रायपुर : मानसून इस साल तय समय पर 1 जून को केरल पहुंच गया है, उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ में भी 8 से 10 जून तक मानसून पहुंच जाएगा. हवा की दिशा और रफ्तार सही बनी रही तो 12 से 15 जून के बीच रायपुर में भी मानसून की पहली बारिश होने की उम्मीद है. 25 मई को नौतपा लगने के तीन-चार दिन बाद से ही छत्तीसगढ़ के आसपास बन रहे सिस्टम से प्रदेश में बदली और बारिश के हालात बनने लगे हैं. उच्च दवाब बनने के कारण अरब सागर से छत्तीसगढ़ तक एक द्रोणिका बनी है. जिससे बस्तर में मानसून के 8 से 10 दिनों में पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
इस समय अरब सागर में एक और सिस्टम बना हुआ है, यह भी पूर्व मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर के बीच है. अवदाब उत्तर-पश्चिम महाराष्ट्र, दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम गुजरात होते हुए आगे बढ़ेगा. आगे बढ़ते हुए यह तूफानी चक्रवात में तब्दील होगा, इसी सिस्टम की वजह से ओडिशा से मध्य प्रदेश होते हुए छत्तीसगढ़ तक एक द्रोणिका बनी है. मानसून से पहले ही यह सिस्टम छत्तीसगढ़ में समुद्र से बड़ी मात्रा में नमी ला रहा है. सब कुछ सामान्य रहा तो बस्तर में 8 से 10 जून के बीच मानसून पहुंच जाएगा. 4-5 जून से यहां प्री मानसून की बारिश भी होने लगेगी. अरब सागर में बने सिस्टम और चक्रवात के कारण मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और प्री मानसून भी जल्द शुरू हो जाएगा.
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रायपुर में बीते 10 साल के मानसून का रिकॉर्ड-
साल 2010
17 जून को पहुंचा मानसून
94.6 मिलीमीटर हुई बारिश
साल 2011
17 जून को पहुंचा मानसून
190 मिलीमीटर हुई बारिश
साल 2012
18 जून को पहुंचा मानसून
259.2 मिलीमीटर हुई बारिश
साल 2013
9 जून को पहुंचा मानसून
285.7 मिलीमीटर हुई बारिश
साल 2014
19 जून को पहुंचा मानसून
86 मिलीमीटर हुई बारिश
साल 2015
14 जून को पहुंचा मानसून
268 मिलीमीटर हुई बारिश
साल 2016
17 जून को पहुंचा मानसून
165 मिलीमीटर हुई बारिश
साल 2017
21 जून को पहुंचा मानसून
167 मिलीमीटर हुई वर्षा
साल 2018
26 जून को पहुंचा मानसून
167 मिलीमीटर हुई बारिश
साल 2019
22 जून को पहुंचा मानसून
101 मिलीमीटर हुई वर्षा
रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य का कहना है कि मानसून के पूर्व की तैयारियां नगर निगम की ओर से लगभग पूरी कर ली गई. जलभराव वाले क्षेत्रों में भी साफ सफाई कराई गई है. सड़क किनारे की नालियों और बड़े-बड़े नालों में भी मानसून के पहले ही साफ सफाई का काम पूरा कर लिया गया है. जिससे बरसात का पानी इन नालियों से बह जाए और सड़कों पर पानी ना भरे.
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नगर निगम का दावा- नहीं होगा जलभराव
लेकिन राजधानी में कुछ ऐसी बस्तियां हैं जो निचले इलाकों में स्थित है, जिसकी वजह से बरसात का पानी भर जाता है. ऐसे इलाकों में बरसात के पानी को बाहर निकालने के लिए निगम प्रशासन ने पंप की व्यवस्था की है. निगम प्रशासन का दावा है कि इस साल राजधानी में जलभराव की स्थिति निर्मित नहीं होगी.
दावों में कितनी सच्चाई ये तो बारिश ही बताएगी
निगम के दावों में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाली बारिश ही बताएगी. हम भी उम्मीद करते हैं कि निगम की तैयारियां पूरी हो ताकि रायपुर वासियों को मानसून की बारिश में परेशानियों का सामना न करना पड़े