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छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट कितनी महत्वपूर्ण ?

भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव अगले महीने होने वाला है.इसको लेकर भाजपा कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं. इसी कड़ी में 8 नवंबर को कांग्रेस ने चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई. वहीं भाजपा भी जल्द बैठक कर चुनावी रणनीति बनाने सहित अपने उम्मीदवारों का नाम जारी कर सकता है. इस चुनाव में स्थानीय मुद्दों सहित प्रदेश स्तरीय मुद्दे के  हावी होने की संभावना है. भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट का छत्तीसगढ़ की राजनीति के लिए क्या महत्व है आइए जानने की कोशिश करते हैं.

छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट कितनी महत्वपूर्ण
छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट कितनी महत्वपूर्ण
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Published : Nov 8, 2022, 3:49 PM IST

Updated : Nov 8, 2022, 6:03 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ बनने के बाद अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं जिसमें भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर दो बार भाजपा और दो बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. भाजपा से साल 2003 में देवलाल दुग्गा और साल 2008 में ब्रह्मानंद नेताम ने जीत हासिल की थी. जबकि कांग्रेस के मोहन मंडावी साल 2013 और साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जीते थे. उपचुनाव के लिए संभावित प्रत्याशियों में कांग्रेस से स्व. मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी का नाम चर्चा में है. क्योंकि सावित्री मंडावी ने अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस से उनकी टिकट पक्की है.

दोनों दल कर रहे जीत का दावा : इस चुनाव में दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. जहां एक और भाजपा आरक्षण सहित विकास न किए जाने के मुद्दे को लेकर जनता के बीच में जा रही है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर का कहना है कि " इन 4 सालों में भानुप्रतापपुर में कांग्रेस सरकार के द्वारा कोई विकास नहीं किया गया है. तेंदूपत्ता संग्राहक का जो 900 करोड़ रुपए की राशि जमा थी. उससे सीएम ने अपने पाटन विधानसभा क्षेत्र में विकास का कार्य कराया. जिसे भानुप्रतापपुर की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. मुख्यमंत्री से इसका जवाब मांगा जाएगा.''

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी ने तो भानुप्रतापपुर में कांग्रेस की जमानत जब्त होने का दावा किया है. उसेंडी ने इस उपचुनाव में कांग्रेस हटाओ, आरक्षण बचाओ का नारा देते हुए कहा है कि ''आदिवासी समाज के आरक्षण में सुनियोजित तरीके से कटौती कराने वाली कांग्रेस को आदिवासी समाज करारा जवाब देने तैयार है. चुनावी बिगुल बज चुका है. कांग्रेस को चुनौती है कि बचा सके तो भानुप्रतापपुर उपचुनाव में अपनी जमानत डूबने से बचा ले.''

कांग्रेस ने भी किया दावा : इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा '' आरक्षण का यह जो पाप है वह भारतीय जनता पार्टी के कारण हुआ है. उसको हम लोग ठीक करेंगे.आदिवासी समाज से कुछ लोग हमारे पास आए थे मैंने स्पष्ट कहा है आपको संविधान में जो सुविधा मिली है वह मिलकर रहेगा. उसे कोई नहीं रोक सकता. यह बात मैंने कह दिया है. भानुप्रतापपुर की जनता हमें आशीर्वाद देगी हमें पूरा विश्वास है. इसके पहले आपने देखा होगा दंतेवाड़ा भारतीय जनता पार्टी की सीट थी उसे हमने छीना. मरवाही और खैरागढ़ जोगी कांग्रेस की सीट थी उसे हमने हासिल किया. यह सीट भी हम जीतेंगे हमें विश्वास है." वहीं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का कहना है कि जिस प्रकार से पूर्व में 4 विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की है उसी प्रकार भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भी कांग्रेस जीत का परचम लहराएंगे.

वहीं भानुप्रतापपुर में हो रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि '' यदि कांग्रेस के द्वारा मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को टिकट दी जाती है तो वहां कांग्रेस की जीत लगभग पक्की है. क्योंकि भानुप्रतापपुर कांग्रेस का गढ़ रहा है. दूसरी ओर सावित्री मंडावी को सिंपैथी वोट भी मिलेंगे. यह चुनाव दोनों ही राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है. जहां एक ओर सत्ता पर कांग्रेस काबिज है तो वह नहीं चाहेगी कि इस चुनाव को हार कर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल कम करें. वहीं भाजपा की कोशिश होगी कि इस चुनाव में दमखम के साथ प्रदर्शन कर अपनी पार्टी को वहां मजबूत करें. जिससे आने वाले 1 साल में भानुप्रतापपुर में बीजेपी की स्थिति मजबूत हो सके.''


