रायपुर: कान, नाक और गला रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि "एलर्जी के कारण कान, नाक और गले की तकलीफ शुरू हो जाती है. यह ठंड और प्रदूषण की एलर्जी के कारण होता है. सर्दी में ज्यादा देखने को मिलती है. रायपुर में मौसम में प्रदूषण का असर भी ज्यादा रहता है. नाक की तकलीफ एलर्जी की शिकायत और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. प्रदूषण और ठंड का असर खासतौर पर छोटे बच्चे और बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलता है. अस्थमा और एलर्जी की तकलीफ इस आयु वर्ग में ज्यादा होती है."
सर्दी में कान नाक और गला पर असर: उन्होंने बताया कि "सर्दी होने के बाद इसका सीधा असर कान पर पड़ता है और कान में इंफेक्शन बढ़ जाता है. पहले से किसी को सुनने की तकलीफ और कान बहने की तकलीफ है, तो इस मौसम में और भी बढ़ जाती हैं. ऐसे समय में कान में इन्फेक्शन होने पर कान के परदे पर सूजन आ जाता है. कई बार कान की हड्डी में संक्रमण होने के कारण तकलीफ बढ़ने की संभावना रहती है."
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कान नाक और गला की समस्या पर डॉक्टर से ले परामर्श: कान, नाक और गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि " लंबे समय से सर्दी, कफ और सर दर्द जैसी समस्या है. उन्हें एंटीबायोटिक दवा लेने के साथ ही सर्दी बुखार की दवाई लेना चाहिए. कान, नाक और गला रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर से अपना इलाज कराना चाहिए. सामान्य सर्दी को बढ़ने से रोका जा सकता है. जब सर्दी होती है, तो नाक का संक्रमण गले और कान पर भी इसका असर पड़ता है. और सर्दी की वजह से ट्रांसिल में दर्द होने लगता है."
उन्होंने बताया कि "अगर खांसी होती है, तो खांसी आने के कारण कान के स्वर यंत्र में भी इसका असर दिखता है. आवाज बदल जाता है. लंबे समय तक इस तरह का संक्रमण नाक से गले में जाता है, तो इसका सीधा असर चेस्ट पर पड़ता है. अस्थमा जैसी समस्या बढ़ने की संभावना रहती है. ऐसे मरीजों को संक्रमण अगर लंबे समय तक रहता है, तो उन्हें सीधे डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए."