाज और देश दोनों को नुकसान हो रहा है. आजकल के युवा आनंद और मौज मस्ती के लिए नशे का रास्ता अपना रहे हैं. तरह तरह के नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं. कुछ समय बाद यही नशे का रास्ता उन्हें पूरी तरह से बर्बाद कर रहा है. आज के दौर में नशे जैसी घातक बीमारी से युवाओं और बच्चों को दूर रखने के लिए योगासन, प्राणायाम और अच्छे खेलकूद की आदतें जरूरी है. योग के जानकारों का मानना है कि कसरत और योग से आप नशे से मुक्ति पा सकते हैं.

योग से जीवन में सकारात्मकता आती है: योगाचार्य विनीत शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि एक नशीले पदार्थ से शुरू किया गया नशा व्यक्ति को किस गर्त में डालेगा यह कल्पना भी हम नहीं कर सकते. योग, प्राणायाम, आसन और खेलकूद व्यक्ति को सकारात्मक और अच्छे विचारों से पोषित करते हैं. जो प्राणायाम करने से हैप्पी हार्मोन शरीर में रिलीज होते हैं. जिसके द्वारा मनुष्य अच्छा फील करता है. यह फील गुड फैक्टर मनुष्य को पॉजिटिव, उत्साही, उमंगवान और उर्जा से ओतप्रोत रखता है. योग प्राणायाम ही ऐसी विधा है जिसमें अनंत उत्साह के साथ असीमित धैर्य और संयम का विकास होता है. व्यक्तित्व निर्माण के लिए प्राणायाम बहुत ही महत्वपूर्ण योग आसन है.

योग के जरिए नशे से मुक्ति पाएं

अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस संकल्प लें: अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस के मौके पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने दैनिक दिनचर्या में योगासन, प्राणायाम और व्यायाम को निश्चित तौर पर जगह देंगे. एक से डेढ़ घंटे का अभ्यास शरीर को तमाम नकारात्मक विचारों, कुंठा और नशे से दूर रखता है.

ये भी पढ़ें:अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की उलटी गिनती शुरू, हैदराबाद में योग उत्सव आयोजित

योग और कसरत नशे से दिलाएगा मुक्ति: इस दौरान योगाचार्य विनीत शर्मा ने कुछ योग अभ्यास और कसरत के तरीके बताएं. जिससे आप नशे की लत को छोड़ सकते हैं या फिर उनसे दूरी बना सकते हैं.आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप योग को अपनाकर नशे से मुक्ति पा सकते हैं.

कपालभाति से नशे की आदत से मिलेगा छुटकारा: योगाचार्य विनीत शर्मा ने बताया कि जैसे ही हम कपालभाति का नियमित रूप से अभ्यास करते हैं. हमारे भीतर की सारी नकारात्मकता, आलस्य, नशे की प्रवृति अपने आप दूर हो जाती है. मन में अच्छे अच्छे ख्याल और रचनात्मक विचार जन्म लेते हैं. कपालभाती से युवा नशे से मुक्त हो सकता है.आवश्यक यह है कि हम अपने घर में,मित्रों के साथ और समाज के लोगों के साथ बगीचों में नियमित रूप से इसका अभ्यास करें. थोड़े ही समय पश्चात इनका असर हमारे जीवन और शरीर पर पड़ता है.

अनुलोम विलोम का अभ्यास संयम और धैर्य को बढ़ाता है: योगाचार्य विनीत शर्मा का कहना है कि अनुलोम विलोम का अभ्यास मन के संयम और धीरज को बढ़ाता है. इससे व्यक्ति नशे और नशीले पदार्थों से धीरे-धीरे स्वत: ही दूर होते चला जाता है. अनुलोम-विलोम का अभ्यास हमारी सारी चिंताओं कुंठा और अवसाद को दूर करने में सहायक होते हैं. लंबी गहरी सांस लेने से मन की शांति और शरीर की दशा में बहुत सुधार देखने को मिलता है. प्रतिदिन 10 से 15 मिनट का अभ्यास व्यक्ति को स्वस्थ और मजबूत बनाता है. जिससे आदमी नशे से मुक्त होता जाता है.


सूर्य नमस्कार के फायदे: योगाचार्य विनीत शर्मा का कहना है कि नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास नस, नाड़ियों को सकारात्मक संदेश देता है. हैप्पी हारमोंस हमारे मन की अवस्था को बदल देते हैं. व्यक्ति नकारात्मकता छोड़कर सकारात्मक हो जाता है. सूर्य नमस्कार का 20 से 25 मिनट तक का अभ्यास शरीर के नस, नाड़ियों स्नायु मंडल को ओतप्रोत कर देता है. शरीर ताजगी और स्वच्छता का अनुभव करता है. फल स्वरुप व्यक्ति नशे आदि से दूर रहने लगता है.