आपको बता दें कि भानुप्रतापपुर के विधायक एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. जिसके बाद भानुप्रतापपुर की यह सीट खाली थी .जहां उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं 8 दिसंबर को मतगणना होगी.

रायपुर : छत्तीसगढ़ बनने के बाद अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं जिसमें भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर दो बार भाजपा और दो बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. भाजपा से साल 2003 में देवलाल दुग्गा और साल 2008 में ब्रह्मानंद नेताम ने जीत हासिल की थी. जबकि कांग्रेस के मोहन मंडावी साल 2013 और साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जीते थे. उपचुनाव के लिए संभावित प्रत्याशियों में कांग्रेस से स्व. मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी का नाम चर्चा में है. क्योंकि सावित्री मंडावी ने अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस से उनकी टिकट पक्की है.

दोनों दल कर रहे जीत का दावा : इस चुनाव में दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. जहां एक और भाजपा आरक्षण सहित विकास न किए जाने के मुद्दे को लेकर जनता के बीच में जा रही है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर का कहना है कि " इन 4 सालों में भानुप्रतापपुर में कांग्रेस सरकार के द्वारा कोई विकास नहीं किया गया है. तेंदूपत्ता संग्राहक का जो 900 करोड़ रुपए की राशि जमा थी. उससे सीएम ने अपने पाटन विधानसभा क्षेत्र में विकास का कार्य कराया. जिसे भानुप्रतापपुर की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. मुख्यमंत्री से इसका जवाब मांगा जाएगा.''

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी ने तो भानुप्रतापपुर में कांग्रेस की जमानत जब्त होने का दावा किया है. उसेंडी ने इस उपचुनाव में कांग्रेस हटाओ, आरक्षण बचाओ का नारा देते हुए कहा है कि ''आदिवासी समाज के आरक्षण में सुनियोजित तरीके से कटौती कराने वाली कांग्रेस को आदिवासी समाज करारा जवाब देने तैयार है. चुनावी बिगुल बज चुका है. कांग्रेस को चुनौती है कि बचा सके तो भानुप्रतापपुर उपचुनाव में अपनी जमानत डूबने से बचा ले.''

कांग्रेस ने भी किया दावा : इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा '' आरक्षण का यह जो पाप है वह भारतीय जनता पार्टी के कारण हुआ है. उसको हम लोग ठीक करेंगे.आदिवासी समाज से कुछ लोग हमारे पास आए थे मैंने स्पष्ट कहा है आपको संविधान में जो सुविधा मिली है वह मिलकर रहेगा. उसे कोई नहीं रोक सकता. यह बात मैंने कह दिया है. भानुप्रतापपुर की जनता हमें आशीर्वाद देगी हमें पूरा विश्वास है. इसके पहले आपने देखा होगा दंतेवाड़ा भारतीय जनता पार्टी की सीट थी उसे हमने छीना. मरवाही और खैरागढ़ जोगी कांग्रेस की सीट थी उसे हमने हासिल किया. यह सीट भी हम जीतेंगे हमें विश्वास है." वहीं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का कहना है कि जिस प्रकार से पूर्व में 4 विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की है उसी प्रकार भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भी कांग्रेस जीत का परचम लहराएंगे.

वहीं भानुप्रतापपुर में हो रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि '' यदि कांग्रेस के द्वारा मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को टिकट दी जाती है तो वहां कांग्रेस की जीत लगभग पक्की है. क्योंकि भानुप्रतापपुर कांग्रेस का गढ़ रहा है. दूसरी ओर सावित्री मंडावी को सिंपैथी वोट भी मिलेंगे. यह चुनाव दोनों ही राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है. जहां एक ओर सत्ता पर कांग्रेस काबिज है तो वह नहीं चाहेगी कि इस चुनाव को हार कर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल कम करें. वहीं भाजपा की कोशिश होगी कि इस चुनाव में दमखम के साथ प्रदर्शन कर अपनी पार्टी को वहां मजबूत करें. जिससे आने वाले 1 साल में भानुप्रतापपुर में बीजेपी की स्थिति मजबूत हो सके.''


आपको बता दें कि भानुप्रतापपुर के विधायक एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. जिसके बाद भानुप्रतापपुर की यह सीट खाली थी .जहां उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं 8 दिसंबर को मतगणना होगी.

Last Updated : Nov 8, 2022, 6:03 PM IST
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