रायपुर: आज के समय में लोग मोबाइल, सोशल मीडिया, कंप्यूटर का इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं. इसलिए इस युग को अब डिजिटल युग भी कहा जाने लगा है. लोग घंटों सोशल मीडिया और मोबाइल पर अपना वक्त बिता रहे हैं. ऐसे में अपराधों के तरीके भी बदले हैं. अब डिजिटल अपराध भी हो रहे हैं. साइबर हमले, हैकिंग और ऑनलाइन ठगी के कई मामले सामने आ रहे हैं. हालातों को देखते हुए ETV भारत ने आप तक प्राइवेसी जानकारी पहुंचाने की ठानी है. आज हम कुछ अहम जानकारी पाठकों के लिए उपलब्ध करा रहे हैं.
प्राइवेसी का मतलब सिर्फ इतना नहीं कि आप अपने फोन, कंप्यूटर या व्हाट्सएप को पासवर्ड से लॉक कर दें. सबसे पहले तो आप ध्यान रखें कि अगर आप मोबाइल में किसी तरह का कोई भी एप्लीकेशन डाउनलोड या इंस्टॉल कर रहे हों तो एप्लीकेशन खोलते समय मांगी जाने वाली परमिशन को पढ़े बिना अप्रूव नहीं करना चाहिए. वरना आपके मोबाइल में रखे फोटो से लेकर वीडियो तक का परमिशन एप्लीकेशन बनाने वाले के पास चल जाता है. जिससे आपके मोबाइल हैक होने का डर बना रहता है.
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200 करोड़ से ज्यादा लोग व्हाट्सएप का करते हैं इस्तेमाल
सोशल मीडिया में क्रांति 2009 से शुरू हुई है. जब पहली बार व्हाट्सएप बनाया गया था. आज के समय में 200 करोड़ से ज्यादा लोग व्हाट्सएप पर इस्तेमाल पूरे विश्व में कर रहे हैं. सबसे पॉपुलर एप्लीकेशन में से एक एप्लीकेशन है व्हाट्सएप. सोशल मीडिया पर लोग समय बिता रहे हैं. लेकिन छोटी सी चूक के कारण बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. आपके मोबाइल का डाटा चोरी किया जा सकता है. आपके पर्सनल डीटेल्स तक सोशल मीडिया में पब्लिक हो सकते हैं.
भारत सरकार और गूगल कर रहे हैं फर्जी एप्लीकेशन को बैन
भारत सरकार और गूगल दोनों भारत से और गूगल प्ले स्टोर से खतरनाक और फर्जी एप्लीकेशन को बैन कर रहे हैं. जो लोग एप्लीकेशन को अपने मोबाइल या कंप्यूटर में डाउनलोड कर रहे हैं, उनके डाटा चोरी होने का डर बना हुआ है. साइबर अपराधी कई बार एप्लीकेशन से मोबाइल हैक कर पर्सनल फोटो और वीडियो निकाल कर फोटो पर फोटो शॉप कर किसी अन्य फोटो में आपको जोड़ देते हैं. इसे सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी देकर और लोगों को ब्लैकमेल करते हैं. इस तरह के क्राइम और घटना भी आजकल काफी ज्यादा देखने को मिल रही है. सोशल मीडिया में ऐसे वायरल फोटो और वीडियो भरे पड़े हैं, एक तरीके से यह भी क्राइम है. मामला दर्ज होने पर पुलिस कार्रवाई भी करती है.
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हम बताते हैं व्हाट्सएप में कैसे करें प्राइवेसी सेटिंग
• सबसे पहले व्हाट्सएप खोलने के लिए आप पैटर्न अनलॉक या पासवर्ड सेट करके रखें ताकि कोई दूसरा व्यक्ति आपके व्हाट्सएप को ना खोल सके.
• इसके बाद व्हाट्सएप के सेटिंग में जाकर आप अकाउंट में जाए और टू स्टेप वेरीफिकेशन पर अपना 6 नंबर का कोई पासवर्ड और मेल आईडी रजिस्टर कर दें. जिससे अगर कभी आपका व्हाट्सएप नहीं खुल रहा है तो इसकी सहायता से आप उसे आसानी से अनलॉक कर सकें.
• वही सेटिंग में जाने के बाद प्राइवेसी में जाएं और लास्ट सीन को नो-बड़ी कर दें. जिससे आप जब व्हाट्सएप पर ऑनलाइन रहते हैं और जब ऑफलाइन रहते हैं यह कोई ट्रेस ना कर सके.