ये भी पढ़ें: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, देश की प्रमुख विरासत है योग



भुजंगासन, ताड़ासन, उष्ट्रासन और धनुरासन से होते हैं फायदे: योगाचार्य विनीत शर्मा ने बताया कि भुजंगासन, ताड़ासन, उष्ट्रासन और धनुरासन ऐसे अनेक अभ्यास हैं. जिनके माध्यम से शरीर का लचीलापन ठीक होता है. मन और शरीर में उत्साह का जागरण होता है. शरीर प्रफुल्लित होकर आनंद को प्राप्त करता है. व्यायाम करने से रोम छिद्र खुलते हैं और शरीर से पसीना निकलता है. यह पसीना निकलने पर मन को शांति और शरीर को ताजगी देता है. इन आसनों से युवा वर्ग नशे आदि जैसी चीजों से स्वत: ही अपने आप को धीरे-धीरे दूर कर लेता है. जो लोग नशे के ज्यादा शिकार हैं या इस के जंजाल में फंस गए हैं उन्हें कपाल भारती, अनुलोम विलोम, प्राणायाम, ॐ मंत्र का जाप सुबह, दोपहर और शाम तीन तीन बार करना चाहिए.


खाली पेट करें कपालभाति: योगाचार्य विनीत शर्मा ने कहा कि कपालभाति के लिए आवश्यक है कि पेट खाली रहे. दोनों टाइम कपालभाति का अभ्यास करने से चित पूरी तरह शांत हो जाता है. मन को ऊर्जा और तेजस्विता मिलती है. शरीर के अंदर पॉजिटिव विचारों का निर्माण होता है और व्यक्ति नशे की गिरफ्त से बाहर होता है.


अंतरराष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस पर यह आवश्यक है कि हम सभी योग, प्राणायाम, आसन और व्यायाम, संतुलित, आहार, नियमित भ्रमण और अच्छी संगत को अपनाएं. जिससे हम जीवन में सदा-सदा के लिए नशे जैसी घातक बीमारियों से दूर रह पाएं.यदि कोई व्यक्ति नशे का बहुत अरसे से शिकार है तो ऐसे व्यक्ति को परिवार समाज और मित्रों को भरपूर सहयोग करना चाहिए. उसके इर्द-गिर्द सकारात्मक और तनाव मुक्त माहौल पैदा करना चाहिए.

रायपुर: आजकल के युग में नशा एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है. इसके विकराल रूप से समाज और देश दोनों को नुकसान हो रहा है. आजकल के युवा आनंद और मौज मस्ती के लिए नशे का रास्ता अपना रहे हैं. तरह तरह के नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं. कुछ समय बाद यही नशे का रास्ता उन्हें पूरी तरह से बर्बाद कर रहा है. आज के दौर में नशे जैसी घातक बीमारी से युवाओं और बच्चों को दूर रखने के लिए योगासन, प्राणायाम और अच्छे खेलकूद की आदतें जरूरी है. योग के जानकारों का मानना है कि कसरत और योग से आप नशे से मुक्ति पा सकते हैं.

योग से जीवन में सकारात्मकता आती है: योगाचार्य विनीत शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि एक नशीले पदार्थ से शुरू किया गया नशा व्यक्ति को किस गर्त में डालेगा यह कल्पना भी हम नहीं कर सकते. योग, प्राणायाम, आसन और खेलकूद व्यक्ति को सकारात्मक और अच्छे विचारों से पोषित करते हैं. जो प्राणायाम करने से हैप्पी हार्मोन शरीर में रिलीज होते हैं. जिसके द्वारा मनुष्य अच्छा फील करता है. यह फील गुड फैक्टर मनुष्य को पॉजिटिव, उत्साही, उमंगवान और उर्जा से ओतप्रोत रखता है. योग प्राणायाम ही ऐसी विधा है जिसमें अनंत उत्साह के साथ असीमित धैर्य और संयम का विकास होता है. व्यक्तित्व निर्माण के लिए प्राणायाम बहुत ही महत्वपूर्ण योग आसन है.

योग के जरिए नशे से मुक्ति पाएं

अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस संकल्प लें: अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस के मौके पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने दैनिक दिनचर्या में योगासन, प्राणायाम और व्यायाम को निश्चित तौर पर जगह देंगे. एक से डेढ़ घंटे का अभ्यास शरीर को तमाम नकारात्मक विचारों, कुंठा और नशे से दूर रखता है.

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योग और कसरत नशे से दिलाएगा मुक्ति: इस दौरान योगाचार्य विनीत शर्मा ने कुछ योग अभ्यास और कसरत के तरीके बताएं. जिससे आप नशे की लत को छोड़ सकते हैं या फिर उनसे दूरी बना सकते हैं.आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप योग को अपनाकर नशे से मुक्ति पा सकते हैं.

कपालभाति से नशे की आदत से मिलेगा छुटकारा: योगाचार्य विनीत शर्मा ने बताया कि जैसे ही हम कपालभाति का नियमित रूप से अभ्यास करते हैं. हमारे भीतर की सारी नकारात्मकता, आलस्य, नशे की प्रवृति अपने आप दूर हो जाती है. मन में अच्छे अच्छे ख्याल और रचनात्मक विचार जन्म लेते हैं. कपालभाती से युवा नशे से मुक्त हो सकता है.आवश्यक यह है कि हम अपने घर में,मित्रों के साथ और समाज के लोगों के साथ बगीचों में नियमित रूप से इसका अभ्यास करें. थोड़े ही समय पश्चात इनका असर हमारे जीवन और शरीर पर पड़ता है.

अनुलोम विलोम का अभ्यास संयम और धैर्य को बढ़ाता है: योगाचार्य विनीत शर्मा का कहना है कि अनुलोम विलोम का अभ्यास मन के संयम और धीरज को बढ़ाता है. इससे व्यक्ति नशे और नशीले पदार्थों से धीरे-धीरे स्वत: ही दूर होते चला जाता है. अनुलोम-विलोम का अभ्यास हमारी सारी चिंताओं कुंठा और अवसाद को दूर करने में सहायक होते हैं. लंबी गहरी सांस लेने से मन की शांति और शरीर की दशा में बहुत सुधार देखने को मिलता है. प्रतिदिन 10 से 15 मिनट का अभ्यास व्यक्ति को स्वस्थ और मजबूत बनाता है. जिससे आदमी नशे से मुक्त होता जाता है.


सूर्य नमस्कार के फायदे: योगाचार्य विनीत शर्मा का कहना है कि नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास नस, नाड़ियों को सकारात्मक संदेश देता है. हैप्पी हारमोंस हमारे मन की अवस्था को बदल देते हैं. व्यक्ति नकारात्मकता छोड़कर सकारात्मक हो जाता है. सूर्य नमस्कार का 20 से 25 मिनट तक का अभ्यास शरीर के नस, नाड़ियों स्नायु मंडल को ओतप्रोत कर देता है. शरीर ताजगी और स्वच्छता का अनुभव करता है. फल स्वरुप व्यक्ति नशे आदि से दूर रहने लगता है.

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भुजंगासन, ताड़ासन, उष्ट्रासन और धनुरासन से होते हैं फायदे: योगाचार्य विनीत शर्मा ने बताया कि भुजंगासन, ताड़ासन, उष्ट्रासन और धनुरासन ऐसे अनेक अभ्यास हैं. जिनके माध्यम से शरीर का लचीलापन ठीक होता है. मन और शरीर में उत्साह का जागरण होता है. शरीर प्रफुल्लित होकर आनंद को प्राप्त करता है. व्यायाम करने से रोम छिद्र खुलते हैं और शरीर से पसीना निकलता है. यह पसीना निकलने पर मन को शांति और शरीर को ताजगी देता है. इन आसनों से युवा वर्ग नशे आदि जैसी चीजों से स्वत: ही अपने आप को धीरे-धीरे दूर कर लेता है. जो लोग नशे के ज्यादा शिकार हैं या इस के जंजाल में फंस गए हैं उन्हें कपाल भारती, अनुलोम विलोम, प्राणायाम, ॐ मंत्र का जाप सुबह, दोपहर और शाम तीन तीन बार करना चाहिए.


खाली पेट करें कपालभाति: योगाचार्य विनीत शर्मा ने कहा कि कपालभाति के लिए आवश्यक है कि पेट खाली रहे. दोनों टाइम कपालभाति का अभ्यास करने से चित पूरी तरह शांत हो जाता है. मन को ऊर्जा और तेजस्विता मिलती है. शरीर के अंदर पॉजिटिव विचारों का निर्माण होता है और व्यक्ति नशे की गिरफ्त से बाहर होता है.


अंतरराष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस पर यह आवश्यक है कि हम सभी योग, प्राणायाम, आसन और व्यायाम, संतुलित, आहार, नियमित भ्रमण और अच्छी संगत को अपनाएं. जिससे हम जीवन में सदा-सदा के लिए नशे जैसी घातक बीमारियों से दूर रह पाएं.यदि कोई व्यक्ति नशे का बहुत अरसे से शिकार है तो ऐसे व्यक्ति को परिवार समाज और मित्रों को भरपूर सहयोग करना चाहिए. उसके इर्द-गिर्द सकारात्मक और तनाव मुक्त माहौल पैदा करना चाहिए.

Last Updated : May 30, 2022, 11:35 PM IST
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