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SPECIAL : लॉकडाउन में सूने पड़े सिनेमाघर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने बढ़ाई मुश्किलें - सिनेमाघरों को घाटा

सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्सेज़ से जुड़े लोग 2 महीने में एक रुपए भी नहीं कमा पाए. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स मालिकों को पहले से ही मुश्किल में डाल रखा था, अब परेशानी और बढ़ गई है.

huge loss to Theaters and multiplexes due to lockdown in chhattisgarh
लॉकडाउन में सूने पड़े सिनेमाघर
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Published : May 23, 2020, 9:25 PM IST

रायपुर : सिनेमाघरों के आगे कभी लोगों की भीड़ उमड़ा करती थी, टॉकीज कभी खचाखच भरे रहते थे, लेकिन आज इसके दरवाजे बंद हैं. कोरोना संकट और लॉकडाउन ने सिनेमाई कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया है. इस पेशे से जुड़े लोगों को लगातार घाटा हो रहा है, कमाई बंद है, सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स से जुड़े लोग 2 महीने में एक रुपए भी नहीं कमा पाए हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्सेज के मालिकों को पहले से ही मुश्किल में डाल रखा था, अब परेशानी और बढ़ गई है. इसके अलावा सिनेमाघरों में दूसरा व्यवसाय करने वाले लोगों को भी थिएटर बंद होने से काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

सूने पड़े फिल्म थिएटर

एक मल्टीप्लेक्स या सिंगल स्क्रीन पर जो फिल्म दिखाई जाती है, उसके साथ अन्य कई कारोबार जुड़े रहते हैं, जिसमें कैंटीन, पार्किंग भी शामिल है. अगर आंकड़ा देखा जाए, तो करीब पूरे प्रदेश में 100 करोड़ का फिल्म का कारोबार है, जो लॉकडाउन से प्रभावित हुआ है. एक फिल्म एक हफ्ते में सिर्फ राजधानी में 1 करोड़ रुपए कमा लेती है. वहीं एक साथ अगर दो-तीन फिल्में शुक्रवार को रिलीज हुई, तो यह आंकड़ा 2 या 3 गुणा हो जाता है. ऐसा ही महीनेभर चलता रहा, तो करीब 50 करोड़ रुपए एक महीने में पूरे प्रदेश के फिल्म थिएटर मिलकर कमा लेते हैं.

निजी थिएटर के मैनेजर अशिक अहमद खान का कहना है कि उनकी राजधानी में तीन सिंगल स्क्रीन और पांच मल्टीप्लेक्स हैं. जिसके साथ कैंटीन और पार्किंग का भी आंकड़ा निकाला जाए, तो उन्हें 2 महीने में करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. वैसे भी लोग सिंगल स्क्रीन पर फिल्में कम देखा करते हैं और अब इसकी हालत तो यह हो गई है कि इसका संचालन मुश्किल हो गया है.

पढ़ें-SPECIAL : लॉकडाउन ने चौपट किया मोबाइल कारोबार, करीब 1500 करोड़ का नुकसान

ऑनलाइन सिनेमा को एक सुनहरा मौका

फिल्म जगत के जानकार सुभाष मिश्रा ने बताया कि आज ऑनलाइन फिल्मों का दौर है. मल्टीप्लेक्स और ऑनलाइन फिल्मों में काफी लंबे समय से ऑडियंस को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रतियोगिता चल रही थी. लॉकडाउन ने ऑनलाइन सिनेमा को एक सुनहरा मौका दिया है कि वह ऑडियंस को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से फिल्में घर पर आसानी से दिखा सके.

'थिएटर में फिल्म देखने का मजा ही अलग है'

वहीं लोगों का कहना है कि थिएटर और मल्टीप्लेक्स में सिनेमा देखने का एक अपना ही मजा होता है. वे मल्टीप्लेक्स अपने दोस्तों और परिवार के साथ जाना पसंद करते हैं, लेकिन जबसे लॉकडाउन हुआ है, तब से वे घर पर ही बैठे हैं और मोबाइल पर ऑनलाइन फिल्में देख रहे हैं.

रायपुर : सिनेमाघरों के आगे कभी लोगों की भीड़ उमड़ा करती थी, टॉकीज कभी खचाखच भरे रहते थे, लेकिन आज इसके दरवाजे बंद हैं. कोरोना संकट और लॉकडाउन ने सिनेमाई कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया है. इस पेशे से जुड़े लोगों को लगातार घाटा हो रहा है, कमाई बंद है, सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स से जुड़े लोग 2 महीने में एक रुपए भी नहीं कमा पाए हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्सेज के मालिकों को पहले से ही मुश्किल में डाल रखा था, अब परेशानी और बढ़ गई है. इसके अलावा सिनेमाघरों में दूसरा व्यवसाय करने वाले लोगों को भी थिएटर बंद होने से काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

सूने पड़े फिल्म थिएटर

एक मल्टीप्लेक्स या सिंगल स्क्रीन पर जो फिल्म दिखाई जाती है, उसके साथ अन्य कई कारोबार जुड़े रहते हैं, जिसमें कैंटीन, पार्किंग भी शामिल है. अगर आंकड़ा देखा जाए, तो करीब पूरे प्रदेश में 100 करोड़ का फिल्म का कारोबार है, जो लॉकडाउन से प्रभावित हुआ है. एक फिल्म एक हफ्ते में सिर्फ राजधानी में 1 करोड़ रुपए कमा लेती है. वहीं एक साथ अगर दो-तीन फिल्में शुक्रवार को रिलीज हुई, तो यह आंकड़ा 2 या 3 गुणा हो जाता है. ऐसा ही महीनेभर चलता रहा, तो करीब 50 करोड़ रुपए एक महीने में पूरे प्रदेश के फिल्म थिएटर मिलकर कमा लेते हैं.

निजी थिएटर के मैनेजर अशिक अहमद खान का कहना है कि उनकी राजधानी में तीन सिंगल स्क्रीन और पांच मल्टीप्लेक्स हैं. जिसके साथ कैंटीन और पार्किंग का भी आंकड़ा निकाला जाए, तो उन्हें 2 महीने में करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. वैसे भी लोग सिंगल स्क्रीन पर फिल्में कम देखा करते हैं और अब इसकी हालत तो यह हो गई है कि इसका संचालन मुश्किल हो गया है.

पढ़ें-SPECIAL : लॉकडाउन ने चौपट किया मोबाइल कारोबार, करीब 1500 करोड़ का नुकसान

ऑनलाइन सिनेमा को एक सुनहरा मौका

फिल्म जगत के जानकार सुभाष मिश्रा ने बताया कि आज ऑनलाइन फिल्मों का दौर है. मल्टीप्लेक्स और ऑनलाइन फिल्मों में काफी लंबे समय से ऑडियंस को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रतियोगिता चल रही थी. लॉकडाउन ने ऑनलाइन सिनेमा को एक सुनहरा मौका दिया है कि वह ऑडियंस को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से फिल्में घर पर आसानी से दिखा सके.

'थिएटर में फिल्म देखने का मजा ही अलग है'

वहीं लोगों का कहना है कि थिएटर और मल्टीप्लेक्स में सिनेमा देखने का एक अपना ही मजा होता है. वे मल्टीप्लेक्स अपने दोस्तों और परिवार के साथ जाना पसंद करते हैं, लेकिन जबसे लॉकडाउन हुआ है, तब से वे घर पर ही बैठे हैं और मोबाइल पर ऑनलाइन फिल्में देख रहे हैं.

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