• सेटिंग में प्राइवेसी में लास्ट सीन के नीचे आपको प्रोफाइल फोटो का ऑप्शन मिलेगा. जिसमें तीन ऑप्शन देखेगा एवरीवन, माय कांटेक्ट और नो-बड़ी. यूजर अपने हिसाब से इसमें ऑप्शन सेलेक्ट कर सकता है. माय कांटेक्ट सेलेक्ट करने से सिर्फ आपके कांटेक्ट के लोगों को ही आपका प्रोफाइल फोटो शो करेगा. वहीं नो-बड़ी सिलेक्ट करने से आपका प्रोफाइल फोटो आपके अलावा कोई नहीं देख सकेगा.
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फेसबुक पर ऐसे करें प्राइवेसी सेटिंग
• सबसे पहले फेसबुक एप्लीकेशन को लॉक कर दे. अपने फिंगरप्रिंट और पासवर्ड से लॉक करें. जिससे आपके अलावा कोई आपका फेसबुक आईडी इस्तेमाल कर सकें.
• इसके बाद आप अपने प्रोफाइल में जाकर सेटिंग में जाएं और आप अपने फेसबुक का लॉगइन पासवर्ड इस तरह से सेट करें जिससे कोई आपका आईडी ना खोल पाए. इसके लिए आपको 8 से 15 नंबर्स तक पासवर्ड डालना पड़ता है. जिसमें आप अल्फाबेट, न्यूमेरिकल्स और साइन को मिक्स कर पासवर्ड डालें. जिससे आपका फेसबुक आईडी आपके अलावा कोई दूसरा न खोल पाए.
• इसके अलावा जब भी आप कोई फोटो अपने फेसबुक में अपलोड कर रहें हो तब आपको एक ऑप्शन मिलता है जिसमें आप पब्लिक, फ्रेंड या ओनली मी में किसी एक को सिलेक्ट कर सकते हैं. जिससे आपकी फोटो सिर्फ उन्हीं को दिखेगी जिसको आप सेलेक्ट करेंगे.
• वही सेटिंग में जाकर अपने प्रोफाइल को आप प्राइवेसी प्रोटेक्ट कर दीजिए. जिससे आपके फेसबुक में जितने फ्रेंड है उनके अलावा आपका प्रोफाइल कोई अन्य व्यक्ति ना देख पाए.
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परमिशन को ध्यान से पढ़ें
कुछ ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्रोटेक्ट करने के स्टेप्स हैं जिसका यूज कर आप अपने एप्लीकेशन और एप्लीकेशन में डाले हुए फोटो को सुरक्षित रख सकते हैं. वहीं किसी भी एप्लीकेशन को लोकेशन, कॉन्टैक्ट और फोटो शेयर करने की परमिशन देने से पहले टर्म और कंडीशन को ध्यान से पढ़ लें. वरना एप्लीकेशन आपके मोबाइल को एक्सेस कर सकता है, और आप ब्लैक मेलिंग, डाटा लीक या ठगी के शिकार बन सकते हैं.
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हैकिंग के प्रकार
हैकिंग आमतौर पर तीन तरह की होती है, जिसमें-
- वाइट हेड हैकर: वाइट हेड हैकर मुख्यत: एक कंपनी के लिए काम करते हैं. उनकी कंपनी में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर की सिक्योरिटी में आए बग्स (लूप होल) को बताने और उसे दूर करने का काम करते हैं.
- ब्लैक हेड हैकर: ये वो लोग होते हैं जो दुनिया से छिपकर काम करते हैं. इनकी आइडेंटिटी फेक होती है. उनके नाम फेक होते हैं. इनकी टेक्निकल स्किल बहुत अच्छी होती है. ये डाटा हैकिंग या साइबर हैकिंग करने का काम करते हैं. इनका मकसद लोगों को परेशान करना और पैसा लेना होता है.
- ग्रे हेड हैकर: ग्रे हेड हैकर दोनों हेड हैकर का मिलाजुला रूप है. ये बुरे काम भी करते हैं और अच्छे काम भी करते हैं. इस तरीके के हैकर स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकिंग जैसे मामलों में जुड़े होते हैं. जैसे अगर यह किसी चीज का विरोध करते हैं, तो विरोध करने का तरीका इनका हैकिंग के थ्रू होता है. इनसे कहीं न कहीं एक ऑर्गनाइजेशन या एक देश को काफी नुकसान सहना पड़ता है.