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yashoda jayanti 2023: निसंतानों को संतान देने वाला शुभ मुहूर्त, जानिए यशोदा जयंती पर कैसे करें पूजा - यशोदा जयंती पर कैसे करें पूजा

माता यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण का लालन पालन किया. श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में माता यशोदा का नाम अक्सर सुनने को मिलता है.लेकिन ये कम लोगों को ही पता है कि माता यशोदा के नाम एक दिन भी है.इस दिन माता यशोदा और बालकृष्ण की आराधना करने निसंतान दंपतियों के यहां किलकारी गूंजती है.आज हम आपको अपने लेख के जरिए यशोदा जयंती से जुड़ी खास बातें बताएंगे.

yashoda jayanti 2023
यशोदा जयंती के दिन कैसे करें पूजा
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Published : Feb 10, 2023, 7:14 AM IST

रायपुर /हैदराबाद : हिन्दू धर्म में यशोदा जयंती का अत्यंत महत्व है. मान्यता है कि यशोदा जयंती के यशोदा मैय्या और कान्हा की पूजा करने से न सिर्फ संतान की प्राप्ति होती है बल्कि संतान के जीवन के कष्ट भी मिट जाते हैं.फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयन्ती मनाई जाती है. इस साल यशोदा जयंती का पर्व 12 फरवरी को मनाई जाएगी.

यशोदा जयंती का शुभ मुहूर्त :षष्ठी तिथि का शुभारंभ 11 फरवरी, दिन शनिवार को सुबह 9 बजकर 5 मिनट से होगा. वहीं, इसका समापन 12 फरवरी, दिन रविवार को सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, यशोदा जयन्ती 12 फरवरी को पड़ रही है.इसके साथ ही, 12 फरवरी को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से सुबह 11 बजकर 17 मिनट तक का समय पूजा के लिए उत्तम रहेगा.

यशोदा जयंती का महत्व : मां के रूप में यशोदा का नाम देवकी माता से पहले आता है. यशोदा जयंती के दी मां यशोदा और बाल कृष्ण की पूजा का विशेष विधान है.इस दिन यशोदा मैय्या और कन्हैया की श्रद्धा से पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है.संतान के सभी कष्ट मिट जाते हैं और भविष्य भी उज्जवल बनता है.यशोदा जयंती की पूजा से संतान पक्ष में हमेशा खुशहाली बनी रहती है. माता यशोदा और बाल कृष्ण की पूजा से संतान का स्वास्थ और जीवन कुशल रहता है.

ये भी पढ़ें- वैलेंटाइन डे दिला सकता है आपको सच्चा जीवनसाथी

यशोदा जयंती के दिन कैसे करें पूजा : यशोदा जंयती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें.यशोदा जंयती के दिन स्वच्छ वस्त्र धारण करें.यशोदा जंयती के दिन व्रत का संकल्प लें.यशोदा जंयती के दिन पूजा की चौकी लें.पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं.लाल कपड़े पर मां यशोदा की गोद में कृष्ण वाली प्रतिमा स्थापित करें.माता यशोदा और बाल कृष्ण के सामने दीपक प्रज्वलित करें.बाल गोपाल और यशोदा मैय्या को भोग लगाएं.गोपाल मंत्र का जाप अवश्य करें.लड्डू गोपाल की आरती भी गाएं . इसके बाद प्रसाद वितरण करें.

रायपुर /हैदराबाद : हिन्दू धर्म में यशोदा जयंती का अत्यंत महत्व है. मान्यता है कि यशोदा जयंती के यशोदा मैय्या और कान्हा की पूजा करने से न सिर्फ संतान की प्राप्ति होती है बल्कि संतान के जीवन के कष्ट भी मिट जाते हैं.फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयन्ती मनाई जाती है. इस साल यशोदा जयंती का पर्व 12 फरवरी को मनाई जाएगी.

यशोदा जयंती का शुभ मुहूर्त :षष्ठी तिथि का शुभारंभ 11 फरवरी, दिन शनिवार को सुबह 9 बजकर 5 मिनट से होगा. वहीं, इसका समापन 12 फरवरी, दिन रविवार को सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, यशोदा जयन्ती 12 फरवरी को पड़ रही है.इसके साथ ही, 12 फरवरी को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से सुबह 11 बजकर 17 मिनट तक का समय पूजा के लिए उत्तम रहेगा.

यशोदा जयंती का महत्व : मां के रूप में यशोदा का नाम देवकी माता से पहले आता है. यशोदा जयंती के दी मां यशोदा और बाल कृष्ण की पूजा का विशेष विधान है.इस दिन यशोदा मैय्या और कन्हैया की श्रद्धा से पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है.संतान के सभी कष्ट मिट जाते हैं और भविष्य भी उज्जवल बनता है.यशोदा जयंती की पूजा से संतान पक्ष में हमेशा खुशहाली बनी रहती है. माता यशोदा और बाल कृष्ण की पूजा से संतान का स्वास्थ और जीवन कुशल रहता है.

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यशोदा जयंती के दिन कैसे करें पूजा : यशोदा जंयती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें.यशोदा जंयती के दिन स्वच्छ वस्त्र धारण करें.यशोदा जंयती के दिन व्रत का संकल्प लें.यशोदा जंयती के दिन पूजा की चौकी लें.पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं.लाल कपड़े पर मां यशोदा की गोद में कृष्ण वाली प्रतिमा स्थापित करें.माता यशोदा और बाल कृष्ण के सामने दीपक प्रज्वलित करें.बाल गोपाल और यशोदा मैय्या को भोग लगाएं.गोपाल मंत्र का जाप अवश्य करें.लड्डू गोपाल की आरती भी गाएं . इसके बाद प्रसाद वितरण करें.

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