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अनुसूचित जनजाति उपयोजना के प्रस्तावों का होगा पुनः परीक्षण, निर्देश जारी

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Published : Oct 26, 2019, 7:55 AM IST

मुख्य सचिव सुनील कुजूर ने बैठक में विभिन्न विभागों को क्षेत्र की उपयोगिता के आधार पर जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को सहमति के लिए भेजे जा रहे प्रस्तावों का पुनः परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. नीचे पढ़ें किन प्रस्तावों पर हुई चर्चा.

ST उपयोजना के क्रियान्वयन कार्यकारिणी समिती की बैठक संपन्न

रायपुर : मंत्रालय के महानदी भवन में अनुसूचित जनजाति उपयोजना के क्रियान्वयन के लिए गठित कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई. बैठक में राज्य के विभिन्न गतिविधि संचालन के लिए विभाग के प्रस्तावों पर चर्चा की गई. इस प्रस्ताव को जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को सहमति के लिए भेजा जाएगा.

बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर शामिल हुए. कुजूर ने विभिन्न विभागों को क्षेत्र की उपयोगिता के आधार पर प्रस्तावों का पुनः परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं.

इन प्रस्तावों पर हुई चर्चा-

पढ़ें : इको फ्रेंड़ली दिए बना रहीं ये महिलाएं, प्रशासन ने भी पेश की मिशाल

  • कोंडागांव में मक्का प्रसंस्करण ईकाइ की स्थापना.
  • बस्तर संभाग में भवनविहिन एवं जर्जर आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण और मरम्मत.
  • आदिवासी विकास के अंतर्गत संचालित आश्रम शालाओं में कम्प्यूटर प्रशिक्षण.
  • भवनविहिन स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण-पेयजल और विद्युतीकरण.
  • किसानों की पड़त भूमि में कॉफी रोपण.
  • सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार और उन्नयन.
  • भवन विहिन-जर्जर आश्रम-छात्रावासों के मरम्मत और भवन निर्माण के प्रस्तावों पर चर्चा.
  • राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सूरजपुर और गरियाबंद जिले में कोदो-कुटकी आधारित प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना.
  • एकीकृत कृषि प्रणाली से चाय और कॉफी का जैविक खेती प्रसंस्करण और आदिवासी पर्यटन विकास.
  • पोषण और स्वालंबन वाटिका की स्थापना.
  • सामूहिक फल उत्पादन प्रक्षेत्र निर्माण संबंधी प्रस्तावों पर चर्चा.

रायपुर : मंत्रालय के महानदी भवन में अनुसूचित जनजाति उपयोजना के क्रियान्वयन के लिए गठित कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई. बैठक में राज्य के विभिन्न गतिविधि संचालन के लिए विभाग के प्रस्तावों पर चर्चा की गई. इस प्रस्ताव को जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को सहमति के लिए भेजा जाएगा.

बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर शामिल हुए. कुजूर ने विभिन्न विभागों को क्षेत्र की उपयोगिता के आधार पर प्रस्तावों का पुनः परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं.

इन प्रस्तावों पर हुई चर्चा-

पढ़ें : इको फ्रेंड़ली दिए बना रहीं ये महिलाएं, प्रशासन ने भी पेश की मिशाल

  • कोंडागांव में मक्का प्रसंस्करण ईकाइ की स्थापना.
  • बस्तर संभाग में भवनविहिन एवं जर्जर आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण और मरम्मत.
  • आदिवासी विकास के अंतर्गत संचालित आश्रम शालाओं में कम्प्यूटर प्रशिक्षण.
  • भवनविहिन स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण-पेयजल और विद्युतीकरण.
  • किसानों की पड़त भूमि में कॉफी रोपण.
  • सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार और उन्नयन.
  • भवन विहिन-जर्जर आश्रम-छात्रावासों के मरम्मत और भवन निर्माण के प्रस्तावों पर चर्चा.
  • राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सूरजपुर और गरियाबंद जिले में कोदो-कुटकी आधारित प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना.
  • एकीकृत कृषि प्रणाली से चाय और कॉफी का जैविक खेती प्रसंस्करण और आदिवासी पर्यटन विकास.
  • पोषण और स्वालंबन वाटिका की स्थापना.
  • सामूहिक फल उत्पादन प्रक्षेत्र निर्माण संबंधी प्रस्तावों पर चर्चा.
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रायपुर. मुख्य सचिव सुनील कुजूर की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अनुसूचित जनजाति उपयोजना के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार, नीति आयोग के निर्देशानुसार गठित कार्यकारिणी समिति की बैठक का आयोजन किया गया। राज्य में विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए विभागों द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को सहमति के लिए भेजे जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने क्षेत्र की उपयोगिता के आधार पर प्रस्तावों का पुनः परिक्षण करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए हैं।Body:जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्तावों में कोण्डागांव में मक्का प्रसंस्करण ईकाइ की स्थापना, बस्तर संभाग में भवन विहिन एवं जर्जर आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण एवं मरम्मत, आदिवासी विकास के अंतर्गत संचालित आश्रम शालाओं में कम्प्यूटर प्रशिक्षण, भवन विहिन स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण-पेयजल एवं विद्युतीकरण, कृषकों की पडत भूमि में कॉफी रोपण, सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार एवं उन्नयन, भवन विहिन-जर्जर आश्रम-छात्रावासों के मरम्मत एवं भवन निर्माण के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सूरजपुर और गरियाबंद जिले में कोदो-कुटकी आधारित प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना, एकीकृत कृषि प्रणाली से चाय एवं कॉफी का जैविक खेती प्रसंस्करण और आदिवासी पर्यटन विकास, पोषण एवं स्वालंबन वाटिका की स्थापना, सामूहिक फल उत्पादन प्रक्षेत्र निर्माण संबंधी प्रस्तावों पर चर्चा की गई।
मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
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