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घर में किस दिशा की ओर रखें कबाड़ का सामान ?

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Published : Jul 21, 2022, 6:37 PM IST

हम सभी अपने घर को साफ सुथरा रखते हैं.लेकिन कई बार घर में कबाड़ जमा हो जाता है.यदि आपने इस कबाड़ को गलत दिशा में रखा तो गलत प्रभाव पड़ता (In which direction the junk should be kept in the house) है.

importance of junk and vastu
घर में किस दिशा की ओर रखें कबाड़ का सामान

रायपुर : कूड़ा करकट और कबाड़ नकारात्मक ऊर्जा के सबसे बड़े स्रोत होते (importance of junk and vastu) हैं. कूड़ा करकट कबाड़ कभी भी कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं छोड़ते. उनसे हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का सृजन होता है. यह जीवन को कष्टप्रद, दुखद और पीड़ा से भरा हुआ बनाता है. कूड़ा करकट गंदगी कबाड़ सदैव घातक और बीमारियों को बढ़ाने वाले इस्नोफीलिया अस्थमा रोग, स्वास्थ्य के रोग को बढ़ाने वाले होते हैं. लंबे समय तक घर में गंदगी कूड़ा करकट और कबाड़ रहने पर व्यक्ति को कैंसर, हृदय रोग जैसी बीमारियां भी हो सकती (In which direction the junk should be kept in the house)है.

घर में किस दिशा की ओर रखें कबाड़ का सामान
लक्ष्मी का निवास नहीं होता : महालक्ष्मी का निवास निश्चित ही स्वच्छता निर्मलता और स्वच्छ वातावरण में ही स्थाई रूप से रहता है. जिस घर में भी कूड़ा करकट और गंदगी रहेगी. वहां पर घर के सदस्य कभी भी उन्नति नहीं कर पाएंगे. लक्ष्मी का स्थाई निवास उस घर में कभी नहीं (Negative energy comes in the house from junk)रहता. अतः समय-समय पर हमें अपने घर के कूड़ा करकट और कबाड़ और अतिरिक्त सामग्रियों को योग्य व्यक्तियों को दान करते रहना चाहिए. दान का वास्तु शास्त्र में बहुत बड़ा महत्व है. अपने उपयोग में नहीं आने वाली चीजों जैसे कपड़े, चादर, चप्पल, जूते, कुर्सियां, किताब आदि अनेक तरह की चीजें जिन्हें वर्तमान काल में उपयोग में नहीं लाते हैं और भविष्य में भी उनके उपयोग होने की संभावना कम है. ऐसे सामानों को निश्चित तौर पर दान कर देना चाहिए. जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा माहौल बना रहता है. कबाड़ का सामान करें बाहर : अनावश्यक अखबार कागजात, अनावश्यक फाइल आदि को भी समय-समय पर नष्ट करते रहना चाहिए. जिससे कि स्वच्छता का वातावरण बना रहे और महालक्ष्मी की कृपा स्थाई रूप से बनी रहे. नारायण की अर्धांगिनी माधव प्रिय महालक्ष्मी को शुद्धता और सफाई विशेष रूप से पसंद है. जहां कहीं भी सफाई का अभाव होता है. उस स्थान में लक्ष्मी की बहन और कुलक्ष्मी का समागम हो जाता है. अर्थात उस भवन में गरीबी दारिद्र्य और दुखों का प्रभाव बढ़ता चला जाता (Poverty is more likely to come from junk) है. इसीलिए सनातन परंपरा में दीपावली के पूर्व पूरे घर की साफ सफाई और शुद्धिकरण किया जाता है. घरों में समय-समय पर वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाओं का वास्तु पूजन भी यज्ञ हवन अग्निहोत्र के द्वारा करते रहना चाहिए. जिससे संपूर्ण भवन का वास्तु दोष निवारण होता रहे. गंदगी में क्या होती है परेशानी : घर के चारों ओर स्वच्छता शुद्धता और सफाई का विशिष्ट महत्व है. साफ-सुथरे घरों को सभी लोग पसंद करते हैं. लोग ऐसे व्यक्ति के यहां जाना या मिलना जुलना और रहना पसंद करते हैं. कूड़ा करकट कबाड़ और गंदगी से भरे हुए घरों में कोई भी नहीं जाना चाहता. ना ही लोग ऐसे व्यक्ति से संबंध स्थापित करना चाहते हैं. सुंदर परिष्कृत और शुद्धता से भरे हुए भवन मन को अपनी और आकर्षित कर लेते हैं. आकर्षण का सिद्धांत और आकर्षण का बल वास्तु शास्त्र में बहुत अच्छी तरह कार्य करता है. समस्त धन उत्साह उमंग यश प्रसिद्धि कीर्ति प्रसन्नता सुख आरोग्य आदि शुद्ध और निर्माण वास्तु क्षेत्र में स्थाई रूप से निवास करते हैं.

गंदगी लाती है दरिद्रता : जिस स्थान का वास्तु कूड़ा करकट और कबाड़ से भरा हुआ होता है. वहां पर दरिद्रता, दुख वेदना, मुकदमें लड़ाई झगड़ा, अशांति, युद्ध, तनाव दबाव और मानसिक विक्षिप्तता, कुंठा और अवसाद देखने को मिलता है. इसलिए संपूर्ण वास्तु भवन का नियमित रूप से शोधन या सफाई की जानी चाहिए. पूरे घर को पोछा लगाते समय विशिष्ट नमक के द्वारा घोल बनाकर पोछना चाहिए. जिससे घर में सकारात्मक धनात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता रहे और रहने वाले सदस्यों में उत्साह उमंग और प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होता रहे.

रायपुर : कूड़ा करकट और कबाड़ नकारात्मक ऊर्जा के सबसे बड़े स्रोत होते (importance of junk and vastu) हैं. कूड़ा करकट कबाड़ कभी भी कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं छोड़ते. उनसे हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का सृजन होता है. यह जीवन को कष्टप्रद, दुखद और पीड़ा से भरा हुआ बनाता है. कूड़ा करकट गंदगी कबाड़ सदैव घातक और बीमारियों को बढ़ाने वाले इस्नोफीलिया अस्थमा रोग, स्वास्थ्य के रोग को बढ़ाने वाले होते हैं. लंबे समय तक घर में गंदगी कूड़ा करकट और कबाड़ रहने पर व्यक्ति को कैंसर, हृदय रोग जैसी बीमारियां भी हो सकती (In which direction the junk should be kept in the house)है.

घर में किस दिशा की ओर रखें कबाड़ का सामान
लक्ष्मी का निवास नहीं होता : महालक्ष्मी का निवास निश्चित ही स्वच्छता निर्मलता और स्वच्छ वातावरण में ही स्थाई रूप से रहता है. जिस घर में भी कूड़ा करकट और गंदगी रहेगी. वहां पर घर के सदस्य कभी भी उन्नति नहीं कर पाएंगे. लक्ष्मी का स्थाई निवास उस घर में कभी नहीं (Negative energy comes in the house from junk)रहता. अतः समय-समय पर हमें अपने घर के कूड़ा करकट और कबाड़ और अतिरिक्त सामग्रियों को योग्य व्यक्तियों को दान करते रहना चाहिए. दान का वास्तु शास्त्र में बहुत बड़ा महत्व है. अपने उपयोग में नहीं आने वाली चीजों जैसे कपड़े, चादर, चप्पल, जूते, कुर्सियां, किताब आदि अनेक तरह की चीजें जिन्हें वर्तमान काल में उपयोग में नहीं लाते हैं और भविष्य में भी उनके उपयोग होने की संभावना कम है. ऐसे सामानों को निश्चित तौर पर दान कर देना चाहिए. जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा माहौल बना रहता है. कबाड़ का सामान करें बाहर : अनावश्यक अखबार कागजात, अनावश्यक फाइल आदि को भी समय-समय पर नष्ट करते रहना चाहिए. जिससे कि स्वच्छता का वातावरण बना रहे और महालक्ष्मी की कृपा स्थाई रूप से बनी रहे. नारायण की अर्धांगिनी माधव प्रिय महालक्ष्मी को शुद्धता और सफाई विशेष रूप से पसंद है. जहां कहीं भी सफाई का अभाव होता है. उस स्थान में लक्ष्मी की बहन और कुलक्ष्मी का समागम हो जाता है. अर्थात उस भवन में गरीबी दारिद्र्य और दुखों का प्रभाव बढ़ता चला जाता (Poverty is more likely to come from junk) है. इसीलिए सनातन परंपरा में दीपावली के पूर्व पूरे घर की साफ सफाई और शुद्धिकरण किया जाता है. घरों में समय-समय पर वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाओं का वास्तु पूजन भी यज्ञ हवन अग्निहोत्र के द्वारा करते रहना चाहिए. जिससे संपूर्ण भवन का वास्तु दोष निवारण होता रहे. गंदगी में क्या होती है परेशानी : घर के चारों ओर स्वच्छता शुद्धता और सफाई का विशिष्ट महत्व है. साफ-सुथरे घरों को सभी लोग पसंद करते हैं. लोग ऐसे व्यक्ति के यहां जाना या मिलना जुलना और रहना पसंद करते हैं. कूड़ा करकट कबाड़ और गंदगी से भरे हुए घरों में कोई भी नहीं जाना चाहता. ना ही लोग ऐसे व्यक्ति से संबंध स्थापित करना चाहते हैं. सुंदर परिष्कृत और शुद्धता से भरे हुए भवन मन को अपनी और आकर्षित कर लेते हैं. आकर्षण का सिद्धांत और आकर्षण का बल वास्तु शास्त्र में बहुत अच्छी तरह कार्य करता है. समस्त धन उत्साह उमंग यश प्रसिद्धि कीर्ति प्रसन्नता सुख आरोग्य आदि शुद्ध और निर्माण वास्तु क्षेत्र में स्थाई रूप से निवास करते हैं.

गंदगी लाती है दरिद्रता : जिस स्थान का वास्तु कूड़ा करकट और कबाड़ से भरा हुआ होता है. वहां पर दरिद्रता, दुख वेदना, मुकदमें लड़ाई झगड़ा, अशांति, युद्ध, तनाव दबाव और मानसिक विक्षिप्तता, कुंठा और अवसाद देखने को मिलता है. इसलिए संपूर्ण वास्तु भवन का नियमित रूप से शोधन या सफाई की जानी चाहिए. पूरे घर को पोछा लगाते समय विशिष्ट नमक के द्वारा घोल बनाकर पोछना चाहिए. जिससे घर में सकारात्मक धनात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता रहे और रहने वाले सदस्यों में उत्साह उमंग और प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होता रहे.

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