रायपुर: इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस को पहली बार 2013 में मनाया गया. इस दिन को एक नए युग के शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. भूटान ने साल 1970 के दशक की शुरुआत से राष्ट्रीय धन की तुलना में राष्ट्रीय आनंद को उच्च प्राथमिकता देने का फैसल लिया था. संयुक्त राष्ट्र ने जिसके बाद 2015 में सतत विकास के लक्ष्यों की घोषणा गरीबी उन्मूलन के साथ ही असमानता को कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के उद्देश्य से की. ये सभी 3 सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं, जो हर किसी के स्वास्थ्य और खुशी को प्रभावित करते हैं. चाहे वे कहीं भी रहते हों.
हैप्पीनेस डे का होता है थीम: हैप्पीनेस डे 2022 की थीम कीप काल्म, स्टे वाइज एंड बी काइंड था. हर संभव स्थिति में शांत रहना और लोगों को शांत रखना ही खुशी और संतुष्टि की कुंजी है. कठिन परिस्थितियों में बुद्धिमान बने रहना और समझदारी से कदम ही आपको सफलता दिला सकता है. दूसरों की जरूरतों और गलतियों के प्रति उदार बने रहने से खुद में खुशी महसूसू होगी और मन सांत रहेगा.
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भूटान का निर्णय बना मील का पत्थर: भूटान की 66वीं महासभा को इस दिन के पीछे बहुत यादगार माना जाता है. सकल राष्ट्रीय उत्पाद में सकल राष्ट्रीय खुशी के लक्ष्य को अपनाने के लिए भी इस दिन को जाना जाता है. सत्र के दौरान देश ने खुशी और कल्याण को एक नए आर्थिक प्रतिमान को परिभाषित करने पर एक उच्च स्तरीय बैठक की मेजबानी की.