ETV Bharat / state

importance of jewelery in hindu wedding: हिंदू शादी में आभूषण का क्या है महत्व, जानिए क्या कहते हैं पंडित

आभूषण या ज्वैलरी पहनना हिंदू परंपरा का एक अहम हिस्सा है. शादी हो (importance of jewelery in hindu wedding) या फिर कोई दूसरा अवसर ज्वैलरी पहनने (Importance of wearing jewelery in marriage) का अपना एक अलग ही महत्त्व होता है. विवाह मुहूर्त और विवाह (Hindu Marriage Muhurta 2021) के दौरान आभूषण का महत्व ज्यादा माना गया है. दुल्हन की खूबसूरती में चार चांद लगाने और उसे संवारने का काम गहने (Importance of gold and silver in marriage ceremony) ही करते हैं. आइए जानते है कि शादी में आभूषण का क्या महत्व है ?

author img

By

Published : Nov 29, 2021, 7:08 PM IST

importance of jewelery in hindu marriage
हिंदू विवाह में आभूषण का क्या है महत्व

रायपुर: स्वर्ण पीले रंग की धातु अपने आप में मूल्यवान और (Importance of wearing gold jewelry in a Hindu wedding) कीमती धातु मानी गई है. यह ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है. यह धातु सौभाग्य, संपन्नता और खुशहाली का प्रतीक है. इसके धारण करने से वर और कन्या के सौंदर्य में निखार आता है. विवाह संस्कार में सोने और चांदी का महत्व ज्यादा है. (Importance of gold and silver in marriage ceremony) विवाह जीवन में केवल एक बार ही किया जाने वाला संस्कार है. इस शुभ मौके पर कन्या और वर को अपने अनुपम सौंदर्य में होना विशेष मायने रखता है. कन्या बहुत सारे आभूषणों से युक्त होकर गरिमामय रूप से अपना सौंदर्य बिखेरती हैं. इसी तरह वर भी अंगूठी और चैन आदि धारण कर अपने सौंदर्य में निखार लाते हैं. विवाह मुहूर्त और विवाह (Hindu Marriage Muhurta 2021) के दौरान आभूषण का महत्व ज्यादा माना गया है

हिंदू शादी में आभूषण का क्या है महत्व

यह भी पढ़ें: विवाह मुहूर्त के सबसे बड़े और अहम पल कौन से हैं जानिए

शादी में आभूषण का क्या महत्व (importance of jewelery in wedding)

सोना सर्वाधिक मूल्यवान माना गया है. पीत वर्ण की यह धातु गुरु ग्रह को इंगित करती है. विवाह संस्कार में मंगलसूत्र (mangalsutra in marriage ceremony) पहना जाता है. जिससे सोने और श्यामल वर्ण की मोती से बनाया जाता है. श्याम वर्ण शनि का प्रतीक है. शनि मेहनत, मशक्कत, पुरुषार्थ और कर्म का प्रेरक है. शनि ग्रह स्थायित्व और मजबूती प्रदान करता है. पीले रंग का सोना ज्ञान, विद्या, वंश वृद्धि, कुल वृद्धि और सौम्यता का सूचक है. आगे चलकर जीवन में इनकी बड़ी आवश्यकता होती है. वर और वधू कर्म पुरुषार्थ करते हुए जीवन के सुख को भोग सकें. इस ओर यह इंगित करती है. मंगलसूत्र वास्तव में सौभाग्य शोभा का सूचक है या पति की लंबी आयु को भी बताता है.

यह भी पढ़ें: मंडप पूजा का महत्व, किन-किन बातों का रखें ध्यान, आइये जानते हैं...

आर्थिक मजबूती देता है सोना (Gold gives financial strength)

पूजन करते समय मुख, नासिका, नेत्र, कर्ण, सिर, हाथ और पैर इन सभी अंगों को नियम पूर्वक स्पर्श और शोधन किया जाता है. इन्हीं अंगों में विशेष रूप से कन्या स्वर्ण धारण कर अपने अनुपम सौंदर्य को प्राप्त होती है. सोना संपन्नता का सूचक है. इसके माध्यम से सुख और ऐश्वर्य का पता (Economic strength comes from gold) चलता है. जीवन में कभी विकट स्थिति या संकट की घड़ी आ जाए. उस समय इस सोने का कुशलता पूर्वक उपयोग करने पर वर और वधू अपने संकट को दूर कर सकते हैं. यह वर और वधू को नये जीवन की शुरुआत में आर्थिक संबल देने के लिए भी दिया जाता है. जिससे दोनों ही आनंद पूर्वक रहते हुए शांत चित्त से जीवन में आगे बढ़ सके और यह आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है.

रायपुर: स्वर्ण पीले रंग की धातु अपने आप में मूल्यवान और (Importance of wearing gold jewelry in a Hindu wedding) कीमती धातु मानी गई है. यह ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है. यह धातु सौभाग्य, संपन्नता और खुशहाली का प्रतीक है. इसके धारण करने से वर और कन्या के सौंदर्य में निखार आता है. विवाह संस्कार में सोने और चांदी का महत्व ज्यादा है. (Importance of gold and silver in marriage ceremony) विवाह जीवन में केवल एक बार ही किया जाने वाला संस्कार है. इस शुभ मौके पर कन्या और वर को अपने अनुपम सौंदर्य में होना विशेष मायने रखता है. कन्या बहुत सारे आभूषणों से युक्त होकर गरिमामय रूप से अपना सौंदर्य बिखेरती हैं. इसी तरह वर भी अंगूठी और चैन आदि धारण कर अपने सौंदर्य में निखार लाते हैं. विवाह मुहूर्त और विवाह (Hindu Marriage Muhurta 2021) के दौरान आभूषण का महत्व ज्यादा माना गया है

हिंदू शादी में आभूषण का क्या है महत्व

यह भी पढ़ें: विवाह मुहूर्त के सबसे बड़े और अहम पल कौन से हैं जानिए

शादी में आभूषण का क्या महत्व (importance of jewelery in wedding)

सोना सर्वाधिक मूल्यवान माना गया है. पीत वर्ण की यह धातु गुरु ग्रह को इंगित करती है. विवाह संस्कार में मंगलसूत्र (mangalsutra in marriage ceremony) पहना जाता है. जिससे सोने और श्यामल वर्ण की मोती से बनाया जाता है. श्याम वर्ण शनि का प्रतीक है. शनि मेहनत, मशक्कत, पुरुषार्थ और कर्म का प्रेरक है. शनि ग्रह स्थायित्व और मजबूती प्रदान करता है. पीले रंग का सोना ज्ञान, विद्या, वंश वृद्धि, कुल वृद्धि और सौम्यता का सूचक है. आगे चलकर जीवन में इनकी बड़ी आवश्यकता होती है. वर और वधू कर्म पुरुषार्थ करते हुए जीवन के सुख को भोग सकें. इस ओर यह इंगित करती है. मंगलसूत्र वास्तव में सौभाग्य शोभा का सूचक है या पति की लंबी आयु को भी बताता है.

यह भी पढ़ें: मंडप पूजा का महत्व, किन-किन बातों का रखें ध्यान, आइये जानते हैं...

आर्थिक मजबूती देता है सोना (Gold gives financial strength)

पूजन करते समय मुख, नासिका, नेत्र, कर्ण, सिर, हाथ और पैर इन सभी अंगों को नियम पूर्वक स्पर्श और शोधन किया जाता है. इन्हीं अंगों में विशेष रूप से कन्या स्वर्ण धारण कर अपने अनुपम सौंदर्य को प्राप्त होती है. सोना संपन्नता का सूचक है. इसके माध्यम से सुख और ऐश्वर्य का पता (Economic strength comes from gold) चलता है. जीवन में कभी विकट स्थिति या संकट की घड़ी आ जाए. उस समय इस सोने का कुशलता पूर्वक उपयोग करने पर वर और वधू अपने संकट को दूर कर सकते हैं. यह वर और वधू को नये जीवन की शुरुआत में आर्थिक संबल देने के लिए भी दिया जाता है. जिससे दोनों ही आनंद पूर्वक रहते हुए शांत चित्त से जीवन में आगे बढ़ सके और यह आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.