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लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित नक्सली कर रहे सरेंडर, दो माओवादियों ने डाले हथियार

बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार की लोन वर्राटू स्कीम काम कर रही है. पढ़िए ये रिपोर्ट

LONE VARRATU INFLUENCE
लोन वर्राटू अभियान हो रहा सफल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान का असर व्यापक तौर पर दिख रहा है. इस अभियान से प्रभावित होकर दो नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इसमें एक पुरुष और एक महिला नक्सली है. इस बात की पुष्टि दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय और एएसपी रामकुमार बर्मन ने की है. नक्सलियों ने दोनों अधिकारियों के सामने सरेंडर किया. आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सलियों ने खून खराबे से तौबा किया है.

नक्सलियों की हिंसा से तंग आकर लिया फैसला: दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि पुरुष और महिला नक्सली ने लाल आतंक और हिंसा से तंग आकर यह फैसला लिया. सरेंडर करने के दौरान नक्सलियों ने कहा कि वह माओवादियों की खोखली विचारधारा से परेशान थे. इसके अलावा परिवार से दूर रहना मुश्किल हो रहा था. हमेशा परेशानी वाली जिंदगी जीनी पड़ती थी. इस वजह से उन्होंने सरेंडर करने का फैसला किया.

सरेंडर करने वाले नक्सलियों के बारे में जानिए: कुल दो नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. इनमें एक पुरुष और एक महिला नक्सली है. पुरुष नक्सली का नाम दशरू कवासी है. उसकी उम्र 44 साल है.सरेंडर करने वाला नक्सली दशरू कवासी तोड़मा आरपीसी जीआरडी सदस्य है. जबकि महिला नक्सली का नाम पायको मांडवी है. वह 31 साल की है. वह तोड़मा आरपीसी केएएमएस सदस्य थी.

सरेंडर करने पर मिली 25 हजार रुपये की राशि: दोनों नक्सली नक्सल विचारधारा का प्रसार करते थे. इसके अलावा वह नए लोगों को नक्सल संगठन में जोड़ने का काम करते थे. आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस की तरफ से दोनों नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है. इसके अलावा पुनर्वास नीति के तहत उन्हें और फायदा दिया जाएगा.

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दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान का असर व्यापक तौर पर दिख रहा है. इस अभियान से प्रभावित होकर दो नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इसमें एक पुरुष और एक महिला नक्सली है. इस बात की पुष्टि दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय और एएसपी रामकुमार बर्मन ने की है. नक्सलियों ने दोनों अधिकारियों के सामने सरेंडर किया. आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सलियों ने खून खराबे से तौबा किया है.

नक्सलियों की हिंसा से तंग आकर लिया फैसला: दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि पुरुष और महिला नक्सली ने लाल आतंक और हिंसा से तंग आकर यह फैसला लिया. सरेंडर करने के दौरान नक्सलियों ने कहा कि वह माओवादियों की खोखली विचारधारा से परेशान थे. इसके अलावा परिवार से दूर रहना मुश्किल हो रहा था. हमेशा परेशानी वाली जिंदगी जीनी पड़ती थी. इस वजह से उन्होंने सरेंडर करने का फैसला किया.

सरेंडर करने वाले नक्सलियों के बारे में जानिए: कुल दो नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. इनमें एक पुरुष और एक महिला नक्सली है. पुरुष नक्सली का नाम दशरू कवासी है. उसकी उम्र 44 साल है.सरेंडर करने वाला नक्सली दशरू कवासी तोड़मा आरपीसी जीआरडी सदस्य है. जबकि महिला नक्सली का नाम पायको मांडवी है. वह 31 साल की है. वह तोड़मा आरपीसी केएएमएस सदस्य थी.

सरेंडर करने पर मिली 25 हजार रुपये की राशि: दोनों नक्सली नक्सल विचारधारा का प्रसार करते थे. इसके अलावा वह नए लोगों को नक्सल संगठन में जोड़ने का काम करते थे. आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस की तरफ से दोनों नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है. इसके अलावा पुनर्वास नीति के तहत उन्हें और फायदा दिया जाएगा.

